डिस्मेन्टलिंग ग्लोबल हिन्दुत्व के विरोध में 13 देश, 23 राज्य, 400 गांवों के हिंदुओं का विश्वव्यापी आंदोलन; 250 स्थानों से सरकार को निवेदन
हिंदू जनजागृति समिति ने ‘हिंदू विरोधी प्रचार का वैश्विक षड्यंत्र’ विषय पर ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद आयोजित किया। इसमें इंग्लैंड के हिंदू दार्शनिक और भारतीय संस्कृति के अध्यापक पंडित सतीश शर्मा ने कहा कि पहले जिन ईसाईयों और कम्युनिस्टों ने पूरे विश्व में बड़ी संख्या में नरसंहार किया।
जमशेदपुर, जासं। ‘डिसमेन्टलिंग ग्लोबल हिंदुत्व’ नामक इस हिंदू विरोधी कार्यक्रम का आयोजन वैश्विक स्तर पर किया गया है। इसके विरोध में पूरे विश्व से प्रतिक्रिया दी जा रही है। हिंदुओं में व्यापक स्तर पर रोष निर्माण हुआ है। भारत की कम्युनिस्ट और साम्यवादी विचारधारा के कट्टर समर्थक कविता कृष्णन, आनंद पटवर्धन, नलिनी सुंदर, नेहा दीक्षित, मीना कंदासामी आदि वक्ता इस कार्यक्रम को संबोधित करनेवाले हैं।
हिंदू जनजागृति समिति के पूर्व एवं पूर्वोत्तर राज्य संगठक शंभू गवारे बताते हैं कि इसके साथ ही इसमें विश्व के 40 से अधिक विद्यापीठ भी सहभागी होंगे, ऐसा दावा आयोजकों ने किया है। परंतु पूर्ण विश्व के हिंदुओं के तीव्र विरोध के कारण इनमें से अनेक विद्यापीठों ने ‘हमारा इस कार्यक्रम से कोई भी संबंध नहीं’, ऐसा घोषित कर इस कार्यक्रम से पल्ला झाड़ लिया है। वैश्विक स्तर पर हिंदू द्वेष फैलाने का यह व्यापक षड्यंत्र देखते हुए, इस कार्यक्रम का भारत सरकार विरोध करे, साथ ही कार्यक्रम में सहभागी भारतीय वस्तुओं पर कार्यवाही की जाए, इस मांग के साथ पूरे विश्व के हिंदुओं ने आंदोलन किया। इस विश्वव्यापी आंदोलन में 13 देश, 23 राज्य और 400 गांवों के हिंदू सहभागी हुए हैं। इसके साथ ही इस आंदोलन के अंतर्गत 44 स्थानों पर प्रत्यक्ष तथा 206 स्थानों से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर को ‘ऑनलाइन’ निवेदन भेजे गए हैं। इस आंदोलन में हिंदू जनजागृति समिति सहित पूरे देश के 32 से अधिक हिंदुत्वनिष्ठ संगठन और हिंदू धर्माभिमानी सहभागी हुए। धनबाद में इस विषय में उपायुक्त को निवेदन दिया गया। इस समय समिति की ओर से अमरजीत प्रसाद और तरुण हिंदू से बप्पा सरकार उपस्थित थे।
हिंदू विरोधी प्रचार का वैश्विक षड्यंत्र’ विषय पर हुआ ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद
इस कार्यक्रम द्वारा रचा जा रहा षड्यंत्र सामने लाने के लिए हिंदू जनजागृति समिति ने ‘हिंदू विरोधी प्रचार का वैश्विक षड्यंत्र’ विषय पर ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद आयोजित किया। इसमें इंग्लैंड के हिंदू दार्शनिक और भारतीय संस्कृति के अध्यापक पंडित सतीश शर्मा ने कहा कि पहले जिन ईसाईयों और कम्युनिस्टों ने पूरे विश्व में बड़ी संख्या में नरसंहार किया, उन्हें अब सत्य इतिहास सामने आने का भय सताने लगा है। यूरोप और अमेरिका में लोग अब योग, आयुर्वेद के अनुसार आचरण कर हिंदू संस्कृति की ओर आकर्षित हो रहे हैं। इसीलिए ‘डिसमेन्टलिंग ग्लोबल हिंदुत्व’ यह हिंदू विरोधी परिषद वास्तव में हिंदू धर्म को दुष्प्रचारित (बदनाम) करने का षड्यंत्र है। इसी कारण उन्होंने 9/11 को जानबूझकर परिषद का समय चुना है, क्योंकि यह दिन अमेरिका का दुखद और आतंकवाद का विरोध करनेवाला दिन है। इस कालावधि में हिंदू विरोधी परिषद आयोजित करने का उद्देश्य आतंकवाद और हिंदू धर्म का संबंध जोड़ना तथा पूर्ण विश्व में हिंदू द्वेष फैलाना है। यह इनका पुराना धंधा है। हिंदुओं द्वारा संगठित विरोध करने पर ही उनका षड्यंत्र असफल होगा और उनका अनेक वर्षों पुराना धंधा समाप्त होगा।
एक को ‘गजवा-ए-हिंद’, तो दूसरे को ‘रोम राज्य’ लाना है
प्रसिद्ध लेखिका और मानुषी मासिक की संस्थापक संपादक प्राे. मधु पूर्णिमा किश्वर ने कहा कि भारत की उच्चतम पुरातन ज्ञानपरंपरा की तुलना में हम पिछड़े हैं, ऐसी पाश्चात्य धारणा में पहले से ही हीनभावना थी। इसलिए हिंदुओं के विरोध में घृणा फैलाई जाती है। एक को ‘गजवा-ए-हिंद’, तो दूसरे को ‘रोम राज्य’ लाना है, यह अब छिपा हुआ नहीं है। हिंदू धर्म को दुष्प्रचारित (बदनाम) करने के प्रयासों का विरोध करना होगा। सिडनी (ऑस्टे्लिया) के विचारक डॉ. यदु सिंह ने कहा कि हिंदू, हिंदू धर्म और हिंदुत्व अलग न होकर एक ही है, परंतु उन्हें विभाजित कर हिंदू विरोधी हिंदुत्व के नाम पर पूरे हिंदू धर्म को निशाना बनाया जा रहा है। अमेरिका में परिषद के आयोजक हिंदू धर्म द्वेषी हैं। अमेरिका और कनाडा के विद्यापीठ इसके लिए धन दे रहे हैं। हिंदुओं को अब दृढ़तापूर्वक संगठित होकर उनका वैचारिक स्तर पर विरोध करना चाहिए।
‘हिंदुत्व’ को कभी भी पराजित नहीं कर सकते
हिंदू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी ने कहा कि वैश्विक स्तर पर अब हिंदुओं को संगठित होना चाहिए, साथ ही भारत सरकार को भी अपनी राजनीतिक शक्ति का उपयोग कर हिंदू विरोधी कार्यक्रम रद करने का प्रयास करना चाहिए। सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन राजहंस ने कहा कि वैश्विक शक्तियां यह जानती हैं कि आचरण और तत्वज्ञान के आधार पर हम ‘हिंदुत्व’ को कभी भी पराजित नहीं कर सकते। इसलिए हिंदुत्व को आतंकवादी, जातिवादी, यौन अत्याचारी इत्यादि दिखाकर कलंकित करने का षड्यंत्र अर्थात अमेरिका में होनेवाली हिंदू विरोधी परिषद!
ट्विटर पर भी ‘डिस्मेंटलिंग ग्लोबल हिंदुत्व’ कार्यक्रम का जोरदार विरोध
इस ‘विशेष संवाद’ के पूर्व ‘डिस्मेंटलिंग ग्लोबल हिन्दुत्व’ इस हिंदू विरोधी कार्यक्रम का ‘ट्विटर ट्रेंड’ द्वारा भी भारी विरोध किया गया। इस समय अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, नीदरलैंड, कनाडा, ऑस्टे्लिया, कतर, इंडोनेशिया, मलेशिया, जापान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल इत्यादि देश के हिंदू स्वत:स्फूर्त सहभागी हुए थे। #DGH_Panelists_Hindu_Haters इस ‘हैशटॅग’ का उपयोग कर 81 हजार से अधिक ट्वीट किए गए। इसके फलस्वरूप ‘ट्विटर’ पर यह हैशटॅग प्रथम क्रमांक पर था। इस हिंदू विरोधी कार्यक्रम का विरोध करने हेतु हिंदू जनजागृति समिति द्वारा Hindujagruti.org जालस्थल (वेबसाइट) पर ‘ऑनलाइन पीटिशन’ रखी गई है, जिस पर अभी तक 2750 से अधिक लोग ईमेल के माध्यम से सहभागी हुए हैं। यह पिटीशन http://HinduJagruti.org/protest-dgh लिंक पर उपलब्ध है। अधिकाधिक हिंदू इसमें सहभागी बनें, ऐसा आवाहन समिति ने किया है।