अटल ग्रामीण संस्था बना नौकरी के नाम पर करोड़ों की ठगी, हंगामा
बिहार के गोपालगंज के रहने वाले सोनू सिंह ने अटल ग्रामीण संस्था बनाकर पांच सौ बेरोजगारों से करोड़ों की ठगी की।
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : बिहार के गोपालगंज के रहने वाले सोनू सिंह ने अटल ग्रामीण संस्था बना कर जिले के तकरीबन 500 बेरोजगारों से करोड़ों रुपये की ठगी की है। नौकरी दिलाने के नाम पर एक-एक युवा से 15 हजार से 20 हजार रुपये तक की वसूली तो हुई ही है इन लोगों को 11 हजार रुपये प्रतिमाह का वेतन भी संस्था हड़प गई है। वसूली करने के बाद संस्था का मालिक सोनू सिंह फरार हो गया है। नौकरी नहीं मिलने पर गुरुवार को लगभग दो बजे कांग्रेस के जिला महासचिव चंदन पांडेय को लेकर 80-90 बेरोजगार युवा संस्था के छोटा गोविंदपुर स्थित कार्यालय में पहुंचे। यहां जमकर हंगामा हुआ। सूचना पाकर गोविंदपुर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने मामला शांत कराया। संस्था का स्थानीय स्टाफ सुनील सिंह ने 10 दिन में सभी युवकों के रुपये वापस करने का वादा किया है।
ठगे गए युवा पटमदा, बोड़ाम, घाटशिला, बहरागोड़ा, पोटका, धालभूमगढ़ आदि प्रखंडों के ग्रामीण इलाकों के हैं। संस्था ने महिलाओं को ट्रेनिंग आदि देने के नाम पर संस्था खोली थी। इसमें अध्यापक और कोआर्डिनेटर की भर्ती की थी। कोआर्डिनेटर से 15 से 20 हजार रुपये तक लिए गए थे। ये रकम तकरीबन एक करोड़ रुपये के आसपास पहुंचती है। तनख्वाह की रकम जोड़ दी जाए तो पूरी राशि कई करोड़ रुपये है। कहा गया था कि कोआर्डिनेटर को 11 हजार रुपये प्रति माह तनख्वाह दी जाएगी। अध्यापकों से 6500 रुपये लिए गए थे। इन्हें 2500 रुपये प्रतिमाह तनख्वाह देने की बात कही गई थी। एक महिला पुष्पा सिंह ने बताया कि उन लोगों को एक पाई नहीं दी गई।
चेक से कर रहे थे भुगतान, खाते में नहीं थे पैसे :
ठगे गए युवाओं ने बताया कि उन्हें गुरुवार को पैसे देने के लिए बुलाया गया था। संस्था के दफ्तर में तीन स्टॉफ मौजूद थे। इन लोगों ने उन्हें चेक से भुगतान की बात कही। किसी को 55 हजार तो किसी को 45 हजार का चेक दिया जा रहा था। लेकिन, एक युवक ने चेक ले जाकर एक बैंक में दिखाया तो पता चला कि खाते में पैसे नहीं हैं। इस पर युवाओं ने चेक लेने से इंकार कर दिया और हंगामा शुरू हो गया।
पुलिस थाने ले गई एक स्टॉफ को :
हंगामा होने पर किसी युवा ने मामले की सूचना गोविंदपुर थाने को दे दी। गोविंदपुर थाना प्रभारी तीन तल्ला चौक स्थित संस्था के कार्यालय गए। पुलिस को देखते ही वहां काम कर रहे दो स्टॉफ भाग खड़े हुए। एक स्टाफ सुनील सिंह को पकड़ कर पुलिस थाने ले गई। यहां ठगे गए युवक भी गए। स्टॉफ ने पुलिस से वादा किया है कि वो जल्द ही सबके पैसे वापस कर देंगे। इसके बाद पुलिस ने स्टॉफ को छोड़ दिया है।
जून से काम किया, सितंबर में आफर लेटर :
युवाओं का कहना है कि उनको संस्था में नौकरी देने के नाम पर वसूली की गई। इसके बाद जून से ही सभी 500 के करीब लोगों ने काम शुरू कर दिया। कोआर्डिनेटर की तनख्वाह 11 हजार रुपये और अध्यापक की तनख्वाह 2500 रुपये बताई गई थी। को-आर्डिनेटर को गांव-गांव जाकर महिलाओं को रोजगार की ट्रेनिंग के लिए तैयार करना था। एक कोआर्डिनेटर ने बताया कि उनको सितंबर में ज्वाइनिंग लेटर मिला था। संस्था कह रही थी कि उन्हें सितंबर से ही तनख्वाह मिलेगी। लेकिन, अब तक तनख्वाह के नाम पर फूटी कौड़ी नहीं मिली है।
इन युवाओं से की गई है वसूली :
लव किशोर महतो- 15 हजार, तपन नायर-15 हजार, करन महतो- साढ़े 17 हजार, उत्तम दास- 20 हजार, शिवशंभूम महतो-20 हजार, अनीमा दास-6500, बदना महापात्रो- 10 हजार, तन्मय- 15 हजार, विभनुरिया गायत्री- आठ हजार, लाखी राना- 65 हजार, संध्या महंती-आठ हजार, रूमा - आठ हजार, चिता किस्कू- 6500, वनवाशी राज- 6500, उमाशंकर षाडंगी- 20 हजार, समीर बेहरा-20 हजार, प्रबोध कुमार साव- 20 हजार, हरिहर ओझा-15 हजार, मुनमुन घोष- 41 हजार, प्रदीप- 25 हजार, पुष्पा सिंह-22 हजार, भारत महतो- साढ़े 17 हजार रुपये आदि।