मां ने कपड़े सिलाई कर बेटे को बनाया टॉपर
पति की मौत के बाद भारती रानी ने बच्चों के भरण-पोषण के लिए सिलाई करने लगी। तीन भाई-बहनों में अमन सबसे बड़ा है और बारीडीह हाईस्कूल से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण किया है।
वेंकटेश्वर राव, जमशेदपुर। मैट्रिक परीक्षा के सात माह पूर्व किसी छात्र के पिता की मौत हो जाए तो उस छात्र पर क्या बीतती होगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। ऐसे में छात्र की मां की हिम्मत का सहारा मिलना बहुत बड़ी बात है। हम बात कर रहे हैं न्यू बारीडीह के अमन कुमार झा की। जिसने मैट्रिक की परीक्षा में जिला टॉपर की सूची में सांतवें नंबर पर जगह बनाया है। अमन के पिता मोहन कुमार झा की मौत ब्रेन हेमरेज से सात माह पूर्व हो गई। मोहन झा एक निजी फॉर्म में कार्य करते थे। पति की मौत के बाद भारती रानी ने बच्चों के भरण-पोषण के लिए सिलाई करने लगी। तीन भाई-बहनों में अमन सबसे बड़ा है और बारीडीह हाईस्कूल से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण किया है।
भाई वैभव कुमार व बहन अंजली कुमारी भी बारीडीह हाई स्कूल में ही पढ़ती है। अमन का कहना है कि मां के प्यार और हिम्मत की बदौलत ही आज मैं टॉपर बन सका। मेरे पिता का सपना था कि वे एयरोनोटिकल इंजीनियर बने और वे यही सपना पूरा करना चाहते हैं। उन्होंने जेपीएस बारीडीह स्कूल में कक्षा 11वीं में एडमिशन लिया है। वह रोजाना 5-6 घंटे की पढ़ाई करता था। कोई स्मार्ट फोन नहीं सोशल साइट्स में रुचि नहीं रखने वाले अमन के पास स्मार्ट फोन नही है, एक छोटा साधारण फोन है जिससे वे मम्मी से बात करते हैं। खाली समय में मां का हाथ बंटाना उन्हें पसंद है। तो खाने में खिचड़ी उसे पसंद है। सिलाई से आते हैं रोजाना 200 रुपये कपड़ा सिलने के एवज में भारती रानी को हर दिन करीब दो सौ रुपये मिलते हैं।
न्यू बारीडीह में एक भाड़े के मकान में रहती है। मकान भाड़े में उनके भाई की मदद मिल जाती है। बच्चों में पढ़ाई के प्रति उत्साह उन्हें दोगुना मेहनत करने पर मजबूर करता देता है। अक्सर बच्चे सोते रहते हैं और वह कपड़े सिलाई करती रहती है। बताती हैं बच्चों के माध्यम से पति के सपनों को साकार करना चाहती है। बड़े बेटे के रिजल्ट पर भारती के आंखों में खुशी के आंसू छलक पड़ते थे।
आंकड़ा
कुल मार्क्स : 500
प्राप्तांक : 460
प्रतिशत : 92
हिंदी : 85
इंग्लिश : 88
मैथ्स : 98
साइंस : 95
सोशल साइंस : 92