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Weekly News Roundup Jamshedpur: जूता सिलाई से चंडी पाठ तक

Weekly Education News Roundup Jamshedpur झारखंड में सत्ता का हाल बदलने का कुछ न कुछ असर जमशेदपुर के शिक्षा जगत में भी देखा जा रहा है। पढ़ें हफ्तेभर की हलचल।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Tue, 21 Jan 2020 11:31 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jan 2020 09:06 AM (IST)
Weekly News Roundup Jamshedpur:  जूता सिलाई से चंडी पाठ तक
Weekly News Roundup Jamshedpur: जूता सिलाई से चंडी पाठ तक

जमशेदपुर (वेंकटेश्‍वर राव)। सूबे में बदले सियासी माहौल का असर जिले के शिक्षा महकमे में भी देखा जा रहा है। अब जिला स्‍तर पर उच्‍च पद पर बैठे हाकिम इस चाहत में हैं कि अपने हिसाब से फील्डिंग किस तरह सजाएं ताकि अपनी बनी रहे और सिस्‍टम भी चलता रहे। राह तलाशी जा रही है। वहीं उच्‍च शिक्षा में चल रहे गड़बड़झाले पर भी नए सिरे से निगाह दौड़ाई जा रही है। आइए जानते हैं जिले के शिक्षा जगत में पिछले एक सप्‍ताह की क्‍या रही हलचल...

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जूता सिलाई से चंडी पाठ तक

यहां शिक्षा विभाग के मालिक हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी शिवेंद्र कुमार। इनके दफ्तर में तृतीय वर्ग के कर्मचारी का एक भी पद स्वीकृत नहीं है। चतुर्थ वर्गीय में मात्र एक कर्मचारी का पद है। कार्यालय में कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति कर किसी तरह काम चलता है। इस कारण शिवेंद्र कुमार को जूता सिलाई से चंडी पाठ तक करना पड़ता है। कभी-कभार तो खुद ही फाइल ढोते भी नजर आते हैं। राज्य सरकार भी कार्यालय में कर्मचारियों की नियुक्ति की स्वीकृति देने को गंभीर नहीं है। तकनीक की दुनिया में कंप्यूटर ऑपरेटर का भी पद स्वीकृत नहीं है। दैनिक वेतनभोगी के नाम पर काम कराया जा रहा है। इनके वेतन के लिए शिवेंद्र कुमार को अनुनय विनय करना पड़ता है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का आदेश देने वाले विभाग के एक महत्वपूर्ण पदाधिकारी का जब यह हाल है तो अन्य सरकारी स्कूलों में किस तरह से काम होता होगा, इसका अंदाजा लगा सकते हैं।

जांच में गड़बड़ी के बावजूद भुगतान

जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज में सफाई और विज्ञान उपकरणों की गड़बड़ी उजागर होने के बाद कोल्हान विश्वविद्यालय ने इसकी जांच कराई थी। डीन साइंस डॉ.रवींद्र कुमार की अध्यक्षता में बनी जांच समिति ने गड़बड़ी पायी थी। पाया था कि 14 लाख रुपये में जो साइंस के उपकरण खरीदे गए हैं, मानकों और नियमों का पालन नहीं किया गया है। इस रिपोर्ट के बाद राशि की निकासी पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन, 15 दिन पहले विश्वविद्यालय के वित्त विभाग ने जांच रिपोर्ट को दरकिनार करते हुए विश्वविद्यालय के एक वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर छह लाख रुपये का भुगतान कर दिया है। अन्य राशि के भुगतान की भी तैयारी चल रही है। ऐसे में जांच टीम के गठन के औचित्य पर ही सवाल उठ रहे हैं। इस मामले में विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों के बीच आपसी रस्साकशी भी जारी है। इस बात की चर्चा कोल्हान विश्वविद्यालय मुख्यालय में जोरों पर है।

निष्ठा बना अनिष्ठा की चर्चा

इन दिनों पूरे राज्य के साथ-साथ पूर्वी सिंहभूम में निष्ठा प्रशिक्षण चल रहा है। इसके लिए प्रत्येक बैच में एक-एक प्रोजेक्टर सेट के लिए 12,500 रुपये प्रदान किए गए हैं। एक ही स्थान पर दो-दो बैच रोजाना चल रहे हैं। उस हिसाब से 25 हजार रुपये एक प्रखंड संसाधन केंद्र को एक दिन के लिए मिल रहे हैं। एक सप्ताह तक एक बैच को प्रशिक्षण दिया जाएगा। कुल सात से दस बैच का प्रशिक्षण एक ही जगह होगा। बाजार में प्रोजेक्टर सेट 35 हजार रुपये में खरीदने पर मिल जाता है। ऐसे में केंद्र के एकाउंटेंट बाबुओं ने भाड़े पर प्रोजेक्टर को ले रखा है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षकों को इसकी भनक लगने के बाद निष्ठा में अनिष्ठा की भावना जग चुकी है। इसके अलावा भोजन की गुणवत्ता पर भी शिक्षकों द्वारा सवाल उठाये जा रहे हैं। इस प्रशिक्षण में विभिन्न मदों में छप्पर फाड़ राशि दी गई है।

अब होगी 20 करोड़ की समीक्षा

कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति की ओर से परिसर में चल रही 20 करोड़ की योजनाओं की समीक्षा कराने की योजना है। परिसर में सुंदरीकरण, सड़क निर्माण, पार्क निर्माण, गेस्ट हाउस निर्माण का कार्य 80 प्रतिशत से अधिक पूर्ण हो चुका है। यह कार्य भवन निर्माण विभाग की देखरेख में कराया जा रहा है। इसकी निगरानी विवि की ओर से सही ढंग से नहीं हो पाई। अब इनका फिनिशिंग होना बाकी है। विवि को अंदेशा है कि निर्माण सही ढंग से नहीं हुआ है। डीपीआर के अनुरूप काम नहीं हुआ है। इसलिए इन योजनाओं की संचिकाएं एकत्र कर एक सप्ताह में रजिस्ट्रार के कार्यालय में प्रस्तुत करने का आदेश सीसीडीसी डॉ. केएन प्रधान को दिया गया है। सीसीडीसी इन संचिकाओं को एकत्र करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके बाद रिपोर्ट बनाकर विवि उच्च शिक्षा विभाग को भेजेगा। वहां से मामला भवन निर्माण विभाग को जाएगा। यह कवायद चर्चा में है।


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