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एक संगठन ऐसा भी, रिचार्ज करा रहा प्रवासी मजदूरों के मोबाइल Jamshedpur News

अगर किसी प्रवासी मजदूर के पास रुपये खत्म हो गये और इसकी वजह से मोबाइल बंद हो तो संगठन उनका मोबाइल रिचार्ज करा रहा है।

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 10:04 AM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 10:04 AM (IST)
एक संगठन ऐसा भी, रिचार्ज करा रहा प्रवासी मजदूरों के मोबाइल Jamshedpur News
एक संगठन ऐसा भी, रिचार्ज करा रहा प्रवासी मजदूरों के मोबाइल Jamshedpur News

जमशेदपुर (दिलीप कुमार)। देश के विभिन्न प्रदेशों में लॉकडाउन के दौरान फंसे प्रवासी मजदूरों को लोग अलग-अलग माध्यम से मदद पहुंचा रहे हैं।

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झारखंड जनतांत्रिक महासभा और झारखंड ऑर्गेनाइजेशन फॉर सोशल हार्मोनी (जोश) ऐसा संगठन है, जो लॉकडाउन में फंसे मजदूरों का मोबाइल रिचार्ज करा रहा है। दरअसल महासभा और जोश से जुड़े लोग लॉकडाउन के दौरान गांव-गांव में जरूरतमंद लोगों के बीच राशन सामग्री वितरण करने के साथ ही सड़क पर पैदल चलने वाले प्रवासी मजदूरों को भोजन करा रहे हैं।

इस दौरान संगठन के लोग गांव-गांव में लॉकडाउन में दूसरे प्रदेशों में फंसे मजदूरों को भी सहायता पहुंचाने की जानकारी दे रहे हैं। गांव में राशन वितरण के दौरान मुखिया और ग्राम प्रधान से प्रवासी मजदूरों के बारे में जानकारी ले रहे हैं। उनसे संपर्क कर उन्हें वापस लाने में सहयोग कर रहे हैं। ऐसे में अगर किसी प्रवासी मजदूर के पास रुपये खत्म हो गया और इसकी वजह से मोबाइल बंद हो, तो संगठन उनका मोबाइल रिचार्ज करा रहा है। प्रवासी मजदूरों के मोबाइल रिचार्ज कराने की जानकारी संगठन के लोगों ने अपने फेसबूक के माध्यम से भी दी है।

प्रवासी मजदूरों को मोबाइल रिचार्ज कराने के लिए मोबाइल नंबर भी जारी किया गया है। मोबाइल पर रिचार्ज की मांग की जाने पर मजदूर के बारे में पूछताछ की जाती है। सारी जानकारी लेने के बाद संतुष्ट होने पर मोबाइल रिचार्ज करा दिया जाता है।

अबतक 27 लोगों का कर चुके रिचार्ज

झारखंड ऑर्गेनाइजेशन फॉर सोशल हार्मोनी (जोश) और झारखंड जनतांत्रिक महासभा अब तक विभिन्न प्रदेशों में फंसे 27 मजदूरों का मोबाइल रिचार्ज करा चुका है। इनमें से अधिकतर कोल्हान के प्रवासी मजदूर हैं। रिचार्ज अधिकतम दो सौ रुपये तक का किया जा रहा है। संगठन के दीपक रंजीत, अजित तिर्की और समीर पूॢत ने बताया कि मोबाइल रिचार्ज करने की सुविधा दूसरे प्रदेशों में फंसे झारखंड के मजदूरों के लिए है।

गांव-गांव में घूमने के दौरान पता चला कि प्रवासी मजदूर दूसरों के मोबाइल पर घर वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन करा रहे थे। उनके सारे जमा-पूंजी के साथ मोबाइल में भी पैसे खत्म हो गए। ऐसी जानकारी मिलने के बाद ही प्रवासी मजदूरों के मोबाइल पर रिचार्ज कराने का विचार आया। - दीपक रंजीत, झारखंड जनतांत्रिक महासभा

खूंटी जिले की करीब चार सौ महिलाएं तमिलनाडु में कौशल विकास योजना के तहत काम करने गई थीं। लॉकडाउन के दौरान तमिलनाडु में ही फंसी महिलाओं के सारे पैसे खत्म हो गए थे। संगठन ने करीब आठ महिलाओं का मोबाइल रिचार्ज कराया। इसके बाद करीब 90 महिलाएं रजिस्ट्रेशन कराकर वापस लौटीं। - अजित तिर्की, जोश


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