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नई जिंदगी, हवाई जहाज में सफर और पीएम से मुलाकात, जानिए किस योजना से भरे इस महिला के जीवन में रंग

इस महिला को नई जिंदगी मिली। इसके साथ ही हवाई जहाज में सफर और पीएम से मिलने का अनदेखा सपना पूरा हुआ। यह सब हुआ आयुष्मान भारत योजना की वजह से।

By Edited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 03:23 PM (IST)
नई जिंदगी, हवाई जहाज में सफर और पीएम से मुलाकात, जानिए किस योजना से भरे इस महिला के जीवन में रंग
नई जिंदगी, हवाई जहाज में सफर और पीएम से मुलाकात, जानिए किस योजना से भरे इस महिला के जीवन में रंग

जमशेदपुर, जासं। Ayushman bharat yojana नई जिंदगी, हवाई जहाज में सफर और पीएम से मुलाकात। जी हां, यह संभव हुआ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना से। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर लौटी दासी कर्मकार का जमशेदपुर पहुंचने पर मंत्री सरयू राय और डॉ. नागेंद्र सिंह ने स्वागत किया। गंगा मेमोरियल हॉस्पिटल में आयोजित स्वागत कार्यक्रम में बहरागोड़ा स्थित पाथर गांव निवासी (60) दासी कर्मकार जैसे ही पहुंची कि उसकी आंखें भर आई। उन्होंने हाथ जोड़कर सभी को प्रणाम किया और भावुक हो गई।

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कुछ देर के बाद उन्होंने कहा कि मेरी जान बचाने वाले डॉ. नागेंद्र सिंह व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सचमुच मेरी जिंदगी बदल दी। ये दोनों इंसान ने मिलकर मुझे नया जीवन दिया है। इसलिए इंसान ही भगवान का रूप होता है। आयुष्मान भारत योजना नहीं होती तो शायद ही आज दासी का इलाज संभव होता। वह 22 साल से पेट में 40 किलो का ट्यूमर लेकर भटक रही थी, लेकिन इलाज में हर जगह पैसे की बाधा थी। वहीं जब ट्यूमर बढ़कर 40 किलो का हो गया तो उसे कोई भी अस्पताल ऑपरेशन करने का रिस्क नहीं ले रहा था। अंत में मरीज गंगा मेमोरियल हॉस्पिटल पहुंची और उसकी सर्जरी हुई।

सपने में नहीं सोचा था पीएम से मिलने की बात

दासी कर्मकार ने कहा कि उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि प्रधानमंत्री उसे बुलाकर बात करेंगे। इतना ही नहीं, हवाई जहाज में भी घूमने का सपना पूरा हो गया। उन्होंने कहा कि 60 की उम्र में वह बहरागोड़ा की पहली ऐसी महिला होगी जिसे हवाई जहाज पर चढ़ने का सपना पूरा हुआ होगा।

दासी को सौंपा गया अनार का पौधा

मंत्री सरयू राय ने दासी को अनार का पौध सौंपा। अनार के फल, फूल, बीज, पत्तियां मानव जीवन के लिए कुदरत का एक उपहार है, जो शरीर में प्राकृतिक रूप से कार्य करता है।

मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि

दासी कर्मकार का ऑपरेशन करने वाले डॉ. नागेंद्र सिंह ने कहा कि मेरे जीवन में यह सबसे बड़ी उपलब्धि है। 40 किलो का ट्यूमर उन्होंने कभी नहीं देखा था। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन काफी जटिल था फिर भी मैंने रिस्क लिया और मरीज की जान बच गई।


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