बागजाता माइंस के पास क्विक एक्शन फोर्स तैनात
स्थिति सामान्य होने तक तैनात रहेगी फोर्स ग्रामीणों ने कहा, अधिकारियों पर करेंगे केस -खबर को फॉ
स्थिति सामान्य होने तक तैनात रहेगी फोर्स
ग्रामीणों ने कहा, अधिकारियों पर करेंगे केस
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फोटो 16 से 20
-जिला से पहुंची महिला पुलिस
संवाद सूत्र, मुसाबनी : यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड -यूसिल- की बागजाता माइंस में लाठीचार्ज की घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश देखा जा रहा है। आक्रोश को देखते हुए रविवार को जिला प्रशासन ने बागजाता माइंस में क्विक एक्शन फोर्स को तैनात कर दिया है। रविवार को लगभग 40 जवान बॉडी प्रोटेक्शन के साथ मुसाबनी थाना पहुंचे। यहां से इनकी कमान बागजाता माइंस के लिए काट दी गई। इनमें लगभग 10 महिला पुलिस के जवान शामिल हैं। बागजाता माइंस में इनकी तैनाती तब तक रहेगी जब तक यहां के हालात सामान्य नहीं हो जाते।
इसबीच, ग्रामीणों ने गोलबंद होकर पुलिसिया कार्रवाई की कड़ी ¨नदा की। लाठीचार्ज में घायल महिला एवं पुरुषों ने खुद को निर्दोष बताते हुए पुलिसिया कार्रवाई को गलत ठहराया। कहा कि अपने हक की मांग करने पर पुलिस की पिटाई कौन सा कानून है।
लाठी चार्ज की घटना पर घायलों के बोल
लाठीचार्ज में घायल महिला सुमी मार्डी ने कहा कि पुलिस के बर्बरतापूर्ण पिटाई से उनके सिर पर गहरी चोट लगी है। सिर में काफी दर्द है। हमने यूसिल को जमीन देकर बहुत बड़ी गलती की है। हमलोगों को अपनी जमीन के बदले न नौकरी मिली न मुआवजा। आज तक हमलोग इससे वंचित हैं। जमीन देकर भी हम जंगल से लकड़ी काटकर जिंदगी गुजार रहे हैं। हक और अधिकार मांगने पर हमें पुलिस पीट रही है।
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फागु मुर्मू ने कहा कि हमने अपनी जमीन के एवज में यूसिल से नौकरी की मांग की, जो हमारा हक है। आज हम अपनी जमीन के लिए नौकरी मांग रहे हैं और मार खा रहे है। बाहरी लोगों का समावेश हमारे क्षेत्र में हो रहा है। हम जमीन के मालिक होने के बावजूद खानाबदोश की ¨जदगी जीने को मजबूर हैं। ग्रामीण और माझी बाबा (ग्राम प्रधान) करण मुर्मू पर झूठा केस दायर किया गया है। यूसिल प्रबंधन हमलोगों के साथ ठीक नहीं कर रहा है।
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घायल महिला लुस्की मुर्मू ने कहा कि अपनी इज्जत और जान बचाने में पुलिस ने लाठी से मुझे मारा। इससे सिर में चोट लगी है। पुलिस बल में कोई भी महिला पुलिस नहीं थी। महिला के रूप में एक लड़की वहीं खड़ी थी, जो शायद जादूगोड़ा थाना प्रभारी थी। उसे हमने कभी देखा तक नहीं है। हम पर अत्याचार हो रहा था और वह खड़ी होकर देख रही थी। ऐसी पुलिस व्यवस्था हमनें कभी आज से पहले नहीं देखा।
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बागुन मुर्मू ने कहा कि हमारी जमीन लेकर माइंस यहां पर खोला गया, पर आज तक हमें नौकरी नहीं मिली है। अपनी जमीन देकर भी आज हम तंगहाली की ¨जदगी जीने को मजबूर हैं। आज मेरे परिवार और मेरे गांव के लोगों को जिस तरह से यूसिल के निर्देश में पुलिस ने गांव के लोगों को मारा है। हम सोचने को मजबूर हैं कि यूसिल को जमीन देकर बहुत बड़ी गलती की है। कहा कि सीओ और जादूगोड़ा थाना प्रभारी प्रियंका आनंद द्वारा गलत निर्णय लेकर हमारे लोगों को मारपीट किया गया। हम सभी ग्रामीण इस पर चुप नहीं बैठेंगे। हम भी संबंधित पदाधिकारियों पर मुकदमा दायर करेंगे।