Automobile sector : टाटा मोटर्स का उत्पादन घटा, आदित्यपुर क्षेत्र में हाहाकार Jamshedpur News
देश की बड़ी वाहन निर्माता कंपनी टाटा मोटर्स में उत्पादन घटने से आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में हाहाकार मचा है। यहां की कंपनियां वाहनों के पार्ट-पुर्जे बनाती है।
जमशेदपुर, जेएनएन। ऑटोमोबाइल क्षेत्र में मंदी का कहर है। टाटा मोटर्स में छाई मंदी विकराल रूप धारण करती जा रही है। कंपनी में फिर आठ से ग्यारह अगस्त को ब्लॉक- क्लोजर होने जा रहा है। इस बंदी का असर आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की सैकड़ों कंपनियों में पड़ रहा है। टाटा मोटर्स के लिए रॉ-मैटेरियल, पार्ट्स बनाने वाली कंपनियां, वेंडर्स, सप्लायर सभी कर्मचारी प्रभावित है। कई करखाने में तो ताले लटक गए हैं। मजदूरों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
2500 वाहन बनाने का लक्ष्य
टाटा मोटर्स में चालू माह में मात्र 2500 से 3000 तक ही वाहन बनने की संभावना है। वहीं जमशेदपुर के लखनऊ प्लांट में 1500 वाहन बनाने का लक्ष्य मिला है। बताया जा रहा है कि इतनी बड़ी मंदी वर्षों बाद आयी है जब कंपनी के ऑर्डर में इतनी कमी हुई है। यूनियन सूत्रों के मुताबिक बरसात के दिनों में उत्पादन में कमी होती थी बावजूद एक माह में 5000 वाहन तैयार होते थे।
अस्थायी कर्मियों को मिले 15 दिन का वेतन
मंदी का असर सबसे ज्यादा टाटा मोटर्स के अस्थायी कर्मियों व ठेकेदार मजदूरों में दिखा जा रहा है। ठेका मजदूरों को जहां काम से बैठाया गया है वहीं अस्थायी कर्मियों को पूरे एक माह में मात्र 15 दिन ही काम मिला है। वेतन पर्ची मिलने के बाद पता चला कि अस्थायी कर्मियों को बीते माह में आधे दिन का वेतन मिला है।
इंटक अधिवेशन में उठा क्लोजर का मुद्दा
दिल्ली में आयोजित इंटक व यूथ इंटक के अधिवेशन में भी ब्लॉक-क्लोजर का मुद्दा उठाया गया है। वर्षों बाद टाटा मोटर्स में इतनी संख्या में क्लोजर किया जा रहा है। इस स्थिति से निपटने के लिए शहर के इंटक नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जी संजीवा रेड्डी को पत्र लिखा है। पत्र में टाटा वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा है कि ब्लॉक-क्लोजर के अलावा आदित्यपुर क्षेत्र के 35 औद्योगिक इकाइयों को उसके मालिकों ने सिर्फ इसलिए बंद कर दिया है क्योंकि बिजली महंगी है, कर दुगुना हो गया तथा आए दिन श्रम कानूनों में परिर्वतन हो रहा है। 35 कंपनियों बंद है तो 30 हजार मजदूर काम से बैठाए गए हैं। संजीवा रेड्डी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए इस दिशा में मजदूरों के हित में काम करने को आश्वस्त किया।
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