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Benefits of Cow Ghee: गाय के घी के क्या कहने, जानिए किन-किन बीमारियों में काम आता है काम

Benefits of Cow Ghee गाय के घी के गुण के क्या कहने। यह दर्जनों बीमारी के लिए रामवाण है। आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय बताती हैं कि गाय का घी नाक में डालने से पागलपन तक ठीक हो जाता है। आप भी जानिए गाय के घी की खासियत।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Tue, 31 Aug 2021 10:42 AM (IST)Updated: Wed, 01 Sep 2021 11:56 AM (IST)
Benefits of Cow Ghee: गाय के घी के क्या कहने, जानिए किन-किन बीमारियों में काम आता है काम
जमशेदपुर की आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय।

जमशेदपुर, जासं। हम अब तक यही जानते हैं कि घी भोजन का स्वाद बढ़ाता है। नियमित रूप से इसे खाने से शरीर को कई पौष्टिक तत्व मिलते हैं। घी का सबसे ज्यादा उपयोग हवन और पूजा-पाठ में इस्तेमाल होता है। लेकिन आप शायद यह नहीं जानते कि घी कई बीमारियों की रामबाण दवा भी है। जमशेदपुर की आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा विशेषज्ञ सीमा पांडेय बताती हैं कि गाय का घी नाक में डालने से पागलपन दूर हो सकता है। गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है। गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है।

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इसके अलावा दूसरी बीमारियों में इसके फायदे जानिए

  •   20-25 ग्राम गाय का घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांजे का नशा कम हो जाता है।
  •  गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है ।
  •  नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाता है ।
  • गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बाहर निकल कर चेतना वापस लौट आती है।
  • गाय का घी नाक में डालने से बाल झड़ना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते हैं।
  • गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है।
  • हाथ-पैर में जलन होने पर गाय के घी को तलवों में मालिश करें, जलन ठीक होता है।
  • हिचकी के न रुकने पर खाली पेट गाय का आधा चम्मच घी खाएं, हिचकी स्वयं रुक जाएगी।
  • गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।
  • गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है।
  • गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है।
  • अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।
  • गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है, इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है।
  • जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाई खाने की मनाही है तो गाय का घी खाएं, इससे ह्रदय मज़बूत होता है।
  • देसी गाय के घी में कैंसर से लड़ने की अचूक क्षमता होती है। इसके सेवन से स्तन तथा आंत के खतरनाक कैंसर से बचा जा सकता है।
  • गाय का घी, छिलका सहित पिसा हुआ काला चना और पिसी शक्कर या बूरा या देसी खाण्ड, तीनों को समान मात्रा में मिलाकर लड्डू बांध लें। प्रतिदिन प्रातः खाली पेट एक लड्डू खूब चबा-चबाकर खाते हुए एक गिलास मीठा गुनगुना दूध घूंट-घूंट करके पीने से स्त्रियों के प्रदर रोग में आराम होता है, पुरुषों का शरीर मोटा ताजा यानी सुडौल और बलवान बनता है।
  • फफोलों पर गाय का देसी घी लगाने से आराम मिलता है।
  • गाय के घी की छाती पर मालिश करने से बच्चो के बलगम को बहार निकालने मे सहायता मिलती है।
  • सांप काटने पर 100-150 ग्राम गाय का घी पिलाएं, ऊपर से जितना गुनगुना पानी पिला सकें, पिलायें। इससे उलटी और दस्त तो लगेगा, लेकिन सांप का विष भी कम हो जाएगा।
  • दो बूंद देसी गाय का घी नाक में सुबह शाम डालने से माइग्रेन दर्द ठीक होता है।
  • सिर दर्द होने पर शरीर में गर्मी लगती हो, तो गाय के घी की पैरों के तलवे पर मालिश करे, इससे सिरदर्द दर्द ठीक हो जाएगा।
  • यह स्मरण रहे कि गाय के घी के सेवन से कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है। वजन भी नहीं बढ़ता, बल्कि यह वजन को संतुलित करता है। यानी कमजोर व्यक्ति का वजन बढ़ता है तथा मोटे व्यक्ति का मोटापा (वजन) कम होता है।
  • एक चम्मच गाय के शुद्ध घी में एक चम्मच बूरा और 1/4 चम्मच पिसी काली मिर्च इन तीनों को मिलाकर सुबह खाली पेट और रात को सोते समय चाट कर ऊपर से गर्म मीठा दूध पीने से आंखों की ज्योति बढ़ती है।
  • गाय के घी को ठंडे जल में फेंट लें और फिर घी को पानी से अलग कर लें। यह प्रक्रिया लगभग सौ बार करें और इसमें थोड़ा सा कपूर डालकर मिला दें। इस विधि द्वारा प्राप्त घी एक असर कारक औषधि में परिवर्तित हो जाता है, जिससे त्वचा संबंधी हर चर्म रोग में चमत्कारिक फायदा होता है।
  • गाय का घी एक अच्छा (एलडीएल) कोलेस्ट्रॉल है। उच्च कोलेस्ट्रॉल के रोगियों को गाय का घी ही खाना चाहिए। यह एक बहुत अच्छा टॉनिक भी है। 
  • अगर आप गाय के घी की कुछ बूंदें दिन में तीन बार, नाक में प्रयोग करेंगे तो यह त्रिदोष (वात पित्त और कफ) को संतुलित करता है।

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