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ट्रस्टियों ने नहीं खोला आंध्र एसोसिएशन के कार्यालय का ताला

कदमा थाना प्रभारी द्वारा इसे लेकर बुधवार को ट्रस्टियों को बुलावा भेजा गया लेकिन वे नहीं आए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 01:49 AM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 05:15 AM (IST)
ट्रस्टियों ने नहीं खोला आंध्र एसोसिएशन के कार्यालय का ताला
ट्रस्टियों ने नहीं खोला आंध्र एसोसिएशन के कार्यालय का ताला

जासं, जमशेदपुर : कदमा स्थित आंध्र एसोसिएशन के कार्यालय का ताला दूसरे दिन भी ट्रस्टियों ने नहीं खोला। कदमा थाना प्रभारी द्वारा इसे लेकर बुधवार को ट्रस्टियों को बुलावा भेजा गया, लेकिन वे नहीं आए। वर्तमान कमेटी के पदाधिकारी थाना पहुंचे थे। पांच घंटा इंतजार करने के बाद वे भी अपने-अपने घर पहुंच गए। इधर ट्रस्टियों ने वर्तमान कमेटी के भंग करने की जानकारी बैंकों को दे दी तथा अगले आदेश तक किसी भी तरह निकासी नहीं होने की बात की गई। इसे लेकर वर्तमान कमेटी में भी रोष देखा जा रहा है। वर्तमान कमेटी के उपाध्यक्ष श्रीनिवास राव ने बताया कि निष्कासित ट्रस्टी लगातार मनमानी कर रहे हैं और हम प्रशासनिक पदाधिकारियों की बात मान रहे हैं।

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तीनों ट्रस्टी कुंडली मारकर बैठे है : पीवीटी

आंध्र एसोसिएशन के वर्तमान कमेटी के अध्यक्ष पीवीटी राव ने बयान जारी कर कहा कि तीनों ट्रस्टी कुंडली मारकर बैठे हैं। चुनाव जीतने के बाद टी आदिनारायण राव, एम भास्कर राव, के वेणुगोपाल राव एजीएम ने अनुमोदन भी नहीं किया है, क्योंकि कोरोना के कारण एजीएम भी नहीं हुई। उन्होंने कहा कि चुनाव से पूर्व अक्टूबर 2019 में तदर्थ समिति का गठन किया गया था। इसमें ऋण के नाम पर ट्रस्टियों द्वारा दो लाख दस हजार रुपये उन शिक्षकों को दे दिए जिनका झारखंड सरकार से अनुमोदन भी नहीं हुआ। इस प्रस्ताव पर तत्कालीन अध्यक्ष ने हस्ताक्षर भी नहीं किया। इस कारण चुनाव भी हुआ। चुनाव में ट्रस्टियों की पूरी टीम का सूपड़ा ही साफ हो गया। वर्तमान ट्रस्टियों द्वारा जो तदर्थ समिति का गठन किया गया, उसमें सभी हारे हुए प्रत्याशी है।

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धर्म को बचाने वाले ही कर रहे अधर्म : वेंकटेश्वर राव

आंध्र एसोसिएशन कदमा में चल रहे विवाद में बिष्टुपुर राम मंदिर कमेटी भी कूद पड़ी है। राम मंदिर कमेटी के डिप्टी प्रेसीडेंट ए वेंकटेश्वर राव ने कहा कि जब धर्म बचाने वाले ही अधर्म पर उतारू हो जाए तो क्या किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोई भी संस्था ट्रस्टियों का मनोनयन सुझाव व मार्गदर्शन के लिए करती है, लेकिन यहां तो उल्टा ही हो रहा है। ट्रस्टी ही संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। उनके आरोप के संबंध में आंध्र एसोसिएशन के ट्रस्टी एम भास्कर राव ने कहा कि आरोप लगाने वाले लोग पहले एसोसिएशन के संविधान को अच्छे से अध्ययन करें। पढ़ने में दिक्कत हो तो हिदी शिक्षक से अनुवाद करवा लें।


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