एमजीएम को सुधारने की चिंता लिए केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे से मिले कुणाल षाड़ंगी
जमशेदपुर झारखंड की औद्योगिक राजधानी है और पूरे देश से लोग आकर यहां रहते हैं। लेकिन किसी भी गंभीर स्थिति के लिए पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था महज़ टाटा स्टील के टीएमएच (टाटा मुख्य अस्पताल) पर निर्भर है। राज्य सरकार के अस्पताल एमजीएम की स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यजनक है।
जमशेदपुर, जासं। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता व बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी सोमवार को नई दिल्ली में थे, जहां उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे से मुलाक़ात की। इस दौरान कुणाल ने जमशेदपुर स्थित कोल्हान प्रमंडल के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमजीएम की स्थिति सुधारने का आग्रह किया।
कुणाल ने उन्हें बताया कि इस अस्पताल में किस तरह की अव्यवस्था है, लिहाजा इसके लिए विशेष निगरानी की व्यवस्था की जाए। जमशेदपुर झारखंड की औद्योगिक राजधानी है और पूरे देश से लोग आकर यहां रहते हैं। लेकिन किसी भी गंभीर स्थिति के लिए पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था महज़ टाटा स्टील के टीएमएच (टाटा मुख्य अस्पताल) पर निर्भर है। राज्य सरकार के अस्पताल एमजीएम की स्थिति अत्यंत दुर्भाग्यजनक है। यहां आधारभूत संरचना और विशेषज्ञ चिकित्सकों की घोर कमी है। आग्रह है कि केंद्र सरकार की विशेष टीम दौरा कर एमजीएम को सुधारने की कार्ययोजना तैयार करें, ताकि केंद्र सरकार इस पर विशेष पहल कर सके।
जमशेदपुर में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की स्थापना की मांग
जमशेदपुर में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की स्थापना हो, इस दिशा में भी अत्यावश्यक पहल करने का आग्रह किया। कहा कि सीमावर्ती प्रखंडों के ज्यादातर आर्थिक रूप से कमजोर मरीज़ पश्चिम बंगाल और ओडिशा पर निर्भर करते हैं। जिले के कई निजी अस्पताल आयुष्मान योजना में आच्छादित होते हुए भी जान-बूझकर गरीब मरीजों को आयुष्मान योजना के कोटे से अस्पताल में दाखिला नहीं देते हैं, क्योंकि कई बार सरकारी पैसे का भुगतान देर से होता है। कई बार कई अस्पताल मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें बिना आयुष्मान योजना के दाखिला कर ज्यादा पैसे वसूलते हैं।
मंत्री ने दिया पहल का भरोसा
केद्र सरकार ऐसी व्यवस्था करे कि सभी आच्छादित अस्पतालों में आयुष्मान के अंतर्गत बेड की उपलब्धता का आंकड़ा ऑनलाइन किया जा सके, ताकि किसी भी समय उस अस्पताल में बेड की तात्कालिक स्थिति की जानकारी मिल सके। इससे चंद अस्पताल जानकारी छिपा नहीं सकेंगे। जो अस्पताल आयुष्मान योजना का लाभ पारदर्शी तरीके से बढ़-चढ़कर कर लोगों को दे रहे हैं, उनके बिल का भुगतान तय समय पर हो। मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि वे विभागीय स्तर पर उपरोक्त विषयों पर अविलंब जरूरी पहल करेंगे।