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PNB FRAUD: सीबीआइ की टीम लौटी, बैंक में पसरा सन्नाटा Jamshedpur News

रांची वापस लौट गई सीबीआइ की टीम बैंक अधिकारियों की कभी भी हो सकती गिरफ्तारी सहमे दिखे सहकर्मी।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Sat, 19 Oct 2019 03:30 PM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 09:16 AM (IST)
PNB FRAUD: सीबीआइ की टीम लौटी, बैंक में पसरा सन्नाटा Jamshedpur News
PNB FRAUD: सीबीआइ की टीम लौटी, बैंक में पसरा सन्नाटा Jamshedpur News

जमशेदपुर (जासं)। PNB पंजाब नेशनल बैंक के जमशेदपुर स्थित दो शाखाओं से करीब 17 करोड़ रुपये की छानबीन करने आई टीम शुक्रवार को रांची लौट गई, लेकिन इसका असर बैंक परिसर में दिख रहा है। 

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तीन दिन से टीम के अधिकारी जमशेदपुर में कैंप कर रहे थे। इस बीच उन्होंने बिष्टुपुर व मानगो शाखा में फर्जीवाड़े से संबंधित जानकारी जुटाई, तो गुरुवार को आरोपितों के ठिकानों पर छापेमारी की।

चूंकि आरोपितों ने फर्जी नाम-पता व कागजात के सहारे बैंक को चूना लगाया, इसलिए उन्हें सीधे-सीधे खोजने में सीबीआई को परेशानी हो रही है। बताया जाता है कि टीम अब अपराधियों तक पहुंचने के लिए बैंक अधिकारियों को दबोचने का निर्णय लिया है।

इस प्रकरण में यह स्पष्ट हो गया है कि बिना बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से यह काम संभव ही नहीं है। निश्चित रूप से ये बैंक अधिकारी उन आरोपितों को ना केवल अच्छी तरह जानते होंगे, बल्कि उन्होंने ही आरोपितों को फर्जीवाड़ा का तरीका भी बताया होगा। सीबीआई की टीम इस आशय का संकेत देकर यहां से रवाना हुई, जिससे पंजाब नेशनल बैंक के अधिकारियों-कर्मचारियों में दहशत का माहौल है। शुक्रवार को मानगो व बिष्टुपुर ही नहीं, अन्य शाखाओं में भी कर्मचारियों की चर्चा फर्जीवाड़ा और इसके अंजाम पर ही केंद्रित रही। कुछ अधिकारी पूर्व के अनुभवों का हवाला देते हुए कह रहे थे, कुछ नहीं होगा। थोड़ी सी बदनामी, कुछ माह जेल, फिर आराम ही आराम। 

कमीशन, गिफ्ट व ऐश ने बंद कर दी आंख

पंजाब नेशनल बैंक के जिन अधिकारियों ने वर्ष 2013 से 2015 के बीच फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया, उन्होंने चंद रुपये के लालच में ऐसा किया। बताते हैं कि ऐसे फर्जीवाड़े बैंक में आम हैं। पांच करोड़ से नीचे का फर्जीवाड़ा तो बाहर आ भी नहीं पाता।

एक-दो इंक्रीमेंट कम करने और तबादला करके मामले की लीपापोती कर दी जाती है। इस मामले में भी कमीशन, गिफ्ट और शराब-शबाब के बदले फर्जीवाड़ा होने दिया गया। दस पर्सेंट कमीशन तो सामान्य बात है, कई बार अधिकारियों ने खुश होकर ओवरड्राफ्ट की स्वीकृत कर दी थी। बहुत जल्द सीबीआई संबंधित अधिकारियों को गिरफ्तार करके फर्जीवाड़ा का खुलासा करेगी।  


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