Air India : टाटा समूह इस दिग्गज को एयर इंडिया का बनाने वाले हैं सीईओ, जान लें क्या है प्लानिंग
Air India लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर एयर इंडिया टाटा समूह की झोली में है। हाल ही में टाटा ग्रुप ने इसे 18000 रुपए की बोली लगाकर अधिग्रहित कर लिया। कर्ज में डूबी इस कंपनी का सीईओ के कई दावेदार हैं....
जमशेदपुर : टाटा समूह ने इस साल के शुरू में देश की सबसे बड़ी विमानन सेवा कंपनी, एयर इंडिया का अधिग्रहण कर चुकी है। टाटा समूह ने इसे 1800 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। अब टाटा समूह पूरी प्लानिंग के साथ इसके संचालन की तैयारी कर रही है।
इसके लिए कंपनी न सिर्फ वरीय अधिकारियों की नियुक्ति कर रही है बल्कि कंपनी बेहतर तरीके से चले, इसके लिए भी प्लानिंग कर रही है क्योंकि विमानन सेवा क्षेत्र में वर्तमान में राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय स्तर पर काफी प्रतियोगिता है। ऐसे में टाटा समूह डूबते एयर इंडिया को आसमान की ऊंचाईयों तक पहुंचाने के लिए कई तरह की प्लानिंग कर रही है।
जनवरी में टाटा को सौंप दी जाएगी एयर इंडिया
टाटा समूह ने दो माह पहले ही सबसे बड़ी बोली लगाकर एयर इंडिया का अधिग्रहण किया था। इस अधिग्रहण के बाद जनवरी माह में केंद्र सरकार टाटा समूह को एयर इंडिया सौप देगी। ऐसे में टाटा समूह ने एयर इंडिया के संचालन की जिम्मेदारी विमानन सेवा क्षेत्र के दिग्गज और एयर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) फ्रेड रीड काे जिम्मेदारी देने की योजना बना रहे हैं जिन्हें एविएशन इंडस्ट्री में 35 से अधिक वर्षों का अनुभव है। फ्रेड रीच ने दुनिया की प्रमुख एविएशन कंपनियां जैसे लुफ्थांसा जर्मन एयरलाइंस के अध्यक्ष, सीओओ और डेल्टा एयरलाइंस के प्रेसिडेंट, वर्जिन अमेरिका के सीईओ और एयर बीएनबी के सीईओ और सह-संस्थापक के वरिष्ठ सलाहकार के रूप में कार्य किया है।
रीड वर्तमान में सर्फ एयर मोबिलिटी के अध्यक्ष हैं। विमानन क्षेत्र के दिग्गज टाटा समूह के लिए नए नहीं हैं। उन्होंने 1970 के दशक में ताज ग्रुप ऑफ होटल्स में एक रिसॉर्ट मैनेजर के रूप में काम किया है। इसके अलावा टाटा संस को सीईओ के अलावा अन्य बड़े अधिकारियों की भी तलाश भी है।
निपुण अग्रवाल को सीएफओ बनाने की है तैयारी
सूत्रों का कहना है कि टाटा समूह निपुण अग्रवाल को एयर इंडिया का मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) बनाने पर विचार कर रहा है। अग्रवाल 2017 में टाटा संस में शामिल हुए और फिलहाल कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट के रूप में कार्यरत हैं। वह समूह के स्टील, बुनियादी ढांचे और रक्षा कार्यक्षेत्र की रणनीति, और विलय और अधिग्रहण (एमएंडए) जैसे क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, टाटा समूह अभी भी शेयर-खरीद लेनदेन की प्रक्रिया में है। क्योंकि एयर इंडिया शेयर खरीद लेनदेन वर्तमान में चल रहा है। टाटा समूह प्रबंधन का कहना है कि हम प्रक्रिया को पूरा करने के लिए भारत सरकार के साथ काम कर रहे हैं। जब तक डील पूरी नहीं हो जाती, हम किसी भी तरह की अटकलों पर टिप्पणी नहीं करेंगे।
एयर इंडिया की सेवा में करेगी सुधार
टाटा समूह एयर इंडिया के संचालन के साथ उसकी सेवा में भी सुधार करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए समूह ने 100 दिवसीय योजना तैयार की है। हालांकि पहले 100 दिनों में इसे पूरी तरह से सुधारा नहीं जा सकता है लेकिन यह एक पहल होगी।
साथ ही कंपनी फ्लाइट की लेटलतीफी और यात्री शिकायतों पर भी काम करेगी। इसके लिए टाटा समूह की ओर से मासिक रिपोर्ट तैयार किया जाएगा और नियमित रूप से उसकी समीक्षा की जाएगी ताकि जिस उद्देश्य से इसे शुरू किया गया है वह कितना सार्थक हो रहा है इसकी भी गणना होगी। टाटा समूह अगले साल जनवरी 2022 के तीसरे सप्ताहे में एयर इंडिया पर अपना पूर्ण नियंत्रण ले लेगी। माना जा रहा है कि 23 जनवरी से टाटा समूह ही एयर इंडिया का संचालन करेगी। इसके लिए समूह की ओर से जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।