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मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट में दो नाबालिगों के साथ यौन शोषण का मामलाः राजनीतिक दलों और संगठनों की चुप्पी रहस्यमय

दो नाबालिग से यौन शोषण मामले में टेल्को स्थित मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट के संचालक हरपाल सिंह थापर बाल कल्याण समिति की चेयरपर्सन पुष्पा रानी तिर्की वार्डेन गीता देवी उसके पुत्र आदित्य सिंहकी गिरफ्तारी पांच दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस नहीं कर पाई है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Fri, 11 Jun 2021 04:46 PM (IST)Updated: Fri, 11 Jun 2021 04:46 PM (IST)
मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट में दो नाबालिगों के साथ यौन शोषण का मामलाः राजनीतिक दलों और संगठनों की चुप्पी रहस्यमय
राजनीतिक दलों, महिला और सामाजिक संगठनों की चुप्पी सवालों के घेरे में है।

जमशेदपुर, जागरण संवाददाता : दो नाबालिग से यौन शोषण मामले में टेल्को स्थित मदर टेरेसा वेलफेयर ट्रस्ट के संचालक हरपाल सिंह थापर, बाल कल्याण समिति की चेयरपर्सन पुष्पा रानी तिर्की, वार्डेन गीता देवी, उसके पुत्र, आदित्य सिंह, टोनी डेविड समेत अन्य नामजद आरोपितों की गिरफ्तारी पांच दिन बीत जाने के बाद भी टेल्को थाना की पुलिस नहीं कर पाई है। वहीं मामले में राजनीतिक दलों, महिला और सामाजिक संगठनों की चुप्पी सवालों के घेरे में है।

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इतने गंभीर मामले में कोई भी संगठन खुलकर सामने नहीं आया। गिरफ्तारी को लेकर आंदोलन नहीं किए। सबकी चुप्पी रहस्यमय है। मनोज गुप्ता, अंकित आनंद, शैलेश करुवा, दर्श चौधरी समेत कुछ युवा मामले को लेकर आए। एसएसपी से लेकर जमशेदपुर उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा जिसके बाद उपायुक्त ने मामले की जांच को 11 सदस्यीय टीम गठित की। ट्रस्ट के खिलाफ आवाज उठाने वालों को धमकी भी मिल रही है। अब तक जितने भी लोग आए विरोध में आए। सभी टेल्को इलाके के ही है। वहीं पूरे मामले में पुलिस की कार्रवाई जिस तरीके से चल रही है। उससे नहीं लगता कि मामले कुछ आगे हो पाएगा। बताया जा रहा कि ट्रस्ट के संचालक का कुछ पुलिस अधिकारियों से भी मधुर संबंध है जिस कारण आरोपितों के सुरक्षित निकल जाने के बाद दिखावे को छापेमारी की कार्रवाई शुरू हुई। इंटरनेट मीडिया पर ट्रस्ट की गतिविधि उजागर की जा रही है। टेल्को के जिस शमशेर टावर में ट्रस्ट का कार्यालय और शेल्टर सेंटर है। वहां रहने वाले लोग ट्रस्ट के संचालक की दबंगई से परेशान रहे है। कई लोगों ने फ्लैट भी छोड़ दिया। उपायुक्त की गठित 11 सदस्यीय जांच टीम में पांच महिला पदाधिकारी है जो मामले की जांच कर रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई देखने को नहीं मिली।


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