Bank Latest News Update : 50 हजार रुपये से ज्यादा का चेक काटने की सोच रहे हैं, तो एक बार फिर सोच लें, हो सकती परेशानी
Bank News Update अगर आप एक बार में पचास हजार से अधिक का चेक काटने की सोच रहे हैं तो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नए नियम के अनुसार आप परेशानी में पड़ सकते हैं। यह नियम एक सितंबर से लागू हो रहा है। जानिए क्या है नियम...
जमशेदपुर, जासं। अभी तक लोग लाख-डेढ़ लाख का चेक भी बेधड़क काट देते थे, लेकिन अब 50 रुपये से ज्यादा का चेक काटने की सोच रहे हैं, तो एक बार सोच लें। एक सितंबर से कुछ बैंक इसे लेकर रिजर्व बैंक का नया नियम लागू करने पर विचार कर रहे हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने पाजिटिव-पे सिस्टम के तहत एक नियम लागू किया है कि यदि ग्राहक इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा का इस्तेमाल नहीं कर रहा है, तो 50,000 रुपये से अधिक का चेक नहीं काट सकता है।
ज्यादातर बैंक यह सिस्टम एक सितंबर से लागू करने जा रहे हैं। आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने चेक ट्रांजैक्शन सिस्टम या सीटीएस के तहत इसी माह पाजिटिव-पे सिस्टम के नियमों की घोषणा की थी। इस नियम में यही कहा गया है कि बैंक अपने खाताधारकों के लिए यह नियम लागू करने के लिए स्वतंत्र हैं। इसका मतलब यह हुआ कि जो बैंक चाहे लागू कर सकता है, जो नहीं चाहेंगे, वे इसे छोड़ भी सकते हैं।
बैंक को देनी होगी पूर्व सूचना, वरना चेक रोक दिया जाएगा
भारतीय रिजर्व बैंक के इस नए नियम में ग्राहकों या खाताधारकों को निर्देश दिया गया है कि यदि उन्हें किसी कारणवश 50,000 रुपये से अधिक का चेक काटना जरूरी है तो बैंक को इसकी पूर्व सूचना अवश्य दे दें। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो आपका बैंक आपके चेक को क्लीयरेंस के लिए नहीं भेजेगा। आपका चेक रद समझा जाएगा। इससे उन ग्राहकों को परेशानी हो सकती है, जो नेट बैंकिंग या मोबाइल बैंकिंग का उपयोग सुरक्षा या किसी अन्य वजहों से नहीं करते हैं।
एक्सिस, महिंद्रा समेत अन्य बैंकों में लागू
भारतीय रिजर्व बैंक के नए नियम का एक्सिस बैंक व कोटक महिंद्रा बैंक समेत कुछ अन्य बैंकों में लागू हो गया है। बताया जाता है कि अधिकतर बैंक एक सितंबर से इसे लागू करने की योजना बना रहे हैं। इसलिए उन्होंने अपने ग्राहकों से कहा है कि वे जल्द से जल्द अपने खाता को नेट या मोबाइल बैंकिंग से जोड़ लें। यदि ऐसा नहीं किया, तो उन्हें 50 हजार रुपये से ज्यादा का चेक काटने में दिक्कत हो सकती है। रिजर्व बैंक का तर्क है कि यह ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाना चाहता है, इसलिए यह नियम लागू किया गया है। पहले ठग किसी का क्लोन चेक बनाकर लाखों रुपये उड़ा लेते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।