Belly fat Reduce Tips: पेट की चर्बी को कम करना है तो खड़े रहकर करें यह योग, ये रही योग एक्सपर्ट की सलाह
Belly fat Reduce अगर आप पेट की चर्बी को कम करना चाहते हैं तो इस आसन को जरूर करें। योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा बताती हैं कि आसन को करते समय न केवल कम स्पेस लगता है बल्कि आप अपने पैरों के बल खड़े रहकर आसानी से कर सकते हैं।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : Standing Flow Asana स्टैंडिंग फ्लो आसन यानि खड़े रहकर किए जाने वाले आसन से आप अपने पेट की चर्बी को कम कर सकते हैं। जमशेदपुर की योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा बता रही हैं पेट की चर्बी को कम करने व शरीर को निरोग रहने के लिए आसान आसन।
खड़े होकर करें यह योगासन
जमशेदपुर की योग एक्सपर्ट रूमा शर्मा कहती हैं कि ओवर वेट व बुजुर्ग लोगों को भी यह आसन करने में कोई परेशानी नहीं होगी। आप अपनी सुविधा के अनुसार आसन का चुनाव कर सकते हैं। रूमा शर्मा कहती हैं कि कई ऐसे आसन भी है जिन्हें कर पाना हर किसी के लिए संभव नहीं है। खासतौर पर मोटे और भारी शरीर वाले आसानी से लेटकर योग मुद्रा को नहीं दोहरा पाते। इसी समस्या को दूर करने के लिए आज हम आपको ऐसे योगासन बता रहे हैं, जिन्हें आप खड़े रहकर आसानी से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। स्टैंडिंग पोज होने के कारण इन आसन को करते समय न केवल कम स्पेस लगता है बल्कि आप अपने पैरों के बल खड़े रहकर सभी आसनों को आसानी से कर सकते हैं।
तिर्यक ताड़ासन- कब्ज, कमर के पास जमी चर्बी और शरीर को लचीला बनाने के लिए आप तिर्यक ताड़ासन कर सकते हैं। कई बार आंतों के कमजोर होने से शरीर में ठोस मल त्याग करना मुश्किल हो जाता है। इससे शरीर में विषैले पदार्थ जमा होने लगते हैं। पाचन प्रणाली खराब हो जाती है। इसी कारण कब्ज हो जाता है। तिर्यक ताड़ासन इन समस्याओं से मुक्ति दिलाता है।
त्रिकोणासन - शुरुआती लेबल का सबसे आसान आसन है। इस आसन को विन्यास शैली का आसन माना जाता है। इसे 30 सेकेंड करने को कहा जाता है। दोहराते हुए इसे प्रतिदिन तीन से पांच बार एक पैर के साथ कर सकते हैं। त्रिकोणासन के निरंतर अभ्यास से टखने, जांघें और घुटने मजबूत हो जाते हैं।
कोणासन - इसे करने से रक्त प्रवाह बेहतर होता है। मेरूदंड लचीला बनता है। कफ दूर होता है। चेहरा सुंदर दिखता है। शरीर में फुर्ती आती है और पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती है। फेफड़े मजबूत बनते हैं।
पदोत्तनासन प्रसारित - इस आसन को योग विज्ञान की विन्यास शैली का योगासन माना जाता है। इसे करने का समय 30 से 60 सेेकेंड तक का है। इस आसन का नियमित अभ्यास से पीठ और हैमस्ट्रिंग मजबूत होती है। जबकि पसलियों और टांगों को अच्छा स्टे्स मिलता है।
पाद हस्तासन - इस योग का निरंतर अभ्यास करते समय आपका सिर आपके दिल के नीचे होता है। इस वजह से रक्त का प्रवाह पैरों में होने की बाजाय सिर की तरफ होने लगता है। इससे दिमगा में रक्त और आक्सीजन की अच्छी खासी मात्रा पहुंचने लगती है। इससे तन-मन सुंदर दिखने लगता है।