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आठ हजार की बजाए 40 हजार वसूल रहे एंबुलेंस चालक, रांची जाने का 25 हजार

दवा से लेकर ऑक्सीजन व बेड दिलाने के नाम पर मरीजों को चूना लगाया जा रहा है। इनके ग्रुप में शहर के कुछ एंबुलेंस चालक भी शामिल हो गए हैं जो मरीजों से मनमानी राशि वसूल रहे हैं। एंबुलेंस वाले पांच से छह गुना अधिक वसूल ले रहे हैं।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Mon, 03 May 2021 10:27 PM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 09:02 AM (IST)
आठ हजार की बजाए 40 हजार वसूल रहे एंबुलेंस चालक, रांची जाने का 25 हजार
झारखंड बॉर्डर से सटे बांका जिला जाने के लिए एंबुलेंस चालक ने लिए 40 हजार रुपए।

जमशेदपुर, जासं। कोरोना काल में एक तरफ लोग अपनी जान की बाजी लगाकर मरीजों की सेवा में जुटे हैं तो दूसरी तरफ कालाबाजारी करने वाले गिरोह भी सक्रिय हो गए हैं। दवा से लेकर ऑक्सीजन व बेड दिलाने के नाम पर मरीजों को चूना लगाया जा रहा है। इनके ग्रुप में शहर के कुछ एंबुलेंस चालक भी शामिल हो गए हैं, जो मरीजों से मनमानी राशि वसूल रहे हैं। ये एंबुलेंस वाले पांच से छह गुना अधिक राशि वसूल ले रहे हैं।

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रविवार को एक मामला सामने आया। मानगो के बालीगुमा निवासी एक मरीज को शहर के किसी भी अस्पताल में बेड नहीं मिला। जबकि उसका ऑक्सीजन लेवल लगातार गिर रहा था। ऐसी परिस्थिति में मरीज के स्वजन अपने गांव झारखंड बॉर्डर से सटे बांका जिला (बिहार) में बात की तो वहां बेड खाली होने की बात कही गई। इसके बाद मरीज के स्वजनों ने एक एंबुलेंस चालक वाले से संपर्क किया तो पहले 45 हजार रुपये किराया बताया। उसके बाद 40 हजार रुपये में जाने को तैयार हुआ। जबकि सामान्य दिनों में बांका जिला जाने के लिए एंबुलेंस चालक सात से आठ हजार रुपये लेते थे। इसी तरह, मानगो निवासी एक मरीज को रांची मेडिका हॉस्पिटल जाना था तो उससे 25 हजार रुपये की मांग की गई। इस तरह लूट मची हुई है।

मानगो से टीएमएच जाने का सात हजार रुपये

अगर आप मानगो डिमना रोड में रहते हैं और आपकी तबीयत खराब होती है तो टीएमएच जाने के लिए आपके पाकेट में कम से कम सात हजार रुपये होनी चाहिए। तभी आपको निजी एंबुलेंस मिल पाएगा। अन्यथा आप हॉस्पिटल नहीं जा पाएंगे। साथ ही अगर आपको टीएमएच में बेड नहीं मिला और वहां से टाटा मोटर्स अस्पताल जाना है तो उसमें सात हजार और जुड़ जाएगा। यानी 14 हजार रुपये सिर्फ किराया लगेगा। इलाज तो छोड़ ही दीजिए।

शव ढोने के लिए भी ली जा रही अधिक राशि

जिंदा तो जिंदा मरने के बाद भी उनके नाम पर वसूली की जा रही है। एमजीएम अस्पताल में मरीजों की मौत होती है तो उसके बाद यहां से भुइयांडीह स्थित बर्निंग घाट ले जाने के लिए 1500-2000 रुपए लिया जा रहा है। जबकि एमजीएम अस्पताल से बर्निंग घाट की दूरी आधा किलोमीटर भी नहीं है।

सरकार ने तय कर रखा है रेट

- एंबुलेंस चालक के उपयोग हेतु पीपीई किट के लिए लागत राशि 500 रुपए मात्र का भुगतान उपभोक्ता द्वारा किया जाएगा। अगर उपभोक्ता पीपीई किट उपलब्ध कराते हैं तो एंबुलेंस चालक को इसके लिए अलग से राशि का भुगतान नहीं करना है।

- सामान्य एंबुलेंस (वेंटिलेटर रहित ) के लिए : यात्रा के आरंभ से अधिकतम 10 किलोमीटर तक के लिए 500 रुपए

मात्र का भुगतान उपभोक्ता द्वारा किया जाएगा।

- 10 किलोमीटर के उपरांत तय दूरी की गणना प्रति किलोमीटर अधिकतम 12 रुपए मात्र की दर से करते हुए भुगतान उपभोक्ता द्वारा किया जाएगा।

- एडवांस एंबुलेंस (वेंटिलेटर सहित) के लिए : यात्रा आरंभ के अधिकतम 10 किलोमीटर तक के लिए 600 रुपए मात्र का भुगतान उपभोक्ता द्वारा किया जाएगा।

- 10 किलोमीटर के उपरांत तय दूरी की गणना प्रति किलोमीटर अधिकतम 14 रुपए मात्र की दर से करते हुए भुगतान उपभोक्ता द्वारा किया जाएगा।

- मरीज को ऑक्सीजन सप्लाई का शुल्क परिवहन व्यय के अंतर्गत निहित होगा अर्थात उपभोक्ता द्वारा अलग से राशि का भुगतान नहीं किया जाएगा।


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