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CBSE ने शुरू की टर्म वन परीक्षा की तैयारी, एलओसी अपलोड करने का कार्य हुआ प्रारंभ

CBSE Examination सीबीएसई की ओर से एलओसी के कार्य के लिए शुल्क का भी निर्धारण किया गया है। बोर्ड ने इसके लिए 1500 रुपया निर्धारित की है। इसके अलावा स्कूल अन्य कार्य के लिए छात्रों से 200-500 रुपए की राशि चार्ज करेंगे।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 05:15 PM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 05:15 PM (IST)
CBSE ने शुरू की टर्म वन परीक्षा की तैयारी, एलओसी अपलोड करने का कार्य हुआ प्रारंभ
एलओसी बनाते समय स्कूलों को कई तरह के सत्यापन का कार्य करना होगा।

जमशेदपुर, जासं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के स्कूलों में कक्षा 10 और 12वीं में पढ़ने वाले छात्रों की सूची अपलोड करने का निर्देश बोर्ड की ओर से दिया गया है। यह कार्य 17 सितंबर से प्रारंभ हो गया है। जमशेदपुर की बात करें तो यहां के 24 सीबीएसई स्कूलों में दसवीं में 4 हजार तथा 12वीं में 4200 छात्र अध्ययनरत हैं। इन सभी छात्रों की सूची को स्कूलों को सीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in पर अपलोड करना है।

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इस सूची को बोर्ड की भाषा में एलओसी यानी कि लिस्ट ऑफ कैडिडेट्स (List of Candidates or LOC) कहा जाता है। इसके लिए शुल्क का निर्धारण भी किया गया है। इस संबंध में स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को कई निर्देश दिए गए है। साथ ही इस कार्य को गंभीरता पूर्वक करने को कहा गया है। यह निर्देश टर्म वन की परीक्षा को लेकर जारी किए गए है, जो कि नवंबर और दिसंबर में प्रस्तावित है। सूची को अपलोड करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर निर्धारित की गई है। बोर्ड की ओर से एलओसी के जमा करने को लेकर शुल्क का भी निर्धारण कर दिया गया है। मालूम हो कि आइसीएसई स्कूलों ने टर्म वन की परीक्षा को लेकर विस्तृत कार्यक्रम भी जारी कर दिया है।

एलओसी के लिए शुल्क भी हुआ निर्धारित

सीबीएसई की ओर से एलओसी के कार्य के लिए शुल्क का भी निर्धारण किया गया है। बोर्ड ने इसके लिए 1500 रुपया निर्धारित की है। इसके अलावा स्कूल अन्य कार्य के लिए छात्रों से 200-500 रुपए की राशि चार्ज करेंगे। एलओसी जमा करने के लिए शुल्क भुगतान अंतिम तिथि एक अक्टूबर तक है। विलंब शुल्क के साथ यह कार्य 10 अक्टूबर तक होगा। विलंब शुल्क 500 रुपया अतिरिक्त लगेगा।

स्कूलों को करना होगा वैरीफिकेशन

एलओसी बनाते समय स्कूलों को कई तरह के सत्यापन का कार्य करना होगा। माता-पिता से भी सही जानकारी लेनी होगी। यह भी पता लगाना होगा कि उनके यहां पढ़ने वाला बच्चा अन्य किसी बोर्ड में रजिस्टर्ड तो नहीं है। रेगुलर आने वाले छात्रों को ही स्कूल इस सूची में प्राथमिकता देंगे। अगर छात्रों को लेकर थोड़ी सी भी शंका हो तो स्कूलों को भौतिक रूप से भी सत्यापन करना होगा।


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