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Tata steel में अधिकतम 2.68 लाख रुपये बोनस Jamshedpur News

टाटा स्टील में मंगलवार को बोनस समझौता हो गया है। यहां कर्मचारियों को 15.86 फीसद बोनस मिलेगा। कंपनी में एक दिन पूर्व ही ग्रेड रिवीजन समझौता हुआ था।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 12:39 PM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 08:42 PM (IST)
Tata steel में अधिकतम 2.68 लाख रुपये बोनस Jamshedpur News
Tata steel में अधिकतम 2.68 लाख रुपये बोनस Jamshedpur News

जमशेदपुर, जेएनएन। टाटा स्टील (tata steel)में बोनस समझौता मुकम्मल हो गया है। टाटा स्टील कर्मचारियों को वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 239.61 करोड़ रुपये बोनस मिलेगा। इसमें जमशेदपुर वक्र्स व ट्यूब डिविजन में कार्यरत 13 हजार 675 कर्मचारियों के हिस्से 131.22 करोड़ रुपये बोनस आया है। टाटा स्टील के सभी कर्मचारियों को उनके वार्षिक बेसिक व डीए का 15.86 प्रतिशत बोनस मिलेगा। लेकिन ग्रेड रिवीजन के बाद कर्मचारियों को बोनस उनके रिवाइज्ड़ बेसिक पर नहीं बल्कि पुराने बेसिक व डीए पर ही मिलेगा। 

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ग्रेड रिवीजन समझौते के एक दिन बाद ही मंगलवार को कंपनी प्रबंधन और टाटा वर्कर्स यूनियन नेतृत्व के बीच मंगलवार सुबह साढ़े नौ बजे बोनस समझौते पर हस्ताक्षर हुआ। टाटा स्टील प्रबंधन और यूनियन के बीच तीन वर्षो के लिए बोनस का फार्मूला बना है। इसमें मुनाफे में 123.11 करोड़, प्रोफिटिबिलिटी पर 41.50 करोड़, उत्पादकता पर 70 करोड़ व सेफ्टी पर पांच करोड़ रुपये मिले हैं। कुल 239.66 करोड़ रुपये बोनस राशि से ही जमशेदपुर वक्र्स व ट्यूब डिविजन के अलावे माइंस, कोलियरी व कलिंगानगर के कर्मचारियों को भी बंटेगा। यूनियन के इतिहास में पहली बार बंपर 239.61 करोड़ रुपये बोनस हुआ है। यह दूसरी बार है जब बोनस की राशि 200 करोड़ रुपये से पार हुई है। पिछली बार कर्मचारियों को 203.24 करोड़ बोनस मिला था। उसमें जमशेदपुर के हिस्से 106.36 करोड़ रुपये बोनस आया था। वहीं, इस वर्ष 131.22 करोड़ रुपये बोनस आया है जो पिछली बार से 24.86 करोड़ रुपये ज्यादा बोनस मिला है। कर्मचारियों को बोनस का पैसा 26 सितंबर तक उनके बैंक खाते में कंपनी प्रबंधन भेज देगी। 

ऑफिस बियरर के बाद कमेटी मेंबरों को दी गई जानकारी

बोनस समझौते पर हस्ताक्षर से पहले शीर्ष यूनियन नेतृत्व ने सभी आठ ऑफिस बियरर को कंपनी परिसर स्थित बोर्ड रूम बुलाया और उन्हें बोनस राशि की जानकारी दी गई। समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद सभी यूनियन नेतृत्व टाटा वर्कर्स यूनियन कार्यालय पहुंचे और कमेटी मेंबरों को माइकल जॉन सभागार बुलाकर बोनस की जानकारी दी। 

उपश्रमायुक्त बीमार, नहीं हुआ त्रिपक्षीय समझौता

टाटा स्टील में हर बार ग्रेड रिवीजन व बोनस समझौता उपश्रमायुक्त की उपस्थिति में त्रिपक्षीय होता है। कंपनी प्रबंधन और यूनियन नेतृत्व के अलावे सरकार के पक्ष से उपश्रमायुक्त बतौर गवाह इस समझौता पर हस्ताक्षर करते हैं। लेकिन स्थानीय उपश्रमायुक्त राकेश प्रसाद को डेंगू हो गया है और वे टीएमएच में इलाजरत हैं। सोमवार को कंपनी के ग्रुप चीफ आइआर जुबिन पालिया उपश्रमायुक्त से मिलने टीएमएच गए थे और त्रिपक्षीय समझौते के समय उपस्थित रहने का आग्रह किया था। लेकिन उपश्रमायुक्त ने उन्हें बता दिया कि वे मेडिकल लीव पर हैं इसलिए समझौते पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते। स्वस्थ होने के बाद ही प्रबंधन और यूनियन नेतृत्व उनकी उपस्थिति में एक बार फिर त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे। 

यूनियन नेतृत्व की समझदारी या बारगेनिंग पावर की कमी

बोनस समझौते के बाद सभी कमेटी मेंबर एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि बोनस समझौते पर यूनियन नेतृत्व ने समझदारी दिखाई है या उनमें बारगेनिंग पावर की कमी है? टाटा स्टील में सोमवार को ही ग्रेड रिवीजन समझौता हुआ है। ऐसे में कर्मचारियों को उम्मीद थी कि जब उनका ग्रेड रिवीजन पहली जनवरी 2018 से प्रभावी हो रहा है तो उन्हें बोनस भी रिवाइज्ड बेसिक पर मिलेगा। लेकिन यूनियन नेतृत्व का तर्क दिया कि कंपनी में पहली बार बंपर बोनस हुआ है। पुराने बेसिक व डीए पर ही उन्हें पिछली बार से 24 करोड़ रुपये ज्यादा मिल रहे हैं। इसलिए रिवाइज्ड़ बेसिक का लाभ उन्हें अगले वर्ष के बोनस में जोड़ कर दिया जाएगा।

कुछ कमेटी मेंबरों का तर्क है कि वर्तमान समय में बाजार में आई मंदी के कारण अगले वर्ष कंपनी में बोनस कम होने वाला है। इसलिए यूनियन नेतृत्व कर्मचारियों को 2018-19 के रिवाइज्ड बेसिक को ही जोड़ कर बोनस राशि में ज्यादा अमाउंट दिखाकर अपनी पीठ थपथपाना चाहती है। ऐसे में साफ है कि उनमें बारगेनिंग पावर की कमी है। 

नहीं बढ़वाए एक भी रुपये

टाटा स्टील में बोनस समझौता फार्मूले के आधार पर होता है। फार्मूले के तहत कर्मचारियों के हिस्से में 239.61 करोड़ रुपये आए। पत्रकारों का सवाल था कि यूनियन नेतृत्व उक्त राशि में 39 लाख बढ़वा कर राउंड फिगर 240 करोड़ क्यों नहीं लिया। इस पर यूनियन नेतृत्व का तर्क रहा कि इस बार जब बोनस अच्छा है तो और बारगेनिंग क्यों करे? अगली बार जब मंदी में कम राशि मिलेगी तो वे इस वर्ष भी ज्यादा डिमांड नहीं किए थे, इसका हवाला देकर हैंडसम एमाउंट लेने की पहल करेंगे। वहीं, कमेटी मेंबरों का कहना है कि यूनियन नेतृत्व भविष्य वक्ता हो गए हैं, इन्हें अभी से ही मालूम हो गया है कि कंपनी बंपर मुनाफा नहीं करेगी। यदि कंपनी मुनाफा कर लेती है तो 2018-19 में बारगेनिंग का मौका खो दिया। 

टाटा स्टील में बोनस का यह है फार्मूला

फार्मूला                                                      कर्मचारी मद में

टाटा स्टील का मुनाफा : 8207 करोड़ का 1.5 प्रतिशत        123.11 करोड़

प्रोफिटिबिलिटी (प्रोफिट प्रति टन बिक्री योग्य स्टील) 6323 रुपये प्रति टन-    41.50 करोड़

उत्पादकता (क्रूड स्टील प्रति टन/कर्मचारी/प्रतिवर्ष) 528 प्रति टन प्रति कर्मचारी प्रतिवर्ष -70 करोड़

सेफ्टी                                                                                       05 करोड़

दुर्घटना नहीं होने पर मिलते सेफ्टी के 25 करोड़

अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने बताया कि अगर कंपनी में दुर्घटना नहीं होते तो फार्मूले के तहत उन्हें 10 करोड़ रुपये मिलते। साथ ही सेफ्टी रिवार्ड के रूप में अतिरिक्त 15 करोड़ रुपये भी प्रबंधन से प्राप्त होता। लेकिन दुर्घटनाओं के कारण इस वर्ष कर्मचारियों के हिस्से मात्र पांच करोड़ रुपये ही आए हैं। 

इन्होंने किया बोनस समझौते पर हस्ताक्षर

प्रबंधन: प्रबंध निदेशक सह चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) टीवी नरेंद्रन, टीक्यूएम प्रेसिडेंट आनंद सेन, वाइस प्रेसिडेंट (एचआरएम) सुरेश दत्त त्रिपाठी, वाइस प्रेसिडेंट (आयरन मेकिंग) उत्तम सिंह, वाइस प्रेसिडेंट (शेयर्ड सर्विसेज) अवनीश गुप्ता, चीफ आइआर जुबिन पालिया, चीफ एचआरएम (स्टील) संदीप धीर।

यूनियन : अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, डिप्टी प्रेसिडेंट अरविंद पांडेय, महासचिव सतीश कुमार सिंह, उपाध्यक्ष भगवान सिंह, हरिशंकर सिंह, शत्रुघ्न राय, शाहनवाज आलम, सहायक सचिव कमलेश सिंह, धर्मेंद्र कुमार उपाध्याय, नितेश राज व कोषाध्यक्ष प्रभात लाल। 

कर्मचारी ऐसे निकालें अपना बोनस

टाटा स्टील में कार्यरत कर्मचारी खुद से भी गणना कर सकते हैं कि उन्हें बीते वर्ष के लिए कितना बोनस मिलेगा। इस वर्ष कंपनी में 239.61 करोड़ रुपये बोनस हुआ है। वहीं, उक्त बोनस राशि से इस वर्ष कंपनी में बोनसेबल एमाउंट 1510.66 करोड़ रुपये (कुल कर्मचारियों का प्रतिवर्ष पडऩा वाला बेसिक-डीए का खर्च) है, उससे अपने एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2019 तक के बेसिक-डीए से गणना करने पर उनकी बोनस राशि प्राप्त हो जाएगी। 

किस वर्ष कितना मिला बोनस

वर्ष मुनाफा करोड़ मे  बोनस राशि बोनस प्रतिशत

1991 160.13       38.6        20

1992 214.16 44.54 20

1993 127.12 50.75 20

1994 180.84 54     20

1995 281.12 66.04 20

1996 465.79 76.46 20

1997 469.21 75.86 20

1998 322.08 72.83 17.50

1999 282.23 69.61 16

2000 422.59 75.55  18

2001 553.44 83          20

2002 204.90 78         15

2003 1012.31 102.07   20

2004 1746.22 102         20

2005 3474.16 98.1         20

2006 3506.38 102.01         20

2007 4222.15 107         20

2008 4687.03 113         20

2009 5201.74 139         18.50

2010 5046.80 143         17.50

2011 6217.69 171        18.50

2012 6184 182.47        17.69

2013 5050.64 180.50   16.01

2014 6553.95 193.34   15.46

2015 6500 154.72    8.53

2016 4900 130    8.60

 2017  3933.17             165                11.27

2018   6682.49             203.24            12.54

अधिकतम 2.68 लाख रुपये बोनस

स्टील वेज कर्मचारियों को अधिकतम 2.68,767 रुपये

न्यू सीरीज ग्रेड कर्मचारियों को अधिकतम 63,945 रुपये व न्यूनतम 47,444 रुपये मिलेगा बोनस

टाटा स्टील जमशेदपुर वक्र्स व ट्यूब डिविजन के 13,675 कर्मचारियों को मिलेगा बोनस

131.22 करोड़ रुपये मिला जमशेदपुर वक्र्स व ट्यूब डिविजन कर्मचारियों के हिस्से में

ग्रेड रिवीजन के बाद रिवाइज्ड़ बेसिक पर नहीं, पुराने ग्रेड पर ही मिलेगा बोनस

कर्मचारियों को उनके 12 माह के बेसिक व डीए का 15.86 प्रतिशत मिलेगा बोनस


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