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आंगनबाड़ी सेविकाओं की हड़ताल खत्म, शुक्रवार आज से काम पर लौटेंगी Jamshedpur News

आंगनबाडी सेविकाओं की हड़ताल खत्म हो गई है। सभी आज से काम पर लौट जाएंगी। पूरे राज्य में सेविकाओं की हड़ताल चल रही थी।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 12:50 PM (IST)Updated: Fri, 27 Sep 2019 09:59 AM (IST)
आंगनबाड़ी सेविकाओं की हड़ताल खत्म, शुक्रवार आज से काम पर लौटेंगी Jamshedpur News
आंगनबाड़ी सेविकाओं की हड़ताल खत्म, शुक्रवार आज से काम पर लौटेंगी Jamshedpur News

जमशेदपुर, जेएनएन। आंगनबाड़ी सेविकाओं की हड़ताल खत्म हो गई है। मुख्यमंत्री रघुवर दास के आश्वासन के बाद आंगनबाड़ी सेविकाएं काम पर लौटने को राजी हो गई हैं। आज से ये सेविकाएं काम पर लौट आएंगी। भारतीय मजदूर संघ से जुड़े आंगनबाड़ी सेविकाओं के संगठन अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की बिंदू रानी ने गुरुवार को हड़ताल खत्म करने का एलान कर दिया। 

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आंगनबाड़ी सेविकाओं ने मानदेय बढ़ाने और स्थायीकरण की मांग को लेकर हड़ताल की थी। इनकी मांग सेविका का मानदेय 18 हजार और सहायिका का मानदेय नौ हजार रुपये करने की थी। लेकिन, भारतीय मजदूर संघ से जुड़ी अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की केंद्रीय सदस्य बिंदू रानी ने बताया कि हड़ताल खत्म कर दी गई है। उनकी तीन सितंबर को ही मुख्यमंत्री रघुवर दास से वार्ता हुई थी। मुख्यमंत्री ने मांग मानने का आश्वासन दिया था। इसके बाद से संघ के अंदर और प्रदेश के दूसरे आंगनबाड़ी संगठन आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन की नेत्रियों से बात चल रही थी। गुरुवार को ये तय हुआ कि जब मुख्यमंत्री ने मांग मानने का भरोसा दिला दिया है तो हड़ताल खत्म कर दी जाए। इसके बाद हड़ताल खत्म करने का एलान कर दिया गया। 

आचार संहिता से पहले होगा सीएम का एलान 

अखिल भारतीय आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की केंद्रीय सदस्य बिंदू रानी ने बताया कि मुख्यमंत्री ने भरोसा दिया है कि वो विधानसभा चुनाव की आचार संहिता का एलान करने से पहले ही आंगनबाड़ी संघ की मांगें मानने का एलान कर देंगे। 

बरसात में छाता लिए डटी रहीं सेविकाएं

उधर, रांची में मांगों के समर्थन में प्रदर्शन के दौरान पुलिस लाठीचार्ज से नाराज पूर्वी सिंहभूम की आंगनबाडी सेविकाओं ने गुरुवार को जमशेदपुर में डीसी ऑफ‍िस के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान सेविकाओं ने लाठीचार्ज को तानाशाही बताते हुए जमकर नारेबाजी की। लाठीचार्ज के खिलाफ उनके आक्रोश का आलम यह था कि लगातार बारिश के बावजूद वे टस से मस नहीं हुईं। छाता लेकर डटी रहीं।

सेविकाआें ने कहा कि सरकार उनकी जायज मांगों पर सकारात्मक रूप से गौर करने की बजाय लाठी के जोर पर आंदोलन को दबाने में जुटी है। सरकार यह नहीं समझ रही कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी राज्य के ही नागरिक हैं और सरकार की महत्वपूर्ण योजनाआें को अंजाम दे रही हैं। ऐसे में जायज मांगों को मानना सरकार का फर्ज है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी मांगों को शांतिपूर्ण तरीके से रांची में प्रदर्शन के माध्यम से रख रही थी,लेकिन पुलिस ने बर्बरतापूर्वक लाठियां बरसाई। यह भी नहीं सोचा कि यह आधी आबादी के मान-सम्मान की बात करनेवाली सरकार में महिलाओं पर जुर्म है।


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