Jalgaon Case: महिला दिवस पर जलगांव की घटना से राष्ट्रपति को अवगत कराने का किया प्रयास
Jalgaon Case. महाराष्ट्र के जलगांव में एक मार्च को महिलाओं-लड़कियों के साथ ऐसी घटना हुई जो मानवता को शर्मशार करने वाली है। अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय महिला दिवस पर भारतीय जन महासभा ने इस घटना का तीव्र विरोध करते हुए राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त कार्यालय को ज्ञापन सौंपा।
जमशेदपुर, जासं। महाराष्ट्र के जलगांव में एक मार्च को महिलाओं-लड़कियों के साथ ऐसी घटना हुई, जो मानवता को शर्मशार करने वाली है। अंतरराष्ट्रीय राष्ट्रीय महिला दिवस पर भारतीय जन महासभा ने इस घटना का तीव्र विरोध करते हुए राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त कार्यालय को ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान भारतीय जन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मचंद्र पोद्दार ने बताया कि जलगांव के गणेश मोहल्ला में सरकारी आशादीप गर्ल्स हॉस्टल है, जहां महिला एवं बाल कल्याण विभाग की ओर से बेसहारा, प्रताड़ित व पीड़ित महिलाओं और लड़कियों के रहने एवं खाने की व्यवस्था की जाती है।
एक मार्च को महाराष्ट्र की पुलिस इस हॉस्टल में जांच के बहाने घुसी और वहां की छात्राओं के कपड़े उतरवाकर उनसे जबरन न्यूड डांस कराया। यह घटना मानवता को शर्मसार करने वाली है। इस घटना में शामिल इन पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी नहीं हुई है।
पोद्दार ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार के मंत्री व विधायक उन पुलिसकर्मियों को बर्खास्त करने की जगह बचाने में लगे हैं। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि मंत्री और विधायक भी इस प्रकार की घटनाओं में लिप्त रहते हैं। इस पाशविकता भरी पुलिसिया कार्रवाई से दुखी होकर भारतीय जन महासभा ने ज्ञापन में राष्ट्रपति से यह मांग की है कि जो सरकार अपने राज्य की बहू-बेटियों की सुरक्षा नहीं कर सकती, उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। ऐसी राज्य सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाया जाना राज्य की महिलाओं एवं छात्राओं के हित में होगा। ऐसा होने से अन्य राज्यों की सरकारों को भी सबक मिलेगा कि वे अपनी सरकार के मातहत विभागों के कर्मचारियों पर अंकुश लगाएं।
ज्ञापन सौंपने के दौरान पोद्दार के अलावा बसंत कुमार सिंह, श्याम सुंदर मिश्रा, सोनी पाटोदिया, मीना चौधरी, पूरनचंद्र गोप, नमिता सिन्हा, सबिता ठाकुर, दीप आदि उपस्थित थे।
कोरोना जांच के बाद अंदर जाने दिया गया
धर्मचंद्र पोद्दार ने बताया कि ज्ञापन सौंपने के लिए हममें से केवल तीन लोगों को उपायुक्त कार्यालय के भीतर जाने दिया गया। इसमें उनके अलावा श्याम सुंदर मिश्रा व मीना चौधरी शामिल थीं। हम तीनों का पहले कोरोना टेस्ट हुआ। निगेटिव पाए जाने पर ही अंदर जाने दिया गया। अंदर उपायुक्त नहीं मिले। रिसीविंग सेक्शन ने रिसीविंग देने से मना किया और कहा कि बॉक्स में डाल दीजिए। उपायुक्त कार्यालय के गेट के बगल में एक बॉक्स रखा हुआ है, उसमें हम लोगों ने ज्ञापन डाला है।