Indian Railways: नहीं पूरा हुआ रेल कर्मचारियों का इंतजार, ये थी उम्मीद
रेलवे कर्मचारियों की उम्मीदों पर कैबिनेट एक्सटेंशन ने पानी फेर दिया। उम्मीद थी कि बुधवार यानी सात जुलाइ को कैबिनेट की बैठक में रेलवे कर्मचारियों की प्रतीक्षित मांग पर फैसला हो जाएगा। हालांकि इंतजार धरा का धरा रह गया।
जमशेदपुर, जासं। रेलवे कर्मचारियों की उम्मीदों पर कैबिनेट एक्सटेंशन ने पानी फेर दिया। उम्मीद थी कि बुधवार यानी सात जुलाइ को कैबिनेट की बैठक में रेलवे कर्मचारियों की प्रतीक्षित मांग पर फैसला हो जाएगा। हालांकि, इंतजार धरा का धरा रह गया।
रेल कर्मचारियों का कर्मचारियों का डीए जनवरी 2020 से लंबित है। नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवेमेन (एनएफआइआर )के महामंत्री डा. एम राघवैया ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था। फेडरेशन की ओर से दिए गए पत्र में फ्रिज डीए को चालू करने का आग्रह किया गया था। उम्मीद जताइ गइ थी कि इससे सेवारत केंद्रीय कर्मचारियों के साथ-साथ सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों को भी राहत मिलेगी। जनवरी 2020, जुलाई 2020 और जनवरी 2021 के बकाया डीए के भुगतान के साथ जुलाई 2021 के डीए भुगतान की प्रक्रिया भी जल्द शुरू करने का आग्रह किया गया था। अगर इस पर कैबिनेट की मुहर लग जाती तो एक झटके में ही रेलवे कर्मचारियों का वेतन कम से कम ११ प्रतिशत तक बढ जाता। इसे इस रूप में समझें। जिस कर्मचारी का वेतन 40 हजार है, उसका बढ़कर 44400 हो जाता। जुलाई 2021 के डीए को भी मंजूरी मिल जाती तो वेतन में तीन से चार प्रतिशत का और इजाफा हो जाता।
पहले हो चुकी है बैठक
डीए को लेकर इससे पहले नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवेमेन समेत दूसरे फेडरेशन और रेलवे बोर्ड की विभागीय परिषद की जेसीएम बैठक 22 जून को ही हो चुकी है। इसके बाद नेशनल काउंसिल की जेसीएम बैठक में भी डीए का मुद्दा छाया रहा था। अब इस मामले में कैबिनेट को फैसला लेना है।
17 प्रतिशत बढ़ना है सरकार कर रही है 11 प्रतिशत बढाने की बात
केंद्र सरकार ने जनवरी 2020, जुलाई 2020 और जनवरी 2021 को रेल कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर रोक लगा दी है। इसके कारण प्रत्येक रेल कर्मचारियों को 5000 रुपये का न्यूनतम और अधिकतम 12 हजार रुपये का औसतन नुकसान हो रहा है। लेकिन सरकार 17 प्रतिशत के बजाए 11 प्रतिशत डीए बढ़ोतरी कर हम पर मेहरबानी जताना चाह रही है। जनवरी 2020 से 18 माह के बजाए मात्र दो माह एरियर दे रही है। इतनी बढ़ती भी है तो रेल कर्मचारियों के लिए कम है। सरकार को महंगाई भत्ते पर अपनी स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए।
-एसआर मिश्रा, सहायक सचिव, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवेमैन