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Jharkhand Assembly Election 2019 : स्ट्रांग रूम की निगरानी कर रहे भाजपा व झामुमो कार्यकर्ताओं ने खेला क्रिकेट मैच Jamshedpur News

आगामी 23 दिसंबर तक सभी को साथ-साथ दिन गुजारना है। ऐसे में राजनीतिक विरोधाभास और बंदिश से दूर भाजपा और झामुमो के कार्यकर्ताओं ने क्रिकेट खेलकर दिन गुजारा।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 08:50 PM (IST)Updated: Sun, 15 Dec 2019 09:57 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019 :  स्ट्रांग रूम की निगरानी कर रहे भाजपा व झामुमो कार्यकर्ताओं ने खेला क्रिकेट मैच Jamshedpur News
Jharkhand Assembly Election 2019 : स्ट्रांग रूम की निगरानी कर रहे भाजपा व झामुमो कार्यकर्ताओं ने खेला क्रिकेट मैच Jamshedpur News

जमशेदपुर (जासं)। विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान जो एक-दूसरे पर आरोप लगाते नहीं थक रहे थे, एक-दूसरे को विकास विरोधी बता रहे थे, वे आज साथ मिलकर दिन काटते दिखे।

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जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज मैदान में स्ट्रांग रूम में रखी ईवीएम-वीवीपैट की निगरानी विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता व कार्यकर्ता कर रहे हैं। सभी की निगाहें 24 घंटे स्ट्रांग रूम पर टिकी हुई हैं। राजनीतिक दलों के नेता व कार्यकर्ताओं के साथ निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थक रोज स्ट्रांग रूम के बाहर बने टेंट में पहुंच रहे हैं। मतगणना में अभी देर है।

आगामी 23 दिसंबर तक सभी नेता व कार्यकर्ताओं को साथ-साथ दिन गुजारना है। ऐसे में राजनीतिक विरोधाभास और बंदिश से दूर शनिवार को भाजपा और झामुमो के कार्यकर्ताओं ने क्रिकेट खेलकर दिन गुजारा। स्ट्रांग रूम की निगरानी के साथ खेल और आपसी संबंधों को मजबूत बनाने का अवसर भला कौन गंवाना चाहेगा। को-ऑपरेटिव कॉलेज मैदान में दोनों दलों के नेता व कार्यकर्ताओं ने क्रिकेट मैच खेलकर जहां मौज-मस्ती की, वहीं चुनाव के दौरान उभरे मतभेद को भी दूर किया। 

स्ट्रांग रूम वही है। कमोबेश नेता और कार्यकर्ता भी वही हैं। हर चुनाव में ये लोग को-ऑपरेटिव कॉलेज के बाहर टेंट लगाते हैं और जुटान होती है। पुराने तो अपनी जान पहचान और संबंधों के कारण आपसदारी निभा ही रहे हैं, नये कार्यकर्ता भी उनका अनुशरण करते हुए दूसरे दलों के कार्यकर्ताओं के साथ हिल-मिल रहे हैं। को-ऑपरेटिव कॉलेज इस बात का गवाह भी है कि काउंटिंग के दिन ये सभी अलग-अलग खेमों में जरूर नजर आएंगे। अपने-अपने नेता और पार्टी के पक्ष में नारेबाजी करेंगे।

जीतने पर अबीर-गुलाल उड़ाएंगे और हारने पर गम मनाएंगे। लेकिन, इन सबमें इस बात की सौ टांक समझ जरूर नजर आई कि राजनीति और चुनाव अपनी जगह है, लेकिन आपसदारी भी बेहद महत्वपूर्ण है। और, वज्रगृह की निगरानी की जिम्मेदारी भी वहां तैनात तमाम दलों के नेता व कार्यकर्ताओं की है। अब कोई 24 घंटे टकटकी तो लगा नहीं सकता। ऐसे अगर थोड़ी-थोड़ी देर जिम्मेदारी बांट कर निगरानी की जाए तो दोनों काम संभव है। निगरानी की निगरानी हो जाएगी और मस्ती-मनोरंजन भी साथ-साथ होता रहेगा। 


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