Move to Jagran APP

Board Examination Cancellation : नो कट ऑफ, नो मूड ऑफ; इसबार बदला-बदला होगा नजारा

बारहवीं की परीक्षा का तनाव फिर रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार। इस बार ना तो बोर्ड की परीक्षाएं हैं और ना ही उस तरह की भागदौड़ क्योंकि अब बारहवीं के बोर्ड की परीक्षाएं रद हो चुकी हैं। इन मुश्किलों और चुनौतियों के बीच जानकार इसे एक मौका मानते हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 05:58 PM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 06:57 PM (IST)
Board Examination Cancellation : नो कट ऑफ, नो मूड ऑफ; इसबार बदला-बदला होगा नजारा
इस बार ना तो बोर्ड की परीक्षाएं हैं और ना ही उस तरह की भागदौड़।

जमशेदपुर, जासं। बारहवीं की परीक्षा का तनाव, फिर रिजल्ट का बेसब्री से इंतजार। कई छात्र इस दौर में मानसिक अवसाद का शिकार हो जाते हैं। कॉलेजों में एडमिशन के लिए भागदौड़ व ऊंची-ऊंची कट ऑफ लिस्ट। ना जाने कितने युवाओं के सपने कट ऑफ लिस्ट के बीच में दम तोड़ जाते हैं। लेकिन इस बार माहौल कुछ अलग होगा।

loksabha election banner

इस बार ना तो बोर्ड की परीक्षाएं हैं और ना ही उस तरह की भागदौड़, क्योंकि अब बारहवीं के बोर्ड की परीक्षाएं रद हो चुकी हैं। इन मुश्किलों और चुनौतियों के बीच जानकार इसे एक मौका मानते हैं। जमशेदपुर के शिक्षाविदों का कहना है कि यह अभिशाप में मिला वरदान है। इससे जो कटऑफ की गला काट प्रतियोगिता होती थी वो कम हो जाएगी। हो सकता है कि कटऑफ अब 100 अंकों तक ना पहुंचे। लेकिन, हमें आगे का रास्ता भी तैयार करना होगा। पेश है जितेंद्र सिंह की रिपोर्ट। जमशेदपुर से पलायन कर जाते 30 फीसद छात्र

कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए सीबीएसई व आईसीएसई ने 12वीं बोर्ड की परीक्षाएं रद कर दी है। जमशेदपुर की बात करें तो यहां बेहतर विकल्प नहीं होने के कारण 30 फीसद छात्र दूसरे राज्यों में पलायन कर जाते हैं। अभी तक अंडर ग्रेजुएट (यूजी) के विभिन्न कोर्सेज में दो तरह से प्रवेश मिलता है। एक कटऑफ के आधार पर यानि बारहवीं के अंकों के आधार पर कटऑफ लिस्ट तैयार होती है और उसके अनुसार एडमिशन मिलता है। दूसरा पेशेवर कोर्सेज़ में प्रतियोगी परीक्षाओं के आधार पर। इसमें बारहवीं के नंबरों की वेटेज हो भी सकती है और नहीं भी, लेकिन प्रवेश परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर कोर्स में एडमिशन मिलता है, जैसे जेईई, नीट परीक्षा, बीबीए, पत्रकारिता और लैंग्वेज कोर्स आदि। मूल्यांकन का सही तरीका निकालना सबसे ज्यादा जरूरी

कोल्हान विश्वविद्यालय की डीन व एबीएम कॉलेज की प्राचार्य मुदिता चंद्रा कहती हैं, मौजूदा स्थितियों में सबसे ज़्यादा ज़रूरी है मूल्यांकन का सही तरीका निकालना। ये ना सिर्फ परीक्षा में अंक देने को लेकर है बल्कि कॉलेज में एडमिशन के संदर्भ में भी है। परीक्षा के नतीजे आने के बाद विश्वविद्यालयों में एडमिशन के पड़ाव पर भी चुनौतियां कम नहीं हैं। अब विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को भी विचार करना है कि उनके यहां प्रवेश के क्या मापदंड अपनाए जाएं क्योंकि संभव है कि पारंपरिक मापदंड इस बार उद्देश्य की पूर्ति नहीं कर पाएं। मुदिता कहती हैं, हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय ने कॉमन एंट्रेंस टेस्ट को भी एक अच्छा विकल्प बताया। सेंट्रल यूनिवर्सिटीज़ कॉमन एंट्रेंस टेस्ट एक अच्छा तरीका हो सकता है जो पूरे भारत के मैरिट पर आधारित होता है।

पूर्वी सिंहभूम से हर साल 25 हजार से अधिक बच्चों का होता है पलायन

पूर्वी सिंहभूम जिला से हर साल 25 हजार छात्रों का पलायन दूसरे राज्यों में उच्च शिक्षा के लिए होता है। बारहवीं में जैक बोर्ड, सीआइएससीइ, सीबीएसई को मिला दिया जाए तो लगभग 40 हजार बच्चे हर साल परीक्षा देते हैं। इसमें से जैक बोर्ड के 30 प्रतिशत तथा सीआइएसई व सीबीएसई के 90 प्रतिशत बच्चे उच्च शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों की ओर रुख करते हैं। कोल्हान में बेहतर उच्च शिक्षण संस्थान की बात करें तो उसमें एक एक्सएलआरआइ तथा दूसरा एनआइटी जमशेदपुर है। कोल्हान के विश्वविद्यालय स्तरीय शिक्षण संस्थानों की बात करे तो अभी तीन विश्वविद्यालय यहां है, एक पूर्ण रूप से सरकारी तथा दो निजी विश्वविद्यालय। सरकारी विश्वविद्यालयों में कोल्हान विश्वविद्यालय तथा निजी विश्वविद्यालयों में अर्का जैन विश्वविद्यालय एवं नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी है। इन सभी विश्वविद्यालयों में कट ऑफ कोई मायने नहीं है, बस यूजीसी द्वारा निर्धारित मानक पूरे होने चाहिए। जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी अभी अस्तित्व में नहीं आया है।

इंजीनियरिंग व मेडिकल का यहां कोई विकल्प ही नहीं

जमशेदपुर में इंजीनियरिंग और मेडिकल की पढ़ाई की व्यवस्था ही नहीं है। इसलिए 12वीं उत्तीर्ण छात्रों के पास बाहर जाने के सिवा कोई विकल्प नहीं है। बीआइटी सिंदरी एकमात्र सरकारी शिक्षण संस्थान है। मेडिकल की बात करें तो एमजीएम के सिवा कोई विकल्प नहीं है। इस कारण इस फील्ड के छात्र दूसरे राज्य चले जाते हैं। प्राइवेट मेडिकल कॉलेज की सालाना फीस कम से कम 10 लाख रुपये है।

तीन अरब रुपये खर्च करते हैं अभिभावक

बेंगलुरु, चेन्नई और पुणे आदि क्षेत्रों में एडमिशन से संबंधित कार्य कर रही एक इंटरनेशनल कंसल्टेंसी के अनुसार जमशेदपुर के विद्यार्थियों का पसंदीदा डेस्टिनेशन बेंगलुरु के साथ चेन्नई और पुणे है। पिछले चार साल में ओडिशा की ओर भी छात्र हजारों की संख्या में रुख कर रहे हैं। औसत छात्रों के लिए पिछले चार साल में ओडि़शा एजुकेशन का मक्का बना हुआ है। वहां बीजू पटनायक टेक्निकल यूनिवर्सिटी बनने के बाद इंजीनियरिंग शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति आई है। इस यूनिवर्सिटी के अंदर 100 से ज्यादा प्राइवेट कॉलेज हैं। कुल मिलाकर अभिभावक उच्च शिक्षा के लिए तीन अरब रुपये हर साल खर्च करते हैं।

विशेषज्ञों की राय-मार्क्स डाउन रहेगा तो कट भी कम होगा

वर्तमान परिस्थिति में इंजीनियरिंग व मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए एक ही उपाय है वह है परीक्षा। दोनों के लिए परीक्षाएं होगी ही। इस कारण छात्र अच्छी तरीके से तैयारी करें। अब तो 12वीं बोर्ड की परीक्षा का टेंशन भी खत्म हो गया है। इस कारण अभी भी छात्रों के पास दो माह का समय है। दोनों प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी आसानी से की जा सकती है। दो माह बाद ही यह प्रवेश परीक्षा होगी। सामान्य स्नातक करने वाले छात्रों को घबराना नहीं है। सरकार जो पारामीटर बनाएगी, उसी आधार पर विश्वविद्यालयों को नामांकन लेना है। यह सिर्फ जमशेदपुर के छात्रों के लिए बल्कि देश भर के छात्रों के लिए लागू होगा। वे घर बैठे ही यूनिवर्सिटी में नामांकन की प्लानिंग कर सकते हैं। सभी प्रवेश परीक्षाओं के लिए कट ऑफ का एक ही मानक होगा। वह यह की अगर 12वीं तथा जेईई मेन व नीट का मार्क्स डाउन रहेगा तो कट ऑफ कम होगा, उसी तरह अगर औसत माक्र्स ज्यादा रहेगा तो कट ऑफ भी हाई रहेगा। यह तो बाद में पता चलेगा कि किसका कितना कटऑफ होगा। जहां तक छात्रों के पलायन की बात है तो कोरोना काल में भी हम अपने छात्रों को अपने जिले या राज्य में रोक नहीं पा रहे हैं। यह कार्य ओडिशा ने कर दिखाया है। जमशेदपुर में स्कूली शिक्षा नंबर वन है, लेकिन उच्च शिक्षा का बहुत बुरा हाल है। इसके सुधार के लिए सरकार को कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए। सांसद व विधायक को सदन में आवाज उठाना चाहिए, लेकिन किसी ने इसे कभी मुद्दा समझा ही नहीं।

- श्याम भूषण, शिक्षा विशेषज्ञ सह निदेशक, नारायणा आइआइटी/मेडिकल, जमशेदपुर।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.