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टाटा से भागलपुर व पटना के लिए रवाना हुई तीन बसें

भागलपुर जाने वाली बस का टिकट मानगो बस स्टैंड से ही दिए गए। जबकि पटना जाने वाली बसों का टिकट यात्रियों को स्टैंड से बाहर बुलाकर दिए गए।

By JagranEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 09:10 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 05:15 AM (IST)
टाटा से भागलपुर व पटना के लिए रवाना हुई तीन बसें
टाटा से भागलपुर व पटना के लिए रवाना हुई तीन बसें

जासं, जमशेदपुर : अंतरराज्यीय बस के परिचालन पर झारखंड सरकार ने रोक लगाई है। इसके बावजूद धड़ल्ले से पटना सहित बिहार के अन्य जिलों के लिए टिकटों की बुकिग हो रही है। बुधवार को भी पटना के लिए दो बसों का परिचालन हुआ, जबकि एक बस भागलपुर के लिए मानगो से खुली। भागलपुर जाने वाली बस का टिकट मानगो बस स्टैंड से ही दिए गए। जबकि पटना जाने वाली बसों का टिकट यात्रियों को स्टैंड से बाहर बुलाकर दिए गए। भागलपुर जाने वाली बस से यात्रियों को दुमका तक ले जाया गया, फिर झारखंड-बिहार के सीमा के पास खड़ी एक दूसरी बस से इन यात्रियों को भागलपुर के लिए रवाना किया गया। टाटा से दुमका तक गई बस का परमिट दुमका तक ही है। इन यात्रियों से भागलपुर तक का किराया मानगो बस स्टैंड में ही ले लिया गया। पटना जाने वाली बसों की संख्या कम है, लेकिन यात्रियों की संख्या अधिक है। इसलिए मुंहमांगी कीमत पर सीट मिल रही है। जरूरतमंदों एक-एक सीट ढाई हजार रुपये तक बिकी है। प्रतिदिन टाटा से बिहार बस जा रही है, लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारी मौन धारण किए हुए है। झारखंड से बिहार जाने के दौरान पड़ने वाले चेक नाका पर भी बस संचालकों द्वारा चढ़ावा चढ़ाया जाता है। इसके बाद बस आसानी से झारखंड की सीमा पार कर रही है। धर पकड़ से बचने के लिए बस संचालक जगह बदल बदल कर बसों का परिचालन पटना के लिए प्रतिदिन कर रहे है। यात्रियों को भी फोन पर ही बस के खड़े होने की सूचना देते हैं और जब यात्री बताए पते पर पहुंचता है तो उसे लेकर पटना के लिए बस रवाना हो रही है।

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टाटा की बस पलामू से नई दिल्ली दौड़ रही

टाटा से भागलपुर जाने वाली एक लंबी दूरी की बस अब पलामू से नई दिल्ली के बीच दौड़ रही है। पहले टाटा से भागलपुर यह बस का परिचालन मानगो बस स्टैंड से होता था। कुछ दिनों से इसको पलामू ले जाया गया है।

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दिन भर चार पहिया से ढोते रहे यात्रियों को पटना

फोन कीजिए और सीट लीजिए जी हां, चार पहिया वाहनों में यही सूत्र काम कर रहा है। चार पहिया को पटना तक भेजने वाले संचालकों के मोबाइल दिन भर बजते रहते है। प्रत्येक फोन करने वाला यात्री पटना जाने के लिए मुंहमागी कीमत देने के लिए तैयार रहता है,लेकिन चार पहिया वाहन कहां से जाएगी यह नहीं बताया जाता है। यात्रियों को फोन पर ही पूरी जानकारी देने के बाद कहा जाता है कि सीट पर बैठते ही पूरे रुपये का भुगतान करना होगा। चार पहिया वाहन में 1800 रुपये से तीन हजार रुपये तक पटना ले जाने के लिए यात्रियों से लिए जा रहे हैं। मानगो स्थित एक पेट्रोल पंप में एक यात्री पटना जाने के लिए पहुंचा था। एजेंट ने फोन कर उसे वहीं बुलाया था। कुछ देर के बाद फिर एजेंट का फोन उस यात्री को आया तो वह पेट्रोल पंप से कुछ दूरी पर खड़ी मारुति कार में बैठकर पटना के लिए रवाना हो गया। पटना जाने के लिए उस यात्री से 1800 रुपये लिए गए थे और फोन पर ही एजेंट से पटना के लिए सौदा हुआ था।


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