Bathua Saag ke Fayde : कोरोना काल में खूब खाइए बथुआ, यूं बढ़ जाएगी इम्युनिटी पावर
Bathua Saag ke Fayde वैसे तो सर्दियों में कोई भी साग फायदेमंद होता है लेकिन बथुआ साग का विशेष महत्व है। आज हम कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन से जूझ रहे हैं। ऐसे में बथुआ साग का महत्व बढ़ जाता है। इससे इम्युनिटी पावर मजबूत होती है...
जमशेदपुर : बथुआ साग ही नहीं बल्कि सेहत का खजाना है। यदि हम कुछ दिनों के अंतराल पर बथुआ साग का सेवन करें तो कई बीमारी ऐसे गायब हो जाएगी, मानो कभी था ही नहीं। कोरोना काल में यह इम्युनिटी बूस्टर का काम करता है। पुराने काल से ही बथुआ को सागों का सरदार और सबसे अच्छा आहार के रूप में माना जाता है।
दुनिया की सबसे पुरानी महल बनाने की किताब शिल्प शास्त्र में लिखा है कि हमारे बुजुर्ग अपने घरों को हरा रंग करने के लिए पलस्तर में बथुआ मिलाते थे। पुराने काल में महिलाएं डेंड्रफ साफ करने के लिए बथुए के पानी से बाल धोया करती थीं। इस संबंध में महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्पताल की डायटीशियन अनु सिन्हा कहती है कि बथुआ में गुणों की खान है।
बथुआ में पाए जाने वाले पोषक तत्व
- बथुआ में भरपूर मात्रा में विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं।
- बथुआ में विटामिन बी1, विटामिन बी2, विटामिन बी3, विटामिन बी5, विटामिन बी6, विटामिन बी9 और विटामिन सी से भरपूर है।
- इसके अलावा बथुआ में कैल्शियम, लोहा, मैग्निशियम, मैंगनीज, फास्फोरस, पोटेशियम, सोडियम, जिंक आदि मिनरल्स पाए जाते हैं।
सेहत के लिए फायदे ही फायदे
100 ग्राम कच्चे बथुआ में 7.3 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 4.2 ग्राम प्रोटीम व 4 ग्राम पोषक रेशे होते हैं। जब बथुआ को दही में मिला दिया जाता है यह किसी भी मांसाहार से ज्यादा प्रोटीन वाला बन जाता है। इसके अलावा यह अन्य खाद्य पदार्थ से ज्यादा सुपाच्य व पौष्टिक आहार बन जाता है। यदि बथुआ-दही के साथ बाजरे या मक्का की रोटी व गुड़ रहे तो सोने में सुहागा के सामान होता है।
गर्भवती महिलाओं व बुजुर्गों के लिए भी फायदेमंद
बथुआ साग गर्भवती महिलाओं, बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के लिए फायदेमंद है। यदि यह साग को प्रतिदिन खाया जाए तो गुर्दों में होने वाली पथरी सदा के लिए गायब हो जाती है। बथुआ आमाशय को बलवान बनाता है, गर्मी से बढ़े हुए यकृत को ठीक करता है।
बथुए के साग का सही मात्रा में सेवन किया जाए तो निरोग रहने के लिए सबसे उत्तम औषधि है। बथुए में हल्का काला नमक डालकर घी का छौंक लगाने के बाद खाने से किसी भी तरह की कमजोरी को दूर करता है। कब्ज व पेट साफ करने के लिए बथुआ का उपयोग लाभदायक होता है।
खराब लीवर को ठीक कर देता है बथुआ
बथुए का उबाला हुआ पानी का सेवन करने से यह खराब लीवर को भी ठीक कर देता है। पथरी होने पर एक गिलास कच्चे बथुए के रस पीने से पथरी टूटकर बाहर निकल जाता है। मासिक धर्म रूका हुआ है तो दो चम्मच बथुए के बीज एक गिलास पानी में उबालकर छान लें और आधा गिलास सेवन करें।
मासिक धर्म खुलकर साफ आएगा। आंखों में सूजन, लाली हो तो प्रतिदिन बथुए की सब्जी खाएं, पेशाब के रोगी बथुआ आधा किलो, पानी तीन गिलास, दोनों को उबालें और फिर छान लें, स्वाद के लिए नींबू, जीरा, जरा सा काली मिर्च, काला नमक डालकर सेवन करें।