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Coronavirus Jamshedpur : कई कोरोना संक्रमित की मौत के बाद आज तक नहीं हुई उनके परिवार की जांच

Coronavirus Jamshedpur . वैसे लोगों की जांच नहीं हो रही है जिनकी जांच आवश्यक थी। जिन घरों में कोरोना से मौत हो रही है उनके परिवार की जांच प्रशासन नहीं कर रहा है।

By Rakesh RanjanEdited By: Published: Wed, 09 Sep 2020 09:01 PM (IST)Updated: Wed, 09 Sep 2020 09:01 PM (IST)
Coronavirus Jamshedpur : कई कोरोना संक्रमित की मौत के बाद आज तक नहीं हुई उनके परिवार की जांच
Coronavirus Jamshedpur : कई कोरोना संक्रमित की मौत के बाद आज तक नहीं हुई उनके परिवार की जांच

 जमशेदपुर, वीरेंद्र ओझा। झारखंड के जमशेदपुर शहर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही है। यह तब है, जब अभियान चलाकर जांच हो रही है। इसमें उन्हीं लोगों की जांच हो रही है, जो स्वेच्छा से जांच कराने आ रहे हैं। जांच उनकी भी हो रही है, जो किसी बीमारी का इलाज कराने अस्पताल पहुंच रहे हैं। वैसे लोगों की जांच नहीं हो रही है, जिनकी जांच आवश्यक थी। जिन घरों में कोरोना से मौत हो रही है, उनके परिवार की जांच प्रशासन नहीं कर रहा है। 

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इसके कई उदाहरण हैं, जिसमें ताजा मामला पांच सितंबर का है, जिसमें मानगो निवासी का शव बदल गया था। उनके परिवार की प्रशासन ने कोरोना जांच नहीं कराई। छह सितंबर को काशीडीह के 45 वर्षीय युवक की मौत हुई थी, उसके परिवार की भी जांच नहीं हुई। इसे छोड़िए ठीक एक माह पहले सिंहभूम चैंबर के कार्यकारिणी सदस्य एसएम गुलजार और चार अगस्त को सिंहभूम चैंबर के उपाध्यक्ष दिनेश चौधरी का निधन हुआ था। उनके परिवार की कोरोना जांच आज तक नहीं हुई। चैंबर के जो सदस्य उनके निधन के पहले व बाद में सक्रिय रहे, उन्होंने खुद टीएमएच जाकर अपनी जांच कराई। सवाल है कि जब ऐसी स्थिति रहेगी तो कोरोना का संक्रमण तो फैलना स्वाभाविक है। 

ये है स्थिति 

एआइएमआइएम के नेता रेयाज शरीफ बताते हैं कि रांची से शव की अदला-बदली होने के बाद जब उनका शव रात को 11 बजे मार्चुरी में रखा गया, तो उसी समय प्रशासन से शव की कोरोना जांच कराने का आग्रह किया था। दूसरे दिन सुबह से हमलोग गुहार लगाते रह गए। स्वास्थ्य विभाग का फोन तब आया, जब हम उन्हें दफनाकर शाम चार बजे कब्रिस्तान से निकल रहे थे। यही स्थिति गुलजार साहब के निधन पर भी हुई थी। उसमें तो मंत्री हाजी हुसैन अंसारी ने भी उनके परिवार की जांच के लिए फोन किया था। अब इससे ज्यादा लापरवाही क्या हो सकती है।

कई आकर घूम रहे शहर में 

अभी भी कई ऐसे लोग हैं, जो बाहर से आने के बाद बिना जांच कराए घूम रहे हैं। एनएच-33 स्थित वसुंधरा में करीब 10 दिन पहले एक व्यक्ति कानपुर से आया है। उसकी कोई जांच नहीं हुई और वह बाहर भी घूम रहा है। व्यक्ति डुप्लेक्स में रहता है। इसी तरह दस दिन पहले एक निजी कंपनी का प्रबंधक राजस्थान से आकर सीधे ड्यूटी ज्वाइन कर लिया। इस तरह के कई उदाहरण यह बताने के लिए काफी है कि प्रशासन कोरोना जांच किस तरह कर रहा है।


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