निजी में सीटें फुल सरकारी में बीएड की सीटें खाली
कोल्हान विश्वविद्यालय के अंगीभूत बीएड कॉलेज में सीटें फुल नहीं हो पा रही है, वहीं निजी बीएड कॉलेज में सीटें फुल हो गई है।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : अजीब विडंबना है कि एक लाख बीस हजार रुपये की फीस होने के बावजूद कोल्हान विश्वविद्यालय के अंगीभूत कॉलेजों में बीएड की सीटें खाली रह जा रही है। वहीं निजी बीएड कॉलेज में सीटें फुल रहती है और कक्षाएं भी समय पर होती है। बताया जा रहा है कि इसके पीछे कोल्हान विश्वविद्यालय की गलत नीतियां है। निजी बीएड कॉलेजों में डेढ़ लाख रुपये से उपर की फीस ली जाती है। इसके बावजूद सभी कैटेगरी में यहां सीटें फुल हो जा रही है। अंगीभूत कॉलेजों में पिछले वर्ष को-ऑपरेटिव कॉलेज में 40 बार लिस्ट निकाले जाने के बावजूद सीटें फुल नहीं हो पा रही है। यही हाल वर्तमान में हो रहा है। वर्तमान में चौथी लिस्ट का प्रकाशन होने के बावजूद बहरागोड़ा कॉलेज, ग्रेजुएट कॉलेज, जमशेदपुर महिला कॉलेज, को-ऑपरेटिव कॉलेज, महिला कॉलेज चाईबासा में सीटें खाली है।
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क्या है विश्वविद्यालय की गड़बड़ियां
1. एडमिशन लेने के लिए कोई समय तिथि निर्धारित नहीं
2. प्वाईट्स को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं
3. कितने लिस्ट के बाद एडमिशन नहीं लेना है, इसका भी कोई जिक्र नहीं
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पूर्वी सिंहभूम के कॉलेजों में नहीं भर पा रही सीटें
जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम के कॉलेजों में बीएड की सीटें नहीं भर पायी है। जबकि चाईबासा महिला कॉलेज में बीएड की मात्र 04 सीटें ही खाली बची है।
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किस कॉलेज में कितनी सीटें खाली
कॉलेज - कुल सीट - रिक्त सीटें
बहरागोड़ा कॉलेज - 100 - 30
चाईबासा महिला कॉलेज - 100 - 04
जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज - 200 - 33
ग्रेजुएट कॉलेज - 100 - 52
को-ऑपरेटिव कॉलेज - 100 - 57
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वर्जन
-यह सही है कि कोल्हान विश्वविद्यालय के अंगीभूत कॉलेजों में सीटें नहीं भर पा रही है, वहीं निजी बीएड कॉलेजों में सीटें फुल हो जा रही है। इस बारे में हमें जरूर सोचना होगा कि ऐसा क्यों हो रहा है? - डॉ. एके झा, प्रवक्ता, कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा।