आदि कुड़मी युवा शक्ति ने कहा- आदिवासी हिंदू नहीं बल्कि प्रकृति पूजक सरना हैं Jamshedpur News
जाहेरथान का मिट्टी राम मंदिर के लिए ले जाना आदिवासी समुदाय को जबरन हिंदूकरण करो जैसा है जबकि आदिवासी मूर्ति पूजक हिंदू नहीं बल्कि प्रकृति पूजक सरना धर्मावलंबी हैं।
जमशेदपुर (जासं) । अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण में विश्व ङ्क्षहदू परिषद धार्मिक कार्य कम और राजनीति अधिक कर रही है। इस कार्य में विश्व हिंदू परिषद के नाम से भाजपा और आरएसएस के नेता व कार्यकर्ता अधिक सक्रिय हैं। जाहेरथान का मिट्टी राम मंदिर के लिए ले जाना आदिवासी समुदाय को जबरन हिंदूकरण करो जैसा है, जबकि आदिवासी मूर्ति पूजक हिंदू नहीं बल्कि प्रकृति पूजक सरना धर्मावलंबी हैं। इस विषय को लेकर रविवार को आदि कुड़मी युवा शक्ति की बैठक हुई। मौके पर 2021 में होने वाले जनगणना को लेकर भी चर्चा की गई।
मौके पर ईश्वरचंद्र महतो ने कहा कि आदिवासी परंपरा में जाहेरथान परिसर में पेड़ काटना और मिट्टी खोदो पर सख्त मनाही रहता है। ऐसा करने पर विपत्ती आना निश्चित रहता है। ऐसे में भाजपा, आरएसएस या विहिप नेता व कार्यकर्ता अगर किसी जाहेरथान से मिट्टी उठाए हैं तो उस मिट्टी को जल्द से जल्द वापस रख दें। किसी अन्य मान्यता के समुदाय के रीति-रिवाजों में दखलअंदाजी करने का हक किसी को भी नहीं है।
इस अवसर पर संतोष कुमार महतो ने बताया कि 2021 को होने वाले जनगणना में सभी कुड़मियों को धर्म के जगह पर प्रकृति पूजक सरना और भाषा के जगह पर कुड़माली लिखने की अपील की। कोरोना महामारी को देखते हुए बैठक के दौरान शारीरिक दूरी और मास्क का प्रयोग करते हुए सभी शामिल हुए। मौके पर प्रह्लाद चंद्र महतो, निर्मल महतो, रवि महतो, सनातन महतो आदि मौजूद थे।