पीएफ कर्मी की लाश मिलने के नौ दिन बाद दर्ज हुआ केस, जानिए पूरी कहानी Jamshedpur News
कार्यालय के शौचालय में पीएफ कर्मचारी की लाश मिलने के नौ दिन बाद हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस बयान का इंतजार कर रही थी।
जमशेदपुर, जेएनएन। जमशेदपुर के कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ईपीएफओ कार्यालय के शौचालय में कर्मचारी की लाश मिली। इसे खुदकशी बताया गया। कर्मचारियों ने खुदकशी की वजह अत्यधिक काम का दबाव बताया और अधिकारियों को कठघरे में खड़ा किया। कर्मचारियों ने इस मुद्दे पर एक दिन की हड़ताल भी की। विभाग के उच्चाधिकारियों ने जांच की और इस बात को खारिज किया कि काम का दबाव खुदकशी का कारण नहीं था। बहरहाल, इस मामले में नौ दिन बाद प्राथमिकी दर्ज की गई और इस आधार पर पुलिसिया जांच की गाड़ी आगे बढ़ेगी।
साकची थाने में प्राथमिकी मृतक रामनरेश प्रसाद के रिश्तेदार सुदेश कुमार के बयान पर दर्ज की गई है। पुलिस पिछले आठ दिन से बयान का इंतजार कर रही थी क्योंकि रामनरेश प्रसाद की लाश मिलने के बाद जो बयान परिजन की ओर से दिया गया था उसमें सुधार की बात कही गई थी। नौ दिन बाद हालांकि, बयान पूर्ववत ही रहा और इस आधार पर हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गई है। बयान में सुदेश कुमार ने कहा है कि सुरेश प्रसाद ने खुदकशी नहीं की बल्कि उनकी हत्या की गई। हत्या कर शव को तीन से पांच जुलाई तक कार्यालय के शौचालय में छिपाकर रखा गया। कार्यालय के अधिकारियों को आरोपी बनाते हुए सुदेश ने कहा है कि तीनों दिन कार्यालय में कामकाज हुआ, लेकिन किसी ने शौचालय में शव होने की जानकारी नहीं दी।
तीन जुलाई से गायब थे रामनरेश प्रसाद
पीएफ कर्मी परसूडीह के शांतिनगर इलाके में रहते थे। वे तीन जुलाई से ही गायब थे। वे यह कहकर घर से निकले थे कि एक दोस्त के घर शादी में शरीक होने रांची जाएंगे। वे ड्यूटी कर रांची निकल जाएंगे इसलिए रात में घर नहीं लौटेंगे। परिवार के लोग उनके नहीं लौटने को लेकर इत्मीनान रहे। इसके बाद पांच जुलाई को कार्यालय के एक कर्मचारी ने रामनरेश प्रसाद के बीमार होने की जानकारी घर पर दी। परिवार के लोग जब कार्यालय पहुंचे तो पाया कि रामनरेश प्रसाद शौचालय में फंदे से लटके हैं। इसी आधार पर परिजनों को आशंका है कि रामनरेश की हत्या की गई और इसे आत्महत्या का रूप देने के लिए फंदे से लटका दिया गया। बहरहाल, पुलिस का कहना है कि जांच में सामने आनेवाले तथ्यों पर आगे कार्रवाई होगी।