Gudri Massacre: सामूहिक हत्याकांड की जांच को जा रही BJP टीम को नहीं मिली पीड़ितों से मिलने की इजाजत
बुरुगुलीकेरा में सात लोगों की गला काट कर हत्या मामले की जांच करने जा रही भाजपा की टीम को रास्ते में प्रशासन ने रोक दिया। टीम को पीडि़तों से मिलने की इजाजत नहीं मिली।
जमशेदपुर /चक्रधरपुर, जेएनएन। Bjp Team on the way to investigate Gudri massacre stopped in karaikela पश्चिमी सिंहभूम के गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा में सात लोगों की गला काट कर हत्या मामले की जांच करने जा रही भाजपा की टीम को रास्ते में प्रशासन ने रोक दिया। टीम को कराईकेला थाना के समक्ष रोका गया। प्रशासन के कदम से नाराज टीम के सदस्य थाना के सामने ही सड़क पर धरना पर बैठ गए । बाद मेंं टीम को सोनुवा तक ही जाने की इजाजत मिली।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हत्या की जांच के लिए छह सदस्यीय कमेटी बनाई थी जिसमें सांसद जसवंत सिंह भाभोर, राज्यसभा सदस्य समीर उरांव, सांसद भारती पवार, गोमती साय, जोन बार्ला और झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा शामिल हैं। टीम के साथ भाजपा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा, डॉक्टर अरुण उरांव, पूर्व विधायक पुतकर हेम्ब्रम, चुमनु उरांव भी शामिल हैं।
सभी वाहन से उतरकर बीच सड़क पर बैठे
सड़क पर बैठे भाजपा नेताओं को समझाते अधिकारी।
टीम के सदस्य वाहनों से प्रभावित गांव की ओर बढ़ रहे थे कि कराईकेला थाना के सामने वाहनों को पुलिस ने रोक दिया। टीम को कहा गया कि उन्हें आगे जाने की इजाजत नहीं मिलेगी। रोकने की वजह पूछे जाने पर जिले के तीन प्रखंड क्षेत्रों में धारा 144 लागू होने का हवाला दिया गया और कहा गया कि 26 जनवरी तक धारा 144 लागू रहेगी। रोक दिए जाने के बाद भाजपा के सभी नेता थाना के सामने ही बीच सड़क पर बैठ गए। यह देखकर एसडीओ प्रदीप प्रसाद, एएसपी नाथू सिंह मीणा और डीएसपी अमर पांडेय एवं सुधीर कुमार पहुंचाने पहुंचे, लेकिन बात नहीं बनी।
लीपापोती की मंशा का आरोप
भाजपा की टीम के सदस्यों ने आरोप लगाया कि टीम को रोके जाने की मंशा मामले की लीपापोती करना है। इसी कारण आनन-फानन में धारा 144 लगाया गया है। हद यह कि पूर्व में प्रशासन को टीम के दौरे की सूचना दे दी गई थी, बावजूद इसके समय रहते धारा 144 लगाने की सूचना नहीं दी गई। सूचना तब मिली जब टीम खूंटी पहुंच गई। टीम ने रोके जाने के तरीके पर भी आपत्ति जताई और बड़े अधिकारियों से बात करने की सलाह दी।
जमकर नारेबाजी
एसडीओ व अन्य अधिकारी टीम को रोके जाने की बाबत सफाई देते रहे और इस दौरान जमकर नारेबाजी होती रही। 'झारखंड सरकार हमे डरती है, पुलिस को आगे करती है' सरीखे नारे लगे। बातचीत के क्रम में 26 जनवरी के बाद दौरे के आग्रह पर टीम के सदस्यों ने कहा कि टीम में अलग-अलग राज्यों से प्रतिनिधि हैं और बाद में आने में परेशानी होगी। ऐसे में उन्हें मात्र पांच घंटे की मोहलत मिले तो टीम प्रभावितों से मिलकर लौट आएगी। प्रशासनिक पदाधिकारियों का कहना रहा कि यह संभव नहीं हो सकेगा।
धरना के बाद पैदल मार्च करते भाजपा के प्रतिनिधि।
भाजपा की टीम का धरना करीब एक घंटे तक चला। टीम को प्रशासन ने सोनुवा तक जाने की इजात दे दी। इसके बाद टीम के सदस्यों ने पैदल मार्च कर सरकार विरोधी नारे लगाए और गाड़ियों से सोनुवा की ओर रवाना हो गए। संसद में उठेगा मामला: भारती पवार
टीम की सदस्य व महाराष्ट्र की सांसद भारती पवार ने कहा कि टीम को रोका जाना दर्शाता है कि मामले में सरकार की मंशा सही नहीं है। उन्होंने कहा कि मारे गए लोगों के परिजन दहशत में हैं और वे कुछ नहीं बोल पा रहे हैं। सरकार मामले की लीपापोती में जुटी है। यह मामला संसद में उठेगा।
सोनुवा पहुंचने पर आगे जाने की जिद पर अड़े
सोनुवा में सड़क पर धरना पर बैठे भाजपा के नेता।
टीम के सदस्य सोनुवा पहुंचने के बाद फिर प्रभावित गांव पहुंचने की जिद पड़ अड़ गए। जब सुरक्षा कारणों से इजाजत नहीं देने की बात कही तो कहा गया कि सिर्फ छह लोगों को इजाजत मिले। उन्हें सुरक्षा की कोई जरूरत नहीं है। अपने रिस्क पर चले जाएंगे। उनकी बात नहीं मानी गई तो फिर सोनुवा में सड़क पर धरना शुरू हो गया।