एनएच के गड्ढों में कूद कर धीमी हो गई स्कूटी, पल भर में बदल गया नजारा
एनएच के गड्ढों ने दो और लोगों की जान ले ली। दुर्घटना में जमशेदपुर के फर्नीचर कारोबारी और उनके कर्मचारी की मौत हो गई।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। एनएच के गड्ढों ने दो और लोगों की जान ले ली। सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह थाना क्षेत्र के बामनी पुल के पास सड़क दुर्घटना में जमशेदपुर के फर्नीचर कारोबारी 40 वर्षीय इकबाल सिंह और उनके कर्मचारी 50 वर्ष के सुल्तान अली की मौत हो गई। फर्नीचर कारोबारी व्यापार के सिलसिले में स्कूटी से रघुनाथपुर जा रहे थे। हादसा सिरका गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) 32 पर सुबह करीब 10 बजे हुआ।
भुईयांडीह के स्लैग रोड निवासी इकबाल सिंह डिमना रोड स्थित फर्नीचर शोरूम से अपने कर्मचारी मानगो के मुंशी मोहल्ला निवासी सुल्तान को लेकर सुबह निकले थे। वे खुद स्कूटी चला रहे थे। बामनी पुल के पास अचानक उनकी स्कूटी एनएच के गड्ढों में कूद कर धीमी हो गई। तभी पीछे से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने दोनों को रौंद दिया। हादसा इतना भीषण था कि स्कूटी के परखच्चे उड़ गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सुल्तान ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। इकबाल सिंह की सांस चल रही थी। मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना दी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस गंभीर रूप से जख्मी इकबाल सिंह को लेकर नीमडीह अस्पताल पहुंची। यहां डाक्टरों ने इकबाल सिंह को मृत घोषित कर दिया।
बेटी की बात मान लेते तो बच जाती जान
इकबाल सिंह यदि बेटी हरमीरत कौर की बात मान लेते और नहीं जाते तो हादसे का शिकार नहीं होते। बेटी ने उन्हें घर जाने से रोका था। नौ बजे उनके भाई लक्की ने उन्हें फोन किया और उनसे बात हुई। उनके भाई ने रो रो कर भाई की दास्तान सबको सुनाई। इकबाल के भाई लक्की ने बताया कि नौ बजे उन्होंने भाई इकबाल को फोन किया। उन्होंने फोन उठाया और महाजन को पैसा दे देने को कहा। थोड़ी देर बाद फिर काम पड़ने पर भाई के नंबर पर फोन किया तो नीमडीह के थानेदार ने फोन उठाया। थानेदार के भाई के बारे में बताते ही घर में रोना-पीटना मच गया। इकबाल सिंह अपने मामा के साथ फर्नीचर का संयुक्त कारोबार करते हैं।
पांच साल से दुकान में काम पर था सुल्तान
सुल्तान इकबाल सिंह की मानगो के डिमना रोड स्थित दुकान पर पांच साल से काम करता था। इकबाल सिंह ने सुल्तान को सुबह तड़के फोन किया और रघुनाथपुर चलने के लिए तैयार रहने को कहा। सुबह तकरीबन आठ बजे जब इकबाल स्कूटी लेकर पहुंचे तो सुल्तान उनके साथ चला गया। वो घर से सिर्फ चाय-बिस्कुट खाकर ही निकला था।
तगादा करने निकले थे
इकबाल सिंह से जमशेदपुर के आसपास के दुकानदार फर्नीचर ले जाते थे। उनका आसपास के कारोबारियों पर पैसा बाकी था। वो बकाया वसूलने के लिए ही घर से निकले थे।
चांडिल में एक दुकान से लिया था बकाया
सुबह साढ़े नौ बजे के करीब इकबाल सिंह चांडिल में रुके थे। यहां उन्होंने सुल्तान के साथ एक दुकान पर चाय भी पी। इसके बाद वो यहां फर्नीचर दुकान पर गए और दुकानदार से बकाया वसूलने के बाद रघुनाथपुर के लिए रवाना हो गए।
ट्रक चालक फरार
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हादसे के बाद ट्रक का चालक नीचे उतरा लेकिन, लोगों को आता देख ट्रक छोड़ कर फरार हो गया।
आशीर्वाद से भी नहीं टली मौत
इकबाल घर से रघुनाथपुर के लिए निकलने से पहले अपने मामा बलविंदर सिंह के पास गए थे। बलविंदर सिंह बताते हैं कि उन्हें उन्होंने समझाया कि किससे कितने रुपये लेने हैं। इसके बाद आशीर्वाद दिया और संभल कर स्कूटी चलाने को कहा। उन्हें क्या पता था कि उनका आशीर्वाद भी इकबाल सिंह की मौत नहीं टाल पाएगा।
पुत्री की शादी की तैयारी कर रहे थे सुल्तान
पोस्ट आफिस रोड मुंशी मोहल्ला निवासी सुलतान अहमद की मौत जानकारी मिलते ही घर में कोहराम मच गया। मृतक सुलतान अपनी पुत्री की शादी करने की तैयारी में जुटे थे। जानकारी मिलते ही परिजन पहुंचने लगे बेटी ने रोका था इकबाल को
भुइयांडीह निवासी नेशनल फर्नीचर के मालिक इकबाल सिंह के भाई चंचल सिंह ने बताया कि जब भैया सुबह आठ बजे घर से निकल रहे थे तब भतीजी उनसे कहीं नहीं जाने को काफी जिद कर रही थी, इस पर उन्होंने पुत्री को समझाया कि वह नहीं जाएंगे। जब 11 वर्षीय पुत्र यशराज व पुत्री हरमीरत कौर केपीएस एनएमएल स्कूल के लिए निकल गई तब वे मैनेजर के साथ रघुनाथपुर के लिए निकल गए।