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अलकायदा के संदिग्ध आतंकी का पूरा परिवार फरार, आइबी टीम खंगाल रही इतिहास

अलकायदा के संदिग्ध आतंकी मौलाना कलीमुद्दीन का इतिहास खंगालने के लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर आंध्रप्रदेश से जमशेदपुर पहुंची आइबी की टीम के हाथ फिलहाल कुछ खास नहीं लगा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 11:47 AM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 12:38 PM (IST)
अलकायदा के संदिग्ध आतंकी का पूरा परिवार फरार, आइबी टीम खंगाल रही इतिहास
अलकायदा के संदिग्ध आतंकी का पूरा परिवार फरार, आइबी टीम खंगाल रही इतिहास

जमशेदपुर, जेएनएन। अलकायदा के संदिग्ध आतंकी मौलाना कलीमुद्दीन का मानगो जवाहरनगर रोड नंबर 12, मुर्दा मैदान के पास स्थित मकान बंद पड़ा है। वह 2016 में पुलिस हिरासत से छूटने के बाद से ही अपने पुत्र हुफैजा सहित फरार है। मौलाना कलीमुद्दीन का इतिहास खंगालने के लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर आंध्रप्रदेश से जमशेदपुर पहुंची आइबी (इंटेलीजेंस ब्यूरो) की स्पेशल टीम के हाथ फिलहाल कुछ खास नहीं लगा है।

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टीम ने पिछले तीन दिनों से डेरा डाल रखा है। टीम ने कलीमुद्दीन के मानगो जवाहरनगर रोड नंबर 12, मुर्दा मैदान के पास स्थित बंद मकान को देखा। आसपास के लोगों से पूछताछ की लेकिन किसी ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। सूत्रों के मुताबिक आइबी की टीम कलीमुद्दीन का पैतृक आवास रांगामटिया तमाड़ भी गयी, लेकिन मौलाना कलीमुद्दीन का कहीं कोई पता नहीं चल पाया। 

देशद्रोह सहित कई संगीन मामले हैं दर्ज

फरार कलीमुद्दीन पर शहर के बिष्टुपुर थाने में आतंकवादी संगठन अलकायदा से जुडऩे, संगठन का विस्तार करने, जेहाद के लिए युवाओं को भड़काने और देशद्रोह का मामला दर्ज है। बताया जाता है कि कलीमुद्दीन अपने घर में मदरसे का संचालन करता है जिसमें देश विरोधी गतिविधियों की शिक्षा दी जाती थी। 

पाकिस्तान में प्रशिक्षण ले चुके आतंकी से मिली थी जानकारी

हरियाणा से 18 जून 2016 को गिरफ्तार जमशेदपुर के धतकीडीह निवासी संदिग्ध आतंकी अब्दुल सामी से पूछताछ में जमशेदपुर के आतंकी कनेक्शन का खुलासा हुआ था। अब्दुल सामी पाकिस्तान में रहकर आतंकी प्रशिक्षण ले चुका है। कलीमुद्दीन के जामिया मोहम्मद पी बिन अब्दुल्ला नाम से संचालित मदरसे में अब्दुल रहमान उर्फ कटकी व अब्दुल सामी भी अपने साथियों को भेजता था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच की सूचना पर झारखंड एटीएस (आतंकवादी निरोधक दस्ता) ने मौलाना कलीमुद्दीन के घर की 16 सितंबर 2017 की कुर्की की।  

2016 में पुलिस ने लिया था हिरासत में, मानवाधिकार के दबाव में छोड़ा

मौलाना कलीमुद्दीन व उसके पुत्र हुफैजा को जमशेदपुर पुलिस ने एक फरवरी 2016 को हिरासत में लिया था। इसके बाद उसने बड़े ही शातिर तरीके से पुलिस प्रताडऩा की शिकायत मानवाधिकार आयोग से लेकर पीएमओ तक की। मानवाधिकार के हस्तक्षेप व दबाव के बाद पुलिस उसे छोड़ दिया। उसके बाद पुलिस मामले की जांच करती रही और दोनों पिता-पुत्र सऊदी अरब फरार हो गए। उसके बाद से उनका पता नहीं है। 

शहर से जुड़े रहे हैं अलकायदा के तार 

आतंकी संगठन अलकायदा का जुड़ाव जमशेदपुर से लंबे समय से रहा है। अलकायदा से जुड़ाव के आरोप में दिल्ली की स्पेशल पुलिस टीम ने दिल्ली एयरपोर्ट से जमशेदपुर के जवाहरनगर रोड नंबर 14 निवासी मो. जिसान अली को 10 अगस्त 2017 को गिरफ्तार किया था। जीशान अली जमशेदपुर से 2008 से ही बाहर था। पूछताछ में उसने जानकारी दी थी कि  वह बेंगलुरू में कुछ दिनों तक था। उसके बाद वह अपने भाई अर्शियान के साथ 2010-11 में सऊदी अरब चला गया। जीशान व अर्शियान दोनों भाइयों के आतंकी संगठन से जुड़े होने की जानकारी ओडिशा के कटक से दिसंबर 2015 में गिरफ्तार अब्दुल रहमान उर्फ कटकी ने दी।

अब्दुल सामी से पूछताछ में मिली जानकारी


अब्दुल सामी की जमशेदपुर कोर्ट में पेशी के दौरान ली गई तस्वीर।

इसके बाद हरियाणा से 18 जून 2016 को गिरफ्तार जमशेदपुर के धतकीडीह निवासी संदिग्ध आतंकी अब्दुल सामी से पूछताछ में दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच को जानकारी हुई।  दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम की सूचना दी गयी थी कि जमशेदपुर के धतकीडीह में रहने वाले अहमद मसूद अकरम शेख उर्फ मसूद उर्फ मोनू अलकायदा से जुड़ा है और शहर के अन्य युवकों को अलकायदा से जोडऩे का काम कर रहा है। सूचना के बाद पुलिस की एक विशेष टीम ने अहमद मसूद अकरम शेख उर्फ मसूद उर्फ मोनू को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो सनसनीखेज खुलासा हुआ। उसने कहा कि वह 2003 में ही उनकी मुलाकात अब्दुल रहमान उर्फ कटकी से जामा मस्जिद साकची में हुई थी। उसने बताया कि अलकायदा से जुडऩे के बाद 2011 में सऊदी अरब भी गया था। सऊदी अरब से वापस आने के बाद अहमद मसूद अकरम शेख की मुलाकात अब्दुल सामी से हुई थी।

सामी को ट्रेन के लिए भेजा गया था पाकिस्तान

अब्दुल सामी को आतंकवादी गतिविधियों के प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान भेजा गया था। अहमद मसूद अकरम शेख ने यह भी बताया कि आतंकवादी कार्रवाई के लिए राजू उर्फ नसीम अख्तर रोड नंबर 6, जाकिरनगर निवासी हथियार मुहैया कराता था। इसके बाद पुलिस ने राजू उर्फ नसीम अख्तर के घर पर छापेमारी की। जिसमें उसके पास से 9 एमएम का पिस्टल, गोली, मोबाइल, किताब बरमूडा तिकोन और दज्जाल तथा अजकरे मसनूना मिला। इसके साथ ही एक मेमोरी कार्ड मिला। इसमें आतंकी मानसिकता को बढ़ावा देने वाली सामग्री मिली।


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