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Tata Motors की रेटिंग में आया बड़ा बदलाव, मूडीज ने निगेटिव रेटिंग हटाया

मूडीज इंवेस्टर्स सर्विसेज देश दुनिया में संचालित कंपनियों के संचालन प्रक्रिया और बाजार की रिपोर्ट के आधार पर कंपनियों का निरंतर रूप से आकलन करती रहती है और हमेशा कंपनियों को रेटिंग जारी करती रहती है। उसने टाटा मोटर्स को राहत भरी रेटिंग दी है।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Sun, 16 May 2021 06:18 AM (IST)Updated: Sun, 16 May 2021 06:18 AM (IST)
Tata Motors की रेटिंग में आया बड़ा बदलाव, मूडीज ने निगेटिव रेटिंग हटाया
टाटा मोटर्स की रेटिंग में आया बड़ा बदलाव, मूडीज ने निगेटिव रेटिंग हटाया

जमशेदपुर : मूडीज इंवेस्टर्स सर्विसेज देश दुनिया में संचालित कंपनियों के संचालन प्रक्रिया और बाजार की रिपोर्ट के आधार पर कंपनियों का निरंतर रूप से आकलन करती रहती है और हमेशा कंपनियों को रेटिंग जारी करती रहती है। वर्तमान में मूडीज इंवेस्टर्स सर्विसेज अपनी एक अलग पहचान बना चुकी है जिसकी रेटिंग काफी मायने रखती है। कई निवेशक कंपनी में निवेश करने से पहले मूडीज रेटिंग का भी आकलन करती है।

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मूडीज ने निगेटिव रेटिंग को किया दरकिनार

पिछले दिनों मूडीज इंवेस्टर्स ने टाटा मोटर्स लिमिटेड (टीएमएल) की रेटिंग में बदलाव किया है। पूर्व में मेडीज ने टाटा मोटर्स को निगेटिव रेटिंग दी थी लेकिन अब इसमें बदलाव कर कंपनी की रेटिंग को स्थिर किया गया है। कंपनी को बी 1 कॉरपोरेट फैमिली रेटिंग (सीएफआर)और बी 1 सीनियर अनसिक्योर्ड रेटिंग जारी की है। मूडीज द्वारा जारी रेटिंग में बताया गया है कि मार्च 2021 को समाप्त वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में महामारी के कारण उत्पादन में जो गिरावट आई थी, उसमें सुधार हुआ है।

18 महीनों तक बनी रहेगी रिकवरी

रिपोर्ट के अनुसार कंपनी की रिकवरी 12 से 18 माह तक बनी रहेगी। टाटा मोटर्स का कैश फ्लो में निरंतर सुधार और निवेश की संभावना है। कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि टाटा मोटर्स अपनी रेटिंग में सुधार के लिए लगातार नए बिजनेस प्लान से ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं। साथ ही अपने डीलरों के पास पर्याप्त मात्रा में डिमांड के अनुरूप स्टॉक रहे, इसके लिए भी प्रयास कर रहे हैं। मालूम हो कि चालू सप्ताह में यूनाइटेड किंगडम में टाटा मोटर्स की सहायक कंपनी जगुआर लैंड रोवर ऑटोमोटिव पीएलसी (जेएलआर) की रेटिंग पर नकारात्मक से स्थिर में बदला है।

पुराने वाहनों को खरीदेगी टाटा मोटर्स

इसके अलावा टाटा मोटर्स लिमिटेड भारत में अपने स्क्रैप नीति के तहत कॉमर्शियल व्हीकल व पैसेंजर कार श्रेणी के लिए पुराने वाहनों को वेंडर के माध्यम से खरीदेगी। इससे कंपनी के के उत्पादों की भविष्य में डिमांड बढ़ने की उम्मीद है। वहीं, वर्ष 2030 तक कंपनी अपनी इलेक्ट्रिक वाहनों में व्यापक तरीके से नए-नए मॉडल लांच कर रही है। उम्मीद की जा रही है कि कंपनी की हिस्सेदारी 70 प्रतिशत तक होगी। 


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