ठंड से ठिठुर रहे गरीब, भूल गए कंबल बांटना
छठ से ही मौसम ने करवट ले ली है। करीब एक सप्ताह से ठंड पड़ रही है हवा में कनकनी भी है। गरीब जहां-तहां पड़े ठिठुरते हुए रात गुजार रहे हैं लेकिन कंबल बांटने वाले लगता है भूल गए हैं।
जमशेदपुर (वीरेंद्र ओझा)। छठ से ही मौसम ने करवट ले ली है। करीब एक सप्ताह से ठंड पड़ रही है, हवा में कनकनी भी है। गरीब जहां-तहां पड़े ठिठुरते हुए रात गुजार रहे हैं, लेकिन कंबल बांटने वाले लगता है भूल गए हैं। अमूमन शहर में कंबल वितरण का कार्यक्रम दिसंबर के मध्य या अंत में शुरू होता है, जबकि अभी इसकी जरूरत है।
पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन भी इस बार दिसंबर के तीसरे सप्ताह में कंबल बांटना शुरू करेगा, क्योंकि अभी तो इसका टेंडर ही निकला है। टेंडर या निविदा 24 दिसंबर को खुलेगी, लिहाजा इससे पहले कंबल बांटने का सवाल ही नहीं उठता। देखने वाली बात होगी कि कंबल के लिए कितने टेंडर आते हैं। जिला प्रशासन ने 300 रुपये अधिकतम मूल्य पर 51,000 कंबल के लिए निविदा निकाली है।
पिछले साल जिले से करीब 70,000 कंबल बंटे थे। जिले के सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा अमरेंद्र कुमार बताते हैं कि पिछले साल कम मूल्य पर आपूर्तिकर्ता कंबल देने को तैयार हो गए थे। इस बार भी कम कीमत में कंबल देने को कोई तैयार होगा, तो शेष राशि से कंबल की संख्या बढ़ा दी जाएगी।
हालांकि इसका पता 14 दिसंबर को ही पता चल पाएगा कि जिले में इस बार कितने कंबल की खरीद होगी और कितनी बंटेगी।
उधर, शहर में कंबल वितरण के लिए प्रसिद्ध हर-हर महादेव सेवा संघ का कंबल वितरण भी पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती से शुरू होगा, जो 25 दिसंबर को है। संघ के संस्थापक अमरप्रीत सिंह काले का कंबल वितरण वाजपेयी जी को समर्पित रहता है। यह उनका 15वां वर्ष होगा।
इसकी शुरुआत वे साधु-संतों काे कंबल ओढ़ाकर करते हैं। काले हर साल लगभग 10,000 कंबल बांटते हैं। इनके अलावा शहर की कई संस्था व समाजसेवी कंबल बांटते हैं, लेकिन इस बार अभी तक कोई सड़क पर निकला है।