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Air India Sale : टाटा संस को इस वजह से एयर इंडिया को देनी पड़ सकती है रॉयल्टी, जाने क्या है वजह

Air India Sale हाल ही में टाटा समूह ने एयर इंडिया को 18000 करोड़ रुपए खर्च कर अपने पाले में कर दिया है। फरवरी तक पूरी तरह एयर इंडिया टाटा संस की झोली में आ आ जाएगा। लेकिन उन्हें अगले पांच साल तक रॉयल्टी भी देनी होगी...

By Jitendra SinghEdited By: Published: Sat, 22 Jan 2022 08:10 AM (IST)Updated: Sat, 22 Jan 2022 08:10 AM (IST)
Air India Sale : टाटा संस को इस वजह से एयर इंडिया को देनी पड़ सकती है रॉयल्टी, जाने क्या है वजह
Air India Sale : टाटा संस को इस वजह से एयर इंडिया को देनी पड़ सकती है रॉयल्टी

जमशेदपुर : आपको तो पता ही होगा कि टाटा समूह ने एयर इंडिया का अधिग्रहण कर लिया है और जल्द ही इसका संचालन अपने हाथों में लेने वाली है। केंद्र सरकार जनवरी या फरवरी माह के अंत तक एयर इंडिया के संचालन की जिम्मेदारी सारी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद टाटा समूह को सौप देगी। लेकिन क्या आपको पता है कि अधिग्रहण के बाद भी टाटा समूह को रॉयल्टी देना पड़ सकता है।

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रॉयल्टी देने की यह है वजह

आपको बता दें कि भारत सरकार लगभग 72 वर्षो से एयर इंडिया के नाम से देश-विदेश में विमानन सेवा का संचालन कर रही है। अधिग्रहण के बाद भी यदि टाटा समूह इसी एयर इंडिया के नाम से विमानन सेवा का संचालन करती है तो ब्रांड रॉयल्टी शुल्क के भुगतान केंद्र सरकार को करना होगा। आपको बता दें कि टाटा समूह ने एयर इंडिया के अधिग्रहण के बाद इसके संचालन के लिए एक नई बोर्ड का गठन किया है जो टाटा ब्रांड नाम के साथ विमानन सेवा का संचालन करने पर चर्चा कर रही है। यदि बोर्ड एयर इंडिया के नाम का उपयोग करती है तो उन्हें रॉयल्टी का भुगतान करना होगा।

कर्मचारियों को मानना होगा टाटा का कोड ऑफ कंडक्ट

एयर इंडिया के अधिग्रहण के बाद इसमें कार्यरत कर्मचारी भी टाटा समूह के साथ जुड़ जाएंगे। साथ ही अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होने के साथ उन्हें टाटा के कोड ऑफ कंडक्ट का अनुपालन करना अनिवार्य होगा। इसलिए टाटा के नाम का उपयोग अनिवार्य समझा जा रहा है। टाटा समूह के एक अधिकारी काोकहना है कि अधिग्रहण के बाद टाटा संस ने विस्तारा और एयर एशिया को रॉयल्टी का भुगतान नहीं किया। क्योंकि वे टाटा ब्रांड का उपयोग नहीं करते हैं।

ब्रांड का इस्तेमाल करने पर इतना प्रतिशत देना होगा रॉयल्टी

टाटा ब्रांड इक्विटी एंड बिजनेस प्रोमशन (टीबीईबीपी) योजना के तहत टाटा ब्रांड का इस्तेमाल करने वाली समूह कंपनियों को सालाना राजस्व का 0.25 फीसदी या कंपनी के प्रोफिट बिफोर टैक्स का पांच प्रतिशत भुगतान करना होता है। ऐसे में एयर इंडिया का नया नाम टाटा इंटरप्राइज या टाटा एयरलाइन टैगलाइन के साथ हो सकती है। हालांकि अधिग्रहण में अभी भी देरी हो रही है। केंद्र सरकार को 31 जनवरी तक अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी करनी थी लेकिन कंपनी को हैंड ओवर करने और अंतराष्ट्रीय मानको से अनुमोदन को लेकर इसमें देरी हो रही है।


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