हो जाएं सावधान! बैंक आपका लॉकर तोड़ भी सकता है, आरबीआई ने जारी किए नए दिशानिर्देश
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों के लॉकर को लेकर नया गाइडलाइंस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि अगर सात साल से अधिक अवधि तक आपका लॉकर निष्क्रिय रहता है या फिर आप इसका किराया नहीं दे रहे हैं तो बैंक आपके लॉकर को तोड़ सकता है।
जमशेदपुर : अधिकांश लोग अपने आभूषण और अन्य कीमती सामान बैंक लॉकर में रखते हैं। यह सोचकर कि यह घर की तुलना में ज्यादा सुरक्षित है क्योंकि हमारे घरों में चोरी की संभावना बैंकों की तुलना में बहुत अधिक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बैंक आपके लॉकर को तोड़ भी सकता है, यदि यह लंबे समय तक निष्क्रिय रहता है। सुरक्षित डिपोजिट लॉकर के संबंध में हाल ही में रिजर्व बैंक इंडिया (RBI) ने नया गाइडलाइंस जारी किया है।
गाइडलाइंस के अनुसार, अगर आपका लॉकर लंबे समय तक निष्क्रिय रहता है तो बैंक इसे तोड़ सकता है। भले ही किराए का नियमित रूप से भुगतान किया जा रहा हो। बैंकिंग और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में विकास, उपभोक्ता शिकायतों की प्रकृति और बैंकों और भारतीय बैंक संघ से प्राप्त फीडबैक को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने हाल ही में सुरक्षित जमा लॉकर के संबंध में अपने दिशानिर्देशों को संशोधित किया और बैंकों को बैंक लॉकर्स की निष्क्रियता के संबंध में नए निर्देश भी दिए।
सात साल के बाद होगी कानूनी कार्रवाई
आरबीआई के संशोधित दिशानिर्देशों में कहा गया है कि अगर बैंक सात साल की अवधि के लिए निष्क्रिय रहता है तो बैंक लॉकर को खोलने और लॉकर की सामग्री को उनके नामितों/कानूनी उत्तराधिकारी को हस्तांतरित करने या पारदर्शी तरीके से निपटान करने के लिए स्वतंत्र होगा। नियमित रूप से किराए का भुगतान करने पर भी लॉकर-किराएदार का पता नहीं लगाया जा सकता है। लेकिन साथ ही जनहित की रक्षा करते हुए, केंद्रीय बैंक ने विस्तृत निर्देश भी जारी किए। किसी भी लॉकर को तोड़ने से पहले उन निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए।
लॉकर तोड़ने की होगी वीडियो रिकॉर्डिंग
आरबीआई के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि बैंक लॉकर-किराए पर लेने वाले को एक पत्र के माध्यम से नोटिस देगा और पंजीकृत ईमेल आईडी और मोबाइल फोन नंबर पर ईमेल और एसएमएस अलर्ट भेजेगा। यदि पत्र बिना सुपुर्दगी लौटा दिया जाता है या लॉकर-किराए पर लेने वाले का पता नहीं चलता है, तो बैंक लॉकर-किराए पर या किसी अन्य व्यक्ति को उचित समय देते हुए दो समाचार पत्रों (एक अंग्रेजी में और दूसरा स्थानीय भाषा में) में सार्वजनिक नोटिस जारी करेगा।
वॉल्ट एडमिनिस्ट्रेटर' पासवर्ड का होगा उपयोग
केंद्रीय बैंक के दिशानिर्देशों में आगे कहा गया है कि बैंक के एक अधिकारी और दो स्वतंत्र गवाहों की उपस्थिति में लॉकर को खोला जाना चाहिए और पूरी प्रक्रिया की वीडियो रिकॉर्डिंग की जानी चाहिए। इलेक्ट्रॉनिक रूप से संचालित लॉकर (स्मार्ट वॉल्ट सहित) के मामले में, लॉकर खोलने के लिए 'वॉल्ट एडमिनिस्ट्रेटर' पासवर्ड का उपयोग एक वरिष्ठ अधिकारी को सौंपा जाएगा और एक्सेस का पूरा ऑडिट ट्रेल संरक्षित किया जाएगा। आरबीआई ने आगे कहा कि लॉकर को खोलने के बाद, सामग्री को एक सीलबंद लिफाफे में रखा जाएगा, जिसमें विस्तृत इन्वेंट्री के साथ एक फायरप्रूफ तिजोरी के अंदर एक टेंपर प्रूफ तरीके से ग्राहक द्वारा दावा किए जाने तक रखा जाएगा। फायरप्रूफ तिजोरी तक पहुंच का रिकॉर्ड अनिवार्य रूप से रखा जाएगा। लॉकर की सामग्री वापस करते समय, बैंक भविष्य में किसी भी विवाद से बचने के लिए सूची में ग्राहक की पावती प्राप्त करेगा।