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50 बेड का कैंसर अस्पताल लटका, एक छत के नीचे इलाज नहीं

डिमना चौक स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज में बनने वाले 50 बेड का कैंसर अस्पताल दस वर्षो से लटका हुआ है। इसे खुलने की उम्मीद कम हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Feb 2020 08:39 AM (IST)Updated: Tue, 04 Feb 2020 08:39 AM (IST)
50 बेड का कैंसर अस्पताल लटका, एक छत के नीचे इलाज नहीं
50 बेड का कैंसर अस्पताल लटका, एक छत के नीचे इलाज नहीं

कैंसर दिवस पर विशेष

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जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : डिमना चौक स्थित महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज में बनने वाले 50 बेड का कैंसर अस्पताल दस वर्षो से लटका हुआ है। इसे खुलने की उम्मीद कम हो गई है।

बीते माह स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. नीतिन मदन कुलकर्णी से इस संदर्भ में एक सवाल पूछा गया था तो वे गोल मटोल जवाब देकर चलते बने थे। इस अस्पताल को खोलने की कवायद बीते दस सालों से चल रही है। केंद्र व राज्य सरकार की मदद से यह अस्पताल बनना है। इधर, शहर में कैंसर रोगियों की संख्या बढ़ रही है। कोल्हान में हर साल करीब तीन हजार नए रोगी सामने आ रहे हैं। लेकिन, एक छत के नीचे कहीं भी समूचित इलाज की सुविधा नहीं है। ब्रह्मानंद में सर्जरी की सुविधा है तो रेडियेशन नहीं होता। वहीं मेहरबाई कैंसर अस्पताल में रेडियेशन की सुविधा है तो सर्जरी नहीं होती। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सर्जरी व कीमो चढ़ाया जाता है लेकिन, यहां पर सुविधा का अभाव है। जिसके कारण मरीजों को लाभ नहीं मिल रहा है।

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कैंसर मरीजों के लिए एमजीएम में होगा पांच बेड

डॉ. नीतिन मदन कुलकर्णी ने एमजीएम अधीक्षक को अस्पताल में कैंसर रोगियों के लिए पांच बेड आरक्षित करने का निर्देश दिया था लेकिन अबतक यह सुविधा शुरू नहीं हो सकी है। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन इस क्षेत्र में कवायद तेज कर दी है। जल्द ही सर्जरी विभाग में पांच बेड दिया जा सकता है।

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शहर में सभी तरह के कैंसर रोगियों की बढ़ रही संख्या

वर्ष मरीज

2015 2987

2016 3000

2017 3010

2018 3070

2019 3108

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किससे कितने पीड़ित

कैंसर फीसद

मुंह 18.5

बच्चेदानी 16

ब्रेस्ट 13

पित की थैली 05

सांस की नली 07

हड्डी 03

स्किन 02

ब्लड 02

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कोट ::

सभी तरह के कैंसर रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जोकि चिंता का विषय है। आयुष्मान भारत योजना लागू होने से कई गंभीर मरीजों की सर्जरी कर उनकी जान बचाई गई है। कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक होने की जरूरत है।

- डॉ. आशीष कुमार, कैंसर सर्जन, ब्रह्मानंद अस्पताल।

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कैंसर के लक्षण

- अत्याधिक थकान : शरीर में अत्याधिक थकान का बने रहना, ब्लड प्लेटलेट्स या लाल रक्त कोशिकाओं में गड़बड़ी का कारण हो सकता है।

- बेवजह वजन घटना : बगैर किसी कारण अचानक वजन कम होने पर इसे अनदेखा न करें।

- कमजोरी : सामान्य कमजोरी और थकान का बना रहना कई प्रकार के कैंसर के लक्षणों में शामिल है।

- फोड़ा या गांठ : शरीर के किसी भाग में कोई फोड़ा, गांठ या फिर कोई त्वचा के कई सारी परतें, जो एक ही जगह पर इकट्ठा हुई हों।

- कफ और सीने में दर्द : लंबे समय तक कफ बना रहना और सीने में दर्द होना, ल्यूकेमिया के साथ ही कई प्रकार के कैंसर का खतरा पैदा करता है।

- कूल्हे या पेट में दर्द : कूल्हे या पेट के निचले भाग में होने वाला दर्द भी किसी प्रकार से सामान्य नहीं है। पेट में दर्द होने पर कुछ ही देर में सूजन आ जाना, ऐंठन होना, गर्भाशय का कैंसर हो सकता है।

- निप्पल में बदलाव : निप्पल के आकार में अचानक बदलाव आना ब्रेस्ट कैंसर का कारण हो सकता है।

- पीरियड्स में तकलीफ : माहवारी में अत्यधिक दर्द और असमय खून का स्त्राव होना, वेजाइनल कैंसर का लक्षण हो सकता है।

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