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Benefits of Cobra Pose : प्रतिदिन कोबरा आसन कर आप रह सकते हैं फिट और हेल्दी

Benefits of Bhujangasana भुजंगासन को कोबरा पोज भी कहा जाता है। अगर आप नियमित तौर पर यह आसन करते हैं तो पीठ की दर्द तो कम होगी है साथ ही पेट पर जमे फैट भी गायब हो जाएंगे। जानिए कोबरा पोज के और क्या-क्या हैं फायदे...

By Jitendra SinghEdited By: Published: Fri, 01 Oct 2021 07:45 AM (IST)Updated: Fri, 01 Oct 2021 07:45 AM (IST)
Benefits of Cobra Pose : प्रतिदिन कोबरा आसन कर आप रह सकते हैं फिट और हेल्दी
प्रतिदिन कोबरा आसन कर आप बन सकते हैं फिट और हेल्दी

जमशेदपुर : अगर आप अपने घर पर ही योग का अभ्यास करते हैं और आप योगा क्लासेस नहीं करना चाहती हैं तो ऐसे कई योगासन हैं, जिन्हें आप खुद से ही अभ्यास कर सकते हैं। कोबरा आसन या भुजंगासन इन्हीं में से एक है, जो बहुत ही कारगर और फायदेमंद आसन है। इस संबंध में जानकारी दे रही हैं जमशेदपुर की याेगा मास्टर श्वेता मास्टर। श्वेता पाठक कहती हैं कि जब आप योग अभ्यास करने की शुरुआत करते हैं तो यह योगासन आपको शारीरिक संतुलन और क्षमता बनाने में मदद करता है।

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संस्कृत के दो शब्दों से बना है भुजंगासन

भुजंगासन संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है, भुजंग और आसन। भुजंग का मतलब है सांप (कोबरा) और आसन का मतलब है मुद्रा। इसलिए इस योगासन का अभ्यास करते हुए उस कोबरा के पोस्चर में होना है जिसने अपना हुड उठाया हो। भुजंगासन आपके मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करता है। श्वेता पाठक कहती हैं कि कोबरा पोज़ एक बेहतरीन वर्कआउट माना जाता है जो बेली फैट कम करने में मदद करता है और एब्डोमेन को टोन करता है। अगर आप अपने फिटनेस प्लान में योग को शामिल कर हेल्दी डाइट लेते हैं तो यह आपको फिट और हेल्दी रखने और वजन कम करने में भी मदद करता है।

जानिए भुजंगासन कैसे करें और क्या है उसके फायदे

  • भुजंगासन के अभ्यास से पेट सही रहता है। यह पेट की मसल्स को स्ट्रेच करने में मदद करता है और एब्डोमिनल ऑर्गन्स को बेहतरी से काम करने के लिए उत्तेजित करता है। इस आसन के अभ्यास से गैस की समस्या का समाधान होता है।
  • भुजंगासन या कोबरा पोज़ का अभ्यास करने से स्पाइन, ग्लूटियल मसल्स, आर्म्स, कंधे और जांघें मजबूत होती हैं। यह शारीरिक संतुलन बनाता है।
  • भुजंगासन करने से कमर के दर्द को ठीक करने और इससे राहत पाने में मदद मिल सकती है। बहुत देर तक बैठे रहने और अधिक मूवमेंट ना करने के कारण होने वाले कमर और गर्दन दर्द से राहत पाने के लिए आप भुजंगासन का अभ्यास कर सकते हैं। यह कमर को स्ट्रेच करके मसल्स को खोलने में मदद करता है।
  • भुजंगासन का अभ्यास अस्थमा के रोगियों के लिए लाभकारी होता है। इस आसन का अभ्यास करते समय जब हम सिर ऊपर की ओर उठाते हैं, तो सीने को भी ऊपर की ओर खींचना होता है, जिससे कंजेशन को कम करने और फेफड़ों को फैलाने में मदद मिलती है। इससे अस्थमा के लक्षणों को कम किया जा सकता है।
  • भुजंगासन आपके मूड को बेहतर करने में भी मदद करता है। यह शारीरिक थकान को कम करता है और दिमाग को शांत करने में मदद करता है।

 

 भुजंगासन करते समय बरतें यह सावधानी

  • गर्भवती महिलाओं, हर्निया और अल्सर से पीड़ित लोगों को यह आसन नहीं करना चाहिए। यदि आपने हाल ही में पेट का ऑपरेशन करवाया है, तो कम से कम तीन महीने तक इस आसन के अभ्यास से बचें।
  • किसी भी आसन का अभ्यास अपनी क्षमता के अनुसार ही करना चाहिए। इसलिए अगर आप इस आसन को करते समय किसी भी तरह की परेशानी महसूस करते हैं तो इसका अभ्यास ना करें।
  • अगर आपको आसन के अभ्यास करने के बाद पेट में दर्द या शरीर के अन्य किसी हिस्से में दर्द महसूस होता है तो इस आसन का अभ्यास बंद कर दें।
  • अगर हाल ही में आपने किसी शारीरिक घाव या इंजरी का सामना किया है तो अपने चिकित्सक से सलाह लेने के बाद ही इस आसन का अभ्यास करें।

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