एसएनटीआइ में सभी कर्मचारियों को मिले डिप्लोमा करने का मौका नहीं तो होगा विरोध
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील कर्मचारियों को एनआइटी जमशेदपुर के बदले शावक नाना
जागरण संवाददाता, जमशेदपुर : टाटा स्टील कर्मचारियों को एनआइटी जमशेदपुर के बदले शावक नानावटी टेक्नीकल इंस्टीट्यूट (एसएनटीआइ) से डिप्लोमा करने का मौका मिलना स्वागत योग्य है। लेकिन एसएनटीआइ में पूर्व की तरह सभी कर्मचारियों को डिप्लोमा करने का मौका मिलना चाहिए। कोर्स पूरा करने के बाद उन्हें एक इंक्रीमेंट भी मिलना चाहिए। ऐसा नहीं होने पर हम यूनियन अध्यक्ष आर. रवि प्रसाद का विरोध करेंगे।
टाटा वर्कर्स यूनियन के सहायक सचिव नितेश राज ने सोमवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए ये बातें कहीं। उनका कहना है कि 15 वर्ष पूर्व जब एसएनटीआइ में डिप्लोमा की सुविधा थी तो सभी कर्मचारियों को इसका लाभ मिलता था। कोर्स करने के बाद कर्मचारियों को वार्षिक इंक्रीमेंट के बराबर एक इंक्रीमेंट मिलता था। इसलिए यूनियन नेतृत्व कंपनी प्रबंधन से बात कर पुरानी व्यवस्था को ही प्रभावी कराए। ऐसा नहीं होने पर यह यूनियन की विफलता होगी। बकौल नितेश राज, फिलहाल वे शहर से बाहर हैं। वापस लौटने पर इस मुद्दे पर यूनियन अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा जाएगा। मांगें पूरी नहीं हुई तो वे विरोध की रणनीति तैयार करेंगे।
क्यों हो रहा है विरोध : टाटा स्टील प्रबंधन ने पिछले दिनों एसएनटीआइ से कर्मचारियों को डिप्लोमा कराने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक तय नहीं हुआ है कि इसके दाखिले की प्रक्रिया क्या होगी? इसके कारण ही अब विरोध के स्वर उठ रहे हैं। इससे पूर्व कर्मचारियों को जब बीआइटी मेसरा से डिप्लोमा की सुविधा मिलती थी तो उन्हें कोर्स अवधि तक स्टडी लीव मिलता था। कोर्स पूरा होने के बाद उन्हें किसी भी तरह का इंक्रीमेंट तो नहीं मिलता था लेकिन शैक्षणिक वरीयता के आधार पर विभाग के संबधित पद पर उन्हें समायोजित किया जाता था। एनआइटी में कोर्स का पूरा खर्च प्रबंधन उठाती थी, इसलिए कर्मचारियों को किसी भी तरह का इंक्रीमेंट की सुविधा नहीं दी जाती थी। जबकि पूर्व में कर्मचारी ए शिफ्ट में ड्यूटी कर बी शिफ्ट में एसएनटीआइ जाकर कोर्स करते थे।