जमशेदपुर में सेल्स टैक्स जेसी थे अमरजीत सिन्हा, जानिए पीएम मोदी के सलाहकार का सफरनामा
अमरजीत सिन्हा जब पटना साइंस कालेज के छात्र थे तो मेडिकल कोर्स में दाखिला के लिए उनका एम्स में चयन हो गया था। चूंकि रिजल्ट देर से निकला वे एम्स में दाखिला नहीं ले सके थे।
जमशेदपुर, जासं। Amarjeet Sinha was sales tax Joint commissioner in Jamshedpur प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सलाहकार बनाए गए अमरजीत सिन्हा झारखंड के जमशेदपुर में बिक्री कर (सेल्स टैक्स) विभाग में संयुक्त आयुक्त, प्रशासन (ज्वाइंट कमिश्नर, एडमिनिस्ट्रेशन) थे। वे यहां छह जुलाई 1993 से 11 अप्रैल 1994 तक रहे।
जमशेदपुर प्रमंडल के संयुक्त आयुक्त, प्रशासन संजय कुमार प्रसाद ने बताया कि अमरजीत सिन्हा बेहद ईमानदार व कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी हैं। अहंकार तो जरा भी नहीं दिखा। ऐसे अधिकारी बहुत कम होते हैं। इसी वजह से वे पूरे बिहार के प्रशासनिक अधिकारियों में आज भी लोकप्रिय हैं। प्रसाद बताते हैं कि उन्हें पहली बार वर्ष 2000 में पटना के ट्रेजरी आफिस में देखा था। तब दाढ़ी रखे हुए थे। सामान्य व्यक्ति के रूप में ट्रेजरी आफिस में किसी काम से आए थे। उनके जाने के बाद ट्रेजरी आफिसर ने बताया कि यही अमरजीत सिन्हा हैं। प्रसाद बताते हैं कि वे बेवजह किसी को परेशान नहीं करते थे, बस अपने काम से मतलब रखते थे। प्रधानमंत्री कितने पारखी हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने ऐसा हीरा चुन लिया।
एम्स में भी हो गया था अमरजीत सिन्हा का चयन
अमरजीत सिन्हा जब पटना साइंस कालेज के छात्र थे, तो मेडिकल कोर्स में दाखिला के लिए उनका एम्स में चयन हो गया था। चूंकि साइंस कालेज का रिजल्ट देर से निकला, लिहाजा वे एम्स में दाखिला नहीं ले सके। अमरजीत सिन्हा के चाचा व नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी के प्रो-वीसी एमआर सिन्हा ने बताया कि अमरजीत सिन्हा के पिता स्व. आरके सिन्हा जमशेदपुर के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में अधीक्षण अभियंता थे। इसके बाद अमरजीत ने साइंस छोड़कर दिल्ली के सेंट स्टीफन कालेज में इतिहास आनर्स की पढ़ाई की और श्रेष्ठ रहे। 1983 बैच की आइएएस परीक्षा में भी इनका 12वां रैंक था। अमरजीत सिन्हा रांची के सेंट जेवियर कालेज में भी हुई थी, जिसके बाद उनके पिता का तबादला होने पर पटना के सेंट जेवियर में पढ़ाई की।
सिंहभूम के डीडीसी भी रहे
चक्रधरपुर के पूर्व अनुमंडल अधिकारी (एसडीओ) अमरजीत सिन्हा प्रधानमंत्री के सलाहकार नियुक्त किए गए हैं। सिन्हा की स्कूली शिक्षा-दीक्षा जमशेदपुर में हुई थी। 1983 बैच के आइएएस अमरजीत सिन्हा की पहली प्रतिनियुक्ति चक्रधरपुर में हुई, जिसके बाद वे अविभाजित सिंहभूम के उपविकास आयुक्त (डीडीसी) बने। तब सिंहभूम का मुख्यालय चाईबासा में था। 1990 में सिंहभूम का विभाजन हुआ, जिसमें पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और बाद में सरायकेला-खरसावां जिले का गठन हुआ।