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एसीबी की नोटिस के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा- मैनहर्ट परामर्शी को भुगतान उच्च न्यायालय के आदेश पर हुआ, मुख्यमंत्री थे अर्जुन मुंडा व वित्त मंत्री हेमंत सोरेन

झारखंड के रांची में सिवरेज-ड्रेनेज निर्मण का डीपीआर तैयार करने के मामले में मैनहर्ट परामर्शी की नियुक्ति की गई थी। इस नियुक्ति में हुई अनियमितता और भ्रष्टचार मामले एसीबी ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को नोटिस भेजा है। नोटिस के राजनीतिक दांव-पेंच फिर से शुरू हो गई।

By Jitendra SinghEdited By: Published: Fri, 25 Jun 2021 01:46 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jun 2021 01:46 PM (IST)
एसीबी की नोटिस के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा- मैनहर्ट परामर्शी को भुगतान उच्च न्यायालय के आदेश पर हुआ, मुख्यमंत्री थे अर्जुन मुंडा व वित्त मंत्री हेमंत सोरेन
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास की प्रतीकात्मक तस्वीर

जमशेदपुर, जासं। झारखंड के रांची में सिवरेज-ड्रेनेज निर्मण का डीपीआर तैयार करने के मामले में मैनहर्ट परामर्शी की नियुक्ति की गई थी। इस नियुक्ति में हुई अनियमितता और भ्रष्टचार मामले एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को नोटिस भेजा है। इस नोटिस के राजनीतिक दांव-पेंच फिर से शुरू हो गई। झारखंड की राजनीति गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी पलटवार करते हुए शुक्रवार को कहा कि उन्हें जांच से कोई परहेज नहीं, लेकिन जांच निष्पक्ष होना चाहिए।

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पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि मेनहर्ट के मामले पर कुछ लोग राजनीतिक रोटी सेंक कर अपना गुजारा कर रहे हैं।     2005 से अब तक इस मामले में आरोपों के अलावा कुछ नहीं मिला है। इस बीच में कई सरकारें आईं और चली गई।

     उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 में उच्च न्यायालय के आदेश के बाद कंपनी को भुगतान किया था, उस समय अर्जुन मुंडा मुख्यमंत्री और हेमंत सोरेन वित्त मंत्री थे। फिर भी राज्य सरकार चाहे जिस एजेंसी से जांच कराये, वे घबरानेवाले लोगों में से नहीं है। उन्होंने मांग की कि निष्पक्ष जांच कराकर सरकार इस मामले का पटाक्षेप करे, ताकि कुछ लोग जो इसे लेकर अपनी राजनीति चमकाने में लगे रहते हैं, उनको जवाब मिल जाए। साथ ही यदि इसकी जांच कराई जाये कि जिस कंपनी को उसके निक्कमेपन के कारण हटाकर मैनहर्ट को कार्य दिया गया था, उस कंपनी के पैरोकार कौन है। इसमें उनका क्या लाभ था, कंपनी का दफ्तर किसके परिसर में था, तो उनकी पोल अवश्य खुल जायेगी। झारखंड में ईमानदारी का चोला ओढ़कर कुछ लोग भ्रष्टाचार के नाले में डुबकियां लगा रहे हैं, जल्द ही उनका चेहरा भी बेनकाब होगा। उन्हें मुंह छिपाने के लिए जगह नहीं मिलेगी।


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