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Tata Cummins Union Election: अनूप सिंह की शिकायत, कमिंस यूनियन चुनाव पर प्रशासन की रोक

बेरमो विधायक जय मंगल उर्फ अनूप सिंह ने कहा कि कमिंस यूनियन का चुनाव संविधान अनुरूप नहीं हो रहा था इसलिए मामले की शिकायत उपायुक्त से की। कमिंस यूनियन का संविधान गुप्तेश्वर बाबू ने बनाया जिसमें चुनाव की घोषणा का अधिकार यूनियन अध्यक्ष को है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Sat, 27 Nov 2021 05:40 PM (IST)Updated: Sat, 27 Nov 2021 05:40 PM (IST)
Tata Cummins Union Election: अनूप सिंह की शिकायत, कमिंस यूनियन चुनाव पर प्रशासन की रोक
कमिंस यूनियन के निवर्तमान अध्यक्ष सह बेरमो विधायक अनूप सिंह।

जासं, जमशेदपुर : टीसी कर्मचारी यूनियन के चुनाव पर कोविड 19 गाइडलाइंस को लेकर धालभूम अनुमंडल पदाधिकारी ने रोक लगा दी है। इस मामले में कमिंस यूनियन के निवर्तमान अध्यक्ष सह बेरमो विधायक अनूप सिंह ने भी पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त सूरज कुमार को पत्र भेजकर संविधान के अनुरूप चुनाव नहीं कराने की शिकायत की है।

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कमिंस यूनियन में 27 नवंबर को नामांकन सूची का प्रकाशन और आठ दिसंबर को मतदान व मतगणना की प्रक्रिया होनी थी। इसके लिए यूनियन की ओर से अनुमति के लिए अनुमंडल पदाधिकारी के पास पत्र भेजा गया था लेकिन अनुमंडल पदाधिकारी ने कोविड 19 के नियमों का हवाला देते हुए कंपनी प्रबंधन और यूनियन नेतृत्व को चुनाव पर रोक लगाते हुए पत्र भेज दिया है। ऐसे में कमिंस यूनियन के चुनाव पर अनिश्चितता के बादल छा गए हैं। जबकि कुछ यूनियन नेता अब भी चुनाव कराने के पक्षधर हैं।

एसडीओ से मिलकर रखेंगे अपनी बात : रमाकांत

हमारी चुनावी प्रक्रिया जारी है। हम एसडीओ से मिलकर कोविड गाइडलाइंस के अनुरूप अपनी बात रखेंगे और उसके अनुरूप से दो शिफ्ट या दो दिन में चुनाव कराने की बात रखेंगे। चुनाव पर यदि रोक लगी तो कर्मचारियों ने निराशा होगी क्योंकि अप्रैल से हमारा ग्रेड रिवीजन लंबित हो जाएगा।

संविधान अनुरुप नहीं हो रहा चुनाव, छह तक दे जवाब : उप श्रमायुक्त

कमिंस यूनियन चुनाव को लेकर उप श्रमायुक्त ने एक पत्र यूनियन नेतृत्व को भेजा है जिसमें चुनाव को संविधान अनुरूप नहीं कराने को लेकर छह दिसंबर की सुबह साढ़े 11 बजे कार्यालय आकर जवाब देने को कहा गया है। उप श्रमायुक्त द्वारा भेजे गए पत्र में कहा गया है कि कमिंस यूनियन चुनाव के मामले में टीसी कर्मचारी यूनियन अध्यक्ष की ओर से उपायुक्त के माध्यम से शिकायत मिली है।

झारखंड सरकार के कोविड गाइडलाइंस के तहत कमिंस यूनियन चुनाव पर रोक लगाई गई है। आदेश के तहत 500 से अधिक लोगों के एक स्थान पर एकत्र होने पर रोक है जबकि कमिंस चुनाव में 800 कर्मचारी शामिल होंगे।

-संदीप कुमार मीणा, अनुमंडल पदाधिकारी, धालभूम

संविधान के अनुरूप नहीं हो रहा है चुनाव इसलिए की शिकायत : अनूप

 कमिंस यूनियन चुनाव को लेकर एक बार फिर कंपनी प्रबंधन और यूनियन के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र बाबू के बेटे सह बेरमो विधायक जय मंगल उर्फ अनूप सिंह आमने-सामने आ गए हैं। निवर्तमान महामंत्री अरुण सिंह मामले में अनूप सिंह जिस तरह से मामले को उठाया। उससे प्रबंधन नाराज है और वह चाहती है कि यूनियन का नया अध्यक्ष कंपनी का ही कोई कर्मचारी हो। जबकि राजेंद्र बाबू के निधन के बाद अनूप सिंह को कई कमेटी मेंबर अपना अध्यक्ष मान चुके हैं और इसी नाते उन्होंने यूनियन चुनाव की घोषणा के बाद निर्वाचन पदाधिकारी की भी प्रतिनियुक्ति कर दी थी। जबकि यूनियन की अंदुरुनी कमेटी में विरोध के बाद फूट हो गई और कुछ ने अपने तरीके से चुनाव की घोषणा करते हुए नया निर्वाचन पदाधिकारी तय कर दिया। इसके बाद अनूप सिंह ने पूरे मामले की शिकायत उपायुक्त से की है।

संविधान अनुरुप नहीं हो रहा है चुनाव

दैनिक जागरण से बात करते हुए यूनियन के निवर्तमान अध्यक्ष सह बेरमो विधायक जय मंगल उर्फ अनूप सिंह ने कहा कि कमिंस यूनियन का चुनाव संविधान अनुरूप नहीं हो रहा था इसलिए मामले की शिकायत उपायुक्त से की। कमिंस यूनियन का संविधान गुप्तेश्वर बाबू ने बनाया जिसमें चुनाव की घोषणा का अधिकार यूनियन अध्यक्ष को है। जब मैंने पूर्व में ही चुनाव की घोषणा कर दी है तो स्टेयरिंग कमेटी या कमेटी मेंबर के अधिकार स्वत: समाप्त हो जाते हैं। इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी के आदेश से हरियाणा प्रदेश इंटक अध्यक्ष को चुनाव के लिए निर्वाचन पदाधिकारी बनाया। यदि कमेटी मेंबर निर्वाचन पदाधिकारी के नाम से संतुष्ट नहीं है तो अध्यक्ष को यह अधिकार है कि वह सभी कमेटी मेंबरों की बैठक बुलाकर उनकी सहमति से तीन सदस्यीय निर्वाचन कमेटी का गठन करे। लेकिन जब मैंने कोई बैठक बुलाई ही नहीं तो किसके अधिकार से नया चुनाव पदाधिकारी का चयन हुआ।

प्रबंधन कर रहा है अपनी मनमानी

बकौल अनूप सिंह, कंपनी प्रबंधन चुनाव में हस्तक्षेप करते हुए अपनी मनमानी कर रही है। कमिंस प्रबंधन तो ऐसी है कि वह झारखंड सरकार के नियमों की भी अवहेलना कर रही है जिसका ताजा उदाहरण पिछले दिनों देखने को मिला। प्रबंधन हमारे कुछ कर्मचारी भाइयों से जबदस्ती हस्ताक्षर कराकर नया निर्वाचन पदाधिकारी चुनने का दबाव बनायी है। जबकि इंटक के संविधान के अनुसार कंपनी प्रबंधन यूनियन चुनाव को लेकर अपनी मनमानी नहीं कर सकती है।

मैं अध्यक्ष रहा तो नहीं चलेगी प्रबंधन की मनमानी

बकौल अनूप, मुझे कमिंस यूनियन का अध्यक्ष बनने में कोई लस्ट नहीं है। लेकिन राजेंद्र बाबू का बेटा और बेरमो का विधायक यदि अध्यक्ष रहे तो प्रबंधन की मनमानी नहीं चलेगी। मजदूर हित के मुद्दों को जोर-शोर से रखा जाएगा इसलिए प्रबंधन नहीं चाहती कि मैं अध्यक्ष बनू। इसलिए यह सारा खेल चल रहा है।

चुनाव हुआ तो कार्रवाई कराउंगा

बेरमो विधायक का कहना है कि कोविड के कारण एसडीओ ने चुनाव पर रोक लगा दी है। साथ ही मेरी शिकायत पर उपायुक्त ने जांच का आदेश दिया है। इसके बावजूद यदि चुनाव होता है तो उपायुक्त ही जिले के निर्वाचन पदाधिकारी होते हैं। उनके माध्यम से मैं कंपनी प्रबंधन और चुनाव कराने वालों के खिलाफ कार्रवाई कराने से भी पीछे नहीं हटूंगा।


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