Air India Bid : अमित शाह की अगुआई वाले जीओएम से जल्द मिलेंगे रतन टाटा व चंद्रशेखरन
Air India Bid एयर इंडिया को लेकर टाटा समूह की धड़कनें तेज हो गई है। जल्द ही गृह मंत्री अमित शाह की अगुआई में ग्रुप ऑफ मिनिस्टर (जीओएम) से टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा एन चंद्रशेखरन मिलने वाले हैं।
जमशेदपुर। टाटा समूह के मानद चेयरमैन रतन एन टाटा और टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन के जल्द ही गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में मंत्रियों के एक पैनल से मिलने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार टाटा समूह के प्रतिनिधियों में रतन टाटा, एन चंद्रशेखरन के अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर, डिफेंस व एयरोस्पेस के प्रेसिडेंट बनमाली अग्रवाल, चीफ फायनेंशियल ऑफिसर सौरभ अग्रवाल भी होंगे। सरकार के पैनल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया होंगे।
बैठक में भविष्य की योजनाओं पर होगी चर्चा
कर्ज में डूबी इस राष्ट्रीय विमानन कंपनी के निजीकरण के लिए नवीनतम बोली की दौर में टाटा संस सबसे आगे है। मंत्रियों का पैनल टाटा समूह के प्रतिनिधियों के साथ सौदे के अंतिम विवरण जैसे कर्ज पुनर्गठन, कर्मचारी का टेकओवर, मोड ऑफ पेमेंट के अलावा एयर इंडिया के लिए भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करेगा।
कुल कर्ज का 15 फीसद हासिल करने को तैयार टाटा
टाटा समूह एयर इंडिया में सरकार की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एयरलाइन के कुल कर्ज का लगभग 15 प्रतिशत हासिल करने के लिए तैयार हो सकता है।
रिजर्व प्राइस लगभग 15,000 करोड़ रुपये निर्धारित
पिछले हफ्ते, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग, और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के अधिकारियों ने टाटा समूह के अधिकारियों और स्पाइसजेट के अध्यक्ष अजय सिंह से वित्तीय बोली प्राप्त करने के बाद एयर इंडिया की बिक्री पर चर्चा करने के लिए मुलाकात की थी। सरकार ने मिनिमम रिजर्व प्राइस लगभग 15,000 करोड़ रुपये निर्धारित किया है। रिजर्व प्राइस सेट वह मूल्य है जिसके नीचे सरकार एयर इंडिया के बिक्री के प्रस्तावों को स्वीकार नहीं करेगी।
अभी यह पता नहीं चला है कि टाटा या स्पाइसजेट की बोलियां रिजर्व प्राइस से ऊपर है या नहीं। लेकिन मीडिया रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि टाटा की बोली अधिक थी। रिजर्व प्राइस 28 सितंबर को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में सचिवों की समिति की बैठक में तय किया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि टाटा संस ने किसी भी पूर्व-अधिग्रहण वित्तीय या कानूनी दावों के खिलाफ एक सोवरेन गारंटी की मांग की है जिसका सामना एयर इंडिया को करना पड़ सकता है।
इंटरप्राइज वैल्यू के आधार पर बोली
एयर इंडिया को बेचने के लिए अपनी नवीनतम बोली के हिस्से के रूप में, सरकार ने अक्टूबर 2020 में बोली मानदंडों को बदल दिया और इंटरप्राइज वैल्यू के आधार पर बोलियां बुलाईं। नई योजना के अनुसार सफल बोली लगाने वाले को कोई पूर्व निर्धारित कर्ज नहीं लेना होगा। एयर इंडिया पर करीब 60,000 करोड़ रुपये का शुद्ध कर्ज है।