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सरयू राय ने डीसी से कहा, बारीडीह में बालू के अवैध खनन पर लगाएं रोक Jamshedpur News

पूर्व मंत्री सह जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने जमशेदपुर के उपायुक्त सूरज कुमार को बालू उत्खनन के अवैध कारोबार पर रोक लगाने को कहा है। सरयू राय ने लिखा है कि जमशेदपुर पूर्व के बारीडीह इलाका में स्वर्णरेखा से बालू के अवैध उठाव दोबारा शुरू हो गया।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 14 Dec 2020 09:29 AM (IST)Updated: Mon, 14 Dec 2020 09:29 AM (IST)
सरयू राय ने डीसी से कहा, बारीडीह में बालू के अवैध खनन पर लगाएं रोक Jamshedpur News
बालू खनन का सिलसिला लगातार सुबह चार बजे से शुरू हो जाता है, जो रात के अंधेरे तक चलता है।

जमशेदपुर, जासं। पूर्व मंत्री सह जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने फेसबुक पोस्‍ट व ट्वीट कर जमशेदपुर के उपायुक्त सूरज कुमार को बालू उत्खनन के अवैध कारोबार पर रोक लगाने को कहा है। सरयू राय ने लिखा है कि जमशेदपुर पूर्व के बारीडीह इलाका में स्वर्णरेखा से बालू के अवैध उठाव दोबारा शुरू हो गया। इससे वहां के निवासी चिंतित हैं। इस अनियमितता से नदी को नुकसान हो रहा है। सरयू राय ने कहा कि इसकी जानकारी उपायुक्त को देकर अपने विधानसभा क्षेत्र में बालू निकासी रोकने के लिए कहा है।

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शिकायत के बावजूद पुलिस नहीं करती कार्रवाई 

स्थानीय लोगों का कहना है कि शिकायत करने के बावजूद पुलिस व खनन विभाग कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती। लोगों का कहना है कि अखबार में खबर छपने के बाद एक-दो दिन बालू ढुलाई का काम बंद हो जाता है। इसके बाद दोबारा काम शुरू हो जाता है। हालात यह है कि इस घाट पर प्रतिदिन पुलिस की पेट्रोलिंग वाहन आती है और बालू की ढुलाई अपने आंखों से देखने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं करती। आज स्थिति यह है कि बालू माफिया एक बार फि‍र पूरी ताकत से बालू ढुलाई का काम जोर-शोर से शुरू कर दिया है। करीब दर्जन भर नाव तैयार कर बालू ढोने में लग गया है। यह नाव नदी के बीच व दूसरे किनारे से बालू लादकर किनारे ले आते हैं। नदी किनारे इंतजार कर रहे दर्जनों मजदूर आनन-फानन में बालू को नदी किनारे गिरा देते हैं, इसके बाद 407 वाहनों से इस बालू को अपने गंतव्य की ओर ले जाते हैं। यह सिलसिला लगातार सुबह चार बजे से शुरू हो जाता है, जो रात के अंधेरे तक चलता है। 

बस्ती के लोग नदी जाने से करते हैं परहेज 

निराला पथ घाट पर पहले स्थानीय बस्ती के लोग कपड़ा साफ करने नहाने के लिए जाते थे, लेकिन आज यहां की स्थिति इतनी अधिक खराब है कि बालू के धंधे से जुड़े लोगों की गहमा-गहमी रहती है, गाड़ियों का आना-जाना लगातार चलता रहता है, इसलिए लोग अपने बच्चे परिवार के पास इस घाट पर जाने से कतराते हैं। इसके अलावा बालू माफिया के जमावड़ा से भी महिलाएं नहीं जाना चाहतीं।


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