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CBSE Important Update : रिजल्ट में अब नहीं हो सकती छेड़छाड़, सीबीएसई इस तरह बना रहा ब्लॉकचेन

CBSE Important Update जेईई मेंस व नीट फर्जीवाड़ा के बाद केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। यही कारण है कि सीबीएसई छात्रों का डिजिटल रिजल्ट को ब्लॉकचेन सिस्टम से लैस कर रही है ताकि इसकी सुरक्षा में कोई सेंध नहीं लगा सके।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 07:45 AM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 09:35 AM (IST)
CBSE Important Update : रिजल्ट में अब नहीं हो सकती छेड़छाड़, सीबीएसई इस तरह बना रहा ब्लॉकचेन
रिजल्ट में अब नहीं हो सकती छेड़छाड़, सीबीएसई इस तरह बना रहा ब्लॉकचेन

जमशेदपुर, जासं। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के रिजल्ट में अब छेड़छाड़ करना संभव नहीं होगा, क्योंकि सीबीएसई ने खुद को पेपरलेस बनाने के लि ब्लॉकचेन नामक तकनीक की शुरुआत कर दी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सीबीएसई के सूचना और प्रौद्योगिकी निदेशक अंतरिक्ष जौहरी ने कहा है कि सीबीएसई ने ब्लॉकचेन कार्यान्वयन की शुरुआत की है, जिसमें अब रिजल्ट से छेड़छाड़ संभवन नहीं होगा।

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इससे पहले हमने संबद्धता प्रणालियों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) की शुरुआत की थी। नई प्रणाली में डाटा जुड़ा रहेगा, जिसे क्रिप्टोग्राफिक सुरक्षा के साथ संग्रहित किया जाता है ताकि यह अपरिवर्तनीय हो। यदि किसी ने इसमें कुछ भी छेड़छाड़ किया तो उसका आसानी से पता लगाया जा सकेगा।

नौकरी में भी प्रमाणपत्र सत्यापित करेगा ब्लॉकचेन

अंतरिक्ष जौहरी ने कहा कि ब्लॉकचेन उच्च शिक्षा या रोजगार के लिए जाने वाले छात्रों के प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए भी काम आएगा। इसके माध्यम से देश भर के छात्रों का विस्तृत विवरण या डाटा इसमें सुरक्षित रहेगा। अकादमिक (ब्लॉकचेन) दस्तावेज साफ्टवेयर बनाने के लिए सीबीएसई ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के ब्लॉकचैन प्रौद्योगिकी उत्कृष्टता केंद्र से मदद हासिल की है।

अब तक तीन वर्ष का डाटा हो चुका संग्रह

सीबीएसई के मुताबिक फिलहाल इसमें तीन वर्ष तक का डाटा संग्रह किया जा चुका है। अब 2029 से पहले का डाटा भी धीरे-धीरे अपलोड किया जा रहा है। सीबीएसई ने 2016 में ही परिणाम मंजूषा के नाम से अपना डाटा और अकादमिक डाटा बैंक बनाने की तैयारी करना शुरू कर दिया था।

ब्लॉकचेन तकनीक सभी भाग लेने वाले हितधारकों के स्वामित्व के साथ एक विस्तृत डाटा रिकार्ड करती है। डाटा को भागीदारों के बीच आम सहमति के आधार पर इसे श्रृंखला में दर्ज किया जाता है। इसके साथ ही ब्लॉकचेन नोड्स के नेटवर्क में सभी स्थानों पर उपलब्ध रहा है। इससे अब प्रमाणपत्र या मार्कशीट की सत्यता जांचने के लिए किसी तीसरे पक्ष पर निर्भरता को समाप्त करता है।


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