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Baldness Problem : अब गंजे के सिर पर भी हो जाएंगे बाल, वैज्ञानिकों ने खोजा तरीका

Baldness Problem आजकल के युवा उम्र से पहले ही गंजे हो जा रहे हैं। एक बार गंजा हो जाने के बाद कोई इलाज भी नहीं है। लेकिन अब घबराने की जरूरत नहीं है। वैज्ञानिकों ने ऐसा तरीका ढूढ़ निकाला है कि गंजे सिर पर अब बाल उगेंगे...

By Jitendra SinghEdited By: Published: Tue, 04 Jan 2022 11:15 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jan 2022 11:15 AM (IST)
Baldness Problem : अब गंजे के सिर पर भी हो जाएंगे बाल, वैज्ञानिकों ने खोजा तरीका
Baldness Problem : अब गंजे के सिर पर भी हो जाएंगे बाल, वैज्ञानिकों ने खोजा तरीका

जमशेदपुर : भागदौड़ की जिंदगी में सिर के बाल झड़ने की समस्या तेजी से बढ़ी है। लोगों की बाल इतने तेजी से झड़ रही है कि वे गंजे हो जा रहे हैं। इस दौरान उन्हें कई तरह की समस्या से गुजरना पड़ता है। विशेषज्ञ चिकित्सक कहते हैं कि बाल झड़ने के कई कारण हैं, लेकिन अच्छी बात यह है कि अब आसानी से बाल सिर पर उग आएंगे। वैज्ञानिकों ने इसका तरीका ढूंढ निकाला हैं।

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वर्ष 2018 के एक रिसर्च के अनुसार, इंडिया में 18 से 35 साल की उम्र वाले 47.6 प्रतिशत पुरुषों में बालों का झड़ना या गंजेपन की समस्या है। पुरुषों में भी गंजेपन या मेल पैटर्न बाल्डनेस की बढ़ी हुई समस्या को खत्म करने के लिए वे लोग तरह-तरह के शैंपू, कंडीशनर, सीरम आदि लगाते हैं और तरह-तरह की दवाओं का भी सेवन करते हैं। कुछ लोगों को रिजल्ट मिल जाते हैं लेकिन अधिकतर लोगों को कोई अंतर नहीं पड़ता। हालांकि, बालों को झड़ना कई बातों पर निर्भर करता है।

मेल पैटर्न बाल्डनेस को समझें

अगर आप गंजे के शिकार हैं तो सबसे पहले मेल पैटर्न बाल्डनेस को सझमें। पुरुषों में बाल झड़ने को एंड्रोजेनिक एलोपेसिया या मेल पैटर्न बाल्डनेस करते हैं। इसमें खोपड़ी की कोशिकाएं खत्म हो जाती हैं, जिससे नए बालों की ग्रोथ नहीं होती। ऐसा बालों के रोम के पास की ब्लड वेसिल्स की कमी के कारण होता है। दरअसल, रोम छिद्र के पास रक्त वाहिकाओं की कमी हो जाती है, जिससे बालों की ग्रोथ के लिए जरूरी और पर्याप्त न्यूट्रिशन बालों तक नहीं पहुंच पाते।

ऐसे की गई रिसर्च

वैज्ञानिकों ने चूहों पर सफल रिसर्च किया है। वैज्ञानिकों ने सेरियम नैनोपार्टिकल्स को बायोडिग्रेडेबल पालीथीन ग्लाइकोल-लिपिड कंपाउंड में लपेट दिया। इसके बाद हाइल्यूरोनिक एसिड का प्रयोग करके एक घुलनशील माइक्रोनीडल पैच बनाया। पैच यानी आर्टीफिशियल हेयर या पास्थेटिक विग। इसके बाद नैनोपार्टिकल्स को कंपाउंड में जोड़ा, ताकि एक सांचा तैयार किया जा सके।

टेस्ट करने के लिए वैज्ञानिकों ने सबसे पहले चूहों के बाल हटाने के लिए उनके शरीर पर जगह-जगह हेयर रिमूवर क्रीम लगाई, जिससे चूहों के उतने हिस्से के बाल निकल गए। फिर उन्होंने बाल हटने वाली जगह पर पैच लगाए। इसका इस्तेमाल साधारण पैच बनाने के साथ साथ विशेष पैच बनाने में भी होता है।

सामने आए ये परिणाम

रिसर्च में यह परिणाम सामने आया है कि जिन चूहों में इस्तेमाल किए गए, उनमें अधिक अंतर देखने को मिला। उन चूहों ने कई एेसे संकेत दिए जो नए बालों के उगने की निशानी थे।अब इसे इंसानों पर टेस्ट किया जाएगा। अगर यह इंसानों पर भी काम करता है तो निश्चित ही पुरुषों को गंजेपन से मुक्ति मिल सकती है।


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