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अलाव तापना पड़ा महंगा, दो माह में 25 की गई जान

ठंड में अलाव तापना महंगा पड़ रहा है। रोजाना एक-दो लोग झुलसकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। बुधवार को भी नीमडीह से युवक राजकुमार मार्डी झुलसकर एमजीएम पहुंचा। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीते दो माह में 70 लोग झुलसकर पहुंचे हैं। इसमें बच्चे व बुजुर्गो की संख्या अधिक है। अधिकांश लोग अलाव तापने के दौरान झुलसे हैं। बीते नवंबर से जनवरी के बीच कुल 70 जले मरीजों को भर्ती किया गया। इसमें 25 लोगों की मौत हो गई। वहीं नवंबर-2017 से लेकर जनवरी-18 तक कुल 86 मरीजों को भर्ती किया गया था। इसमें 45 लोगों की मौत हो गई थी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 08:00 AM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 08:00 AM (IST)
अलाव तापना पड़ा महंगा, दो माह में 25 की गई जान
अलाव तापना पड़ा महंगा, दो माह में 25 की गई जान

जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : ठंड में अलाव तापना महंगा पड़ रहा है। रोजाना एक-दो लोग झुलसकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। बुधवार को भी नीमडीह से युवक राजकुमार मार्डी झुलसकर एमजीएम पहुंचा। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीते दो माह में 70 लोग झुलसकर पहुंचे हैं। इसमें बच्चे व बुजुर्गो की संख्या अधिक है। अधिकांश लोग अलाव तापने के दौरान झुलसे हैं। बीते नवंबर से जनवरी के बीच कुल 70 जले मरीजों को भर्ती किया गया। इसमें 25 लोगों की मौत हो गई। वहीं नवंबर-2017 से लेकर जनवरी-18 तक कुल 86 मरीजों को भर्ती किया गया था। इसमें 45 लोगों की मौत हो गई थी।

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बेड 20 और मरीज 26

एमजीएम अस्पताल के बर्न यूनिट के इंचार्ज डॉ. ललित मिंज ने बताया कि ठंड के दिनों में झुलसने वाले मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। फिलहाल 20 बेड पर 26 मरीज भर्ती हैं। जगह नहीं होने की वजह से एक बेड पर दो मरीजों को भर्ती करना मजबूरी है।

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ओझा-गुनी के चक्कर में फंस जाते मरीज, देर से पहुंचते अस्पताल

जलने के बाद अधिकांश मरीज ओझा-गुनी के चक्कर में फंस जाते हैं और वे अस्पताल देर से पहुंचते हैं। इससे उनका मर्ज और भी बढ़ जाता है। चिकित्सकों के अनुसार झुलसे हुए मरीजों को सीधे अस्पताल पहुंचता चाहिए। शरीर पर जड़ी-बूटी लगने से इंफेक्शन की आशंका बढ़ जाती है और मरीज गंभीर हो जाता है। इसके कारण मरीजों की मौत हो जाती है। अगर कोई व्यक्ति आग से झुलसता है तो उसे भागना नहीं चाहिए, इससे आग और भी फैल जाती है। सबसे पहले मरीज को जमीन पर लेटा कर उसके उपर कंबल या फिर कोई कपड़ा डालना चाहिए। इसके बाद तुरंत पानी फेंकना और अस्पताल पहुंचना चाहिए। घाव गहरा होने से चर्म प्रत्यारोपण की भी जरूरत पड़ सकती है।

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ठंड में अलाव तापने के क्रम में झुलसने वाले मरीजों की संख्या अधिक है। रोजाना एक-दो लोग झुलसकर अस्पताल पहुंच रहे हैं और मौत भी हो रही है। अलाव तापने के दौरान विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

- डॉ. ललित मिंज, इंचार्ज, बर्न यूनिट, एमजीएम।


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