Indian Railways, IRCTC: टाटानगर आरपीएफ स्कॉट टीम पर हमला, मामला दर्ज
टाटानगर आरपीएफ स्कॉट टीम पर 02259 गीतांजलि सुपरफास्ट में एक विक्षिप्त महिला द्वारा हमला किया गया। इस मामले में टाटानगर जीआरपी थाने में संबधित महिला के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने व हमला करने का मामला दर्ज किया गया है।
जमशेदपुर, जागरण संवाददाता। टाटानगर आरपीएफ स्कॉट टीम पर 02259 गीतांजलि सुपरफास्ट में एक विक्षिप्त महिला द्वारा हमला किया गया। इस मामले में टाटानगर जीआरपी थाने में संबधित महिला के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने व हमला करने का मामला दर्ज किया गया है। प्राप्त सूचना के अनुसार विक्षिप्त महिला कोच संख्या 12 के सीट संख्या 71 पर आकर बैठ गई। फटे-पुराने कपड़े पहनी महिला के शरीर से दुर्गंध आ रही थी। यात्रियों के कहने पर भी महिला वहां से नहीं गई।
उसके पास न तो यात्रा का टिकट था और न ही कोई सामान। सुबह में टाटानगर आरपीएफ स्कॉट टीम मौके पर पहुंची तो आसपास के यात्रियों ने इसकी शिकायत की। जिसके बाद स्कॉट टीम ने महिला को वहां से जाने का आग्रह किया। इस पर महिला स्कॉट टीम से उलझ गई और उन्हें बोतल फेक कर मारने लगी। इस दौरान फिसलने से उसके सिर पर चोट लग गई। राउरकेला स्टेशन पर उतर कर उसने स्कॉट टीम पर मारने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है। वहीं, आरपीएफ की टीम ने टाटानगर जीआरपी में संबधित महिला के खिलाफ आईपीसी की दो धाराओं में मामला दर्ज कराया है।
नाबालिग ट्रेन में छूटा, आरपीएफ ने किया बरामद
हावड़ा से चलकर पोरबंदर जाने वाली 09206 पोरबंदर सुपरफास्ट विशेष ट्रेन में बानो खातून नामक महिला यात्री का 10 वर्षीय पोता ट्रेन ही छूट गया। खड़गपुर आरपीएफ से उसने शिकायत करते हुए बताया कि वे डी-1 में सफर कर रही थी। पानी पीने स्टेशन पर उतरी और ट्रेन छूट गया। खड़गपुर आरपीएफ ने मामले की जानकारी टाटानगर आरपीएफ को दी जिसके बाद नाबालिग बच्चे को सुरक्षित ट्रेन के संबधित सीट से बरामद कर उनकी दादी को सौंप दिया गया।
संदिग्ध युवक को आरपीएफ ने स्वजनों को सौपा
टाटानगर स्टेशन पर शनिवार शाम एक युवक संदिग्ध परिस्थिति में घूम रहा था। इस दौरान आरपीएफ की एलसी सुलोचना बेहरा ने उससे पूछताछ की लेकिन युवक कुछ भी नहीं बता रहा था। ऐसे में सुलोचना ने उसके पॉकेट से मोबाइल फोन बरामद कर मामले की सूचना उसके स्वजनों को दी। रात साढ़े 11 बजे स्वजन टाटानगर आरपीएफ पोस्ट पहुंचे। जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद संबधित युवक को उसके स्वजनों को सौपा गया।