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Jharkhand Politics: 45 से ज्यादा उम्र के पत्रकारों का टीकाकरण के सरकारी निर्देश पर भाजपा का तंज

Jharkhand Politics 45 प्लस मीडियाकर्मियों को प्राथमिकता के आधार पर टीकारण सुनिश्चित करने के आदेश के बाद इसकी आलोचना शुरू हो चुकी है। भाजपा ने सरकारी फ़रमान को लॉलीपॉप बताते हुए हेमंत सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 10:31 AM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 10:31 AM (IST)
Jharkhand Politics: 45 से ज्यादा उम्र के पत्रकारों का टीकाकरण के सरकारी निर्देश पर भाजपा का तंज
झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन व भाजपा के प्रवक्ता कुणाल षाडंगी। फाइल फोटो

जमशेदपुर, जासं। झारखंड के पत्रकारों को कोरोना संक्रमण से टीकाकरण द्वारा प्रतिरक्षित करने की बहुप्रतीक्षित मांग पर झारखंड सरकार ने बुधवार को आदेश जारी किया है। सरकार के ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन समिति के अभियान निदेशक के हस्ताक्षर से जारी पत्र द्वारा सभी जिलों के उपायुक्त को निर्देश है कि वे 45 प्लस वर्ष आयु के टीवी- प्रेस से जुड़े पत्रकारों काे प्राथमिकता के आधार पर टीकारण सुनिश्चित किया जाए ताकि महामारी से बचाव किया जा सके।

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सरकार के इस आदेश के बाद इसकी आलोचना शुरू हो चुकी है। सूबे के पत्रकारों में भी इसको लेकर विशेष असहमति है। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने भी सरकारी फ़रमान को 'लॉलीपॉप' बताते हुए हेमंत सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। सभी उम्र वर्ग के पत्रकारों के लिए टीकाकरण अनिवार्य करने की सबसे पहले मांग उठाने वाले पूर्व विधायक सह भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने सरकार के इस निर्णय ओर सवाल उठाया है। इसे अपरिपक्व और अविवेकपूर्ण निर्णय बताते हुए उन्होंने तंज कसा है। खोदा पहाड़ निकली चुहिया के मुहावरे से तुलना करते हुए कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी सरकार को पत्रकारों की चिंता नहीं है। पत्रकार हितों में वर्तमान सरकार को असंवेदनशील बताते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि 45 प्लस के पत्रकारों के अनिवार्य टीकाकरण का आदेश महज़ आईवाश है।

उम्र के आधार पर बांटना उचित नहीं

कुणाल ने कहा कि केंद्र सरकार के स्तर से जारी गाइडलाइंस के तहत पहले ही 45प्लस के सभी भारतीय नागरिकों के लिए टीकाकरण का विकल्प खुला था। ऐसे में झारखंड सरकार ने कोई विशेष कृपा नहीं किया बल्कि पत्रकारों के मध्य विभेद उत्पन्न करने का कार्य किया है। कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि पत्रकारों को उम्र के आधार पर बांटना अनुचित है। कहा कि समान कार्य के लिए समान नियम बने, विभेदपूर्ण आचरण करना अशोभनीय है।


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